अंतरिक्ष विभाग

अंतरिक्ष विभाग की वर्षांत समीक्षा

Posted On: 26 DEC 2017 7:06PM by PIB Delhi

वर्षांत समीक्षा-2017

    

वर्ष 2017 के दौरान अंतरिक्ष विभाग के कार्यकलापों की मुख्‍य विशेषताएं निम्‍नलिखित हैं:

कैलेंडर वर्ष 2017 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 15 फरवरी, 2017 को एकल लांच में, ऑनबोर्ड पीएसएलवी-सी37 पर 104 उपग्रह तथा 23 जून, 2017 को एकल लांच में, ऑनबोर्ड पीएसएलवी-सी38 पर 31 उपग्रहों का प्रक्षेपण किया। इन उपग्रहों में भारतीय विश्‍वविद्यालय से – दो भारतीय कार्टोसैट-2 सीरीज उपग्रह, दो भारतीय नैनो-उपग्रह तथा 19 देशों- ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, चिली, चेक गणराज्‍य, फ्रांस, फिनलैंड, जर्मनी, इटली, इस्राइल, जापान, कजाकिस्‍तान, लातविया, लिथुआनिया, स्‍लोवाकिया, स्विटजरलैंड, हॉलैंड, संयुक्‍त अरब अमीरात, ब्रिटेन एवं अमरीका के 130 विदेशी उपग्रह शामिल हैं। कार्टोसेट-2 सीरीज उपग्रहों को पांच वर्षों की डिजाइन मिशन लाइफ के साथ एक सन सिंक्रोनस आर्बिट में रखा गया है। इन उपग्रहों का मुख्‍य उद्देश्‍य  सब-मीटर रिजुलुशन (श्‍वेत-श्‍याम छवि) पर एवं दो मीटर रिजुलुशन (4 बैंड रंगीन छवि) पर धरती की ऊपरी सतह की हाई रिजुलुशन छवियां उपलब्‍ध कराना है। इन उपग्रहों से प्राप्‍त छवियां हाई रिजुलुशन छवियों की आश्‍वयकता वाले विविध अनुप्रयोगों में उपयोगी हैं, जिनमें कार्टोग्राफी, अवसंरचना योजना निर्माण, शहरी एवं ग्रामीण विकास, उपयोगिता प्रबंधन, प्राकृतिक संसाधन इवेंट्री एवं प्रबंधन, आपदा प्रबंधन शामिल हैं।

भारत के जियो सिंक्रोनस सैटेलाइट लांच व्हिकल मार्क II (जीएसएलवी-एफ09) ने 05 मई, 2017 को अपने सुनियोजित जियो सिंक्रोनस ट्रांसफर आर्बिट (जीटीओ) में 2230 किलोग्राम दक्षिण एशिया उपग्रह (जीसैट-9) का प्रक्षेपण किया। जीएसएलवी का प्रक्षेपण इसका 11वां प्रक्षेपण था और भारत के अंतरिक्ष बंदरगाह श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केन्‍द्र, एसएचएआर (एसडीएससी एसएचएआर) से दूसरे लांच पैड से इसका प्रक्षेपण किया गया। स्‍वदेशी रूप से विकसित क्रायोजनिक अपर स्‍टेज को ढोने वाले जीएसएलवी द्वारा अर्जित यह चौथी लगातार सफलता थी।

भारत के हैवी लिफ्ट लांच व्हिकल जीएसएलवी एमके-III के पहले डेवलपमेंटल फ्लाइट (जीएसएलवी एमके-III-डी1) का जीसैट-19 उपग्रह के प्रक्षेपण के साथ सतीश धवन अंतरिक्ष केन्‍द्र एसएचएआर, श्रीहरिकोटा से 05 जून, 2017 को सफलतापूर्वक परिचालन किया गया। यह जीएसएलवी एमके-III का पहला आर्बिट मिशन था, जिसका मुख्‍य रूप से उद्देश्‍य उड़ान के दौरान अपने संपूर्ण रूप से विकसित स्‍वदेशी क्रायोजनिक अपर स्‍टेज के प्रदर्शन समेत व्हिकल प्रदर्शन का मूल्‍यांकन करना था। लिफ्ट-ऑफ के दौरान 3136 किलोग्राम वजन वाला जीसैट-19 भारतीय भूमि से प्रक्षेपित होने वाला सबसे भारी वजन का उपग्रह बन गया।

29 जून, 2017 को, जीसैट-17 दो महीनों के दौरान आर्बिट में सफलतापूर्वक पहुंचने वाला तीसरा संचार उपग्रह बन गया। जीसैट-17 को फ्रेंच गुयाना के कोरो से यूरोपीय एरियन-5 लांच व्हिकल द्वारा प्रक्षेपित किया गया।

भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम पर दो दिवसीय अंतर्राष्‍ट्रीय संगोष्‍ठी ‘उद्योग के लिए रुझान एवं अवसर’ का आयोजन 20-21 नवम्‍बर, 2017 को नई दिल्‍ली में किया गया। इस संगोष्‍ठी का आयोजन फिक्‍की के समन्‍वय से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), एंट्रिक्‍स कॉरपोरेशन लिमिटेड (इसरो की वाणिज्यिक कंपनी) द्वारा किया गया। इस दो दिवसीय सम्‍मेलन में सर्वश्रेष्‍ठ प्रचलनों, भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के भविष्‍य के कार्य को समर्थन देने के लिए वर्तमान में जारी परिचर्चा का अनुसरण करने तथा एक समन्वित संरचना, जिसमें भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र संवर्धित साझेदारियों एवं सहयोगों के माध्‍यम से घरेलू एवं वैश्विक अवसरों का विस्‍तार आरंभ कर सके, पर सर्वसहमति बनाने में सहायता करने पर विचार किया गया। संगोष्‍ठी का उद्देश्‍य हाल के वर्षों में भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र की उपलब्धियों एवं ऐतिहासिक कार्यों को रेखांकित करना तथा भविष्‍य की योजनाओं एवं कार्यक्रमों का निर्माण करना था। संगोष्‍ठी के दौरान उद्योग, नीति निर्माताओं, विचारकों एवं शिक्षाविदों के हितधारकों ने घरेलू एवं अंतर्राष्‍ट्रीय बाजार दोनों को लक्षित करते हुए भारतीय उद्योग द्वारा वाणिज्यिक क्षेत्र का दोहन करने की भारत सरकार की सक्षमकारी एवं प्रेरक नीतियों पर चिंतन बैठक की।

एस्‍ट्रोसेट भारत की बहुतरंग दैर्ध्‍य दूरबीन है इसमें अंतरिक्ष में अपने दो वर्ष सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं। इसने एक्‍स-रे के ध्रुव्रीकरण को मापने का कठिन कार्य भी सफलतापूर्वक पूरा किया। प्रकृति खगोल विज्ञान लेख में वैज्ञानिकों के दल ने अपने 18 महीनों के शोध परिणामों के बाद कहा है कि ध्रुव्रीकरण के रूपांतर के चुबंकीय पटल पर प्रत्‍येक वस्‍तु दूसरों की तुलना में 30 गुना अधिक तीव्रता से घूमती है। यह माप पल्‍सर से कुछ ऊर्जा एक्‍स–रे उत्‍सर्जन की मौजूदा सिद्धांतों के लिए एक चुनौती है।

29 सितम्‍बर, 2017 को राज्‍यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने गुजरात के सूरत में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की उपलब्धियों से जुड़ी एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस प्रदर्शनी का आयोजन नगर-निगम विद्याल बोर्ड के तहत हुआ जिसमें बड़ी संख्‍या में स्‍कूली बच्‍चों ने भाग लिया।

इसरो टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी), भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अंतरिक्ष विभाग और वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) राष्‍ट्रीय भौतिकी प्रयोगशाला (एनपीएल) और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के बीच 04 अगस्‍त, 2017 को नई दिल्‍ली में समझौता पत्र पर हस्‍ताक्षर हुए। समझौते के तहत सीएसआईआर-एनपीएल इसरो को समय और फ्रीक्‍वेंसी पर निगरानी बनाए रखने की सुविधा देते हैं।

मंगलयान मिशन 24 सितम्‍बर, 2017 को कक्षा में सफलतापूर्वक अपने तीन वर्ष पूरा कर चुका है। हालांकि इसको 6 माह के मिशन की समय सीमा के आधार पर ही तैयार किया गया था।

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वीके/एएम/एसकेजे/बीपी/वाईबी/एसकेपी–6102

 

 

 

 



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