विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय
Posted On:
21 DEC 2017 5:29PM by PIB Delhi
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की वर्ष 2017 की गतिविधियां, उपलब्धियां और प्रमुख विकास के मुख्य आकर्षण निम्नलिखित हैं:
महत्वपूर्ण घटनाएं
- भारतीय विज्ञान कांग्रेस के 104 वें सत्र का उद्घाटन प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने तिरुपति में 3 जनवरी 2017 को किया था।
भारतीय विज्ञान कांग्रेस, भारत के वैज्ञानिक समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण वार्षिक कार्यक्रम है, जिसमें वैज्ञानिक, शोधकर्ता और विज्ञान के छात्रों ने वैज्ञानिक विचार-विमर्श में भाग लिया है।
- केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 10 फरवरी 2017 को अंग्रेजी ब्रेल में "एटलस फॉर विज़ुअली इम्पेअरड (इंडिया)" का विशेष संस्करण जारी किया। यह ब्रेल एटलस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत आने वाले राष्ट्रीय एटलस और थीम मैपिंग संगठन (एनएटीएमओ) द्वारा तैयार किया गया है।
- डॉ. हर्षवर्धन ने 10 अप्रैल, 2017 को सर्वे ऑफ इंडिया के 250वीं वर्षगांठ के अवसर पर "नक्षी" पोर्टल का उद्घाटन किया। सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा तैयार भूगर्भ या स्थलाकृति सहित प्राकृतिक और मानव निर्मित भौगोलिक विशेषताओं वाला भौगोलिक मानचित्र युक्त ओपन सीरीज़ मानचित्र (एसएसआई) की 1767 में स्थापना के बाद बना राष्ट्रीय मानचित्र नीति -2005 उसके अनुरूप है। भारत सरकार के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के अनुरूप आधार रखने वाले उपयोगकर्ताओं के लिए प्रमाणीकरण प्रक्रिया के माध्यम से ओपन सीरीज़ मानचित्र "नक्षी" पोर्टल से पीडीएफ प्रारूप में 1: 50,000 पैमाने पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध है।
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भारत की सफलता को 11 मई 2017 को प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में मनाया गया। भारत की चुनौतियों के समाधान के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के सफलतापूर्वक प्रयोग को लेकर प्रौद्योगिकी दिवस मनाया गया। 11 मई 1998 को पोखरण में परमाणु परीक्षण किया गया था। ‘शक्ति’ अभियान के बाद प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस दिन भारत के परमाणु संपन्न राष्ट्र होने की घोषणा की थी और इसके बाद भारत परमाणु क्लब में छठवें देश के तौर पर शामिल हो गया।
- भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने 29 जून, 2017 को साल्ट लेक, कोलकाता में बोस इंस्टीट्यूट के यूनिफाइड कैम्पस का उद्घाटन किया। इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि वास्तव में उनके लिए प्रतिष्ठित बोस संस्थान के एकीकृत परिसर के उद्घाटन के अवसर पर उपस्थित होना एक विशेषाधिकार की तरह है। उन्होंने कहा कि लगभग एक सदी पहले जे.सी. बोस ने इस संस्थान को देश को समर्पित किया था, जो देश की अपनी सेवा के लिए पूरी तरह से वैज्ञानिक अनुसंधान के प्रति समर्पित अपनी तरह का पहला संस्थान था। आज, इस नए परिसर के उद्घाटन के साथ, बोस संस्थान अपनी यात्रा में एक नए चरण की शुरुआत कर रहा है, इस वर्ष जितना अधिक उपयुक्त होगा क्योंकि संस्थान इस साल अपनी शताब्दी मना रहा है।
- 22 जुलाई 2017 को संचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेल मंत्री श्री मनोज सिन्हा द्वारा सर्वे ऑफ इंदिया की स्थापना के 250वें वर्ष के अवसर पर एक स्मारक टिकट जारी किया गया।
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री, पृथ्वी विज्ञान और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, डॉ. हर्षवर्धन ने 22 सितंबर, 2017 को "पंडित दीन दयाल उपाध्याय विज्ञान ग्राम संकुल परिजन" का शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम उत्तराखंड में एकत्रित दृष्टिकोण के माध्यम से सशक्त विकास के लिए उपयुक्त विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल और उसे कार्यान्वित करने का प्रयास करेगा।
- भारत और ब्रिटेन के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रियों ने 1 नवंबर 2017 को विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवीनता में भारत-ब्रिटेन भागीदारी में हुई प्रगति की समीक्षा की- भारत और ब्रिटेन के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रियों ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवीनता में भारत-ब्रिटेन की भागीदारी में हुई प्रगति की समीक्षा की, जो कि न्यूटन-भाभा कार्यक्रम के तहत काफी तेज हो गई है।
- भारत और कनाडा प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन का उद्घाटन, 14 नवंबर, 2017 को हुआ- भारत और कनाडा ने दो-दिवसीय भारत-कनाडा प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन के उद्घाटन के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों में एक नये अध्याय की शुरुआत की। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस शिखर सम्मेलन का उद्घाटन केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन, डॉ. हर्षवर्धन तथा कनाडा के अभिनव, विज्ञान और आर्थिक विकास मंत्री श्री नवदीप सिंह बेंस ने किया।
- मिशन इनोवेशन स्मार्ट ग्रिड्स वर्कशॉप- स्मार्ट ग्रिड पर मिशन इनोवेशन चुनौती सामूहिक रूप से भविष्य के स्मार्ट ग्रिड को अक्षय ऊर्जा से संचालित करने के लिए काम कर रही है। भारत, इटली और चीन के साथ 20 सहभागी देश सह-नेतृत्व के रूप में इस आकांक्षा का अहसास करने को लेकर मिलकर काम कर रहे हैं। इन उद्देश्यों की प्राप्ति की खातिर समय-समय पर कार्यवाही के लिए अनुसंधान प्राथमिकताओं को परिभाषित करने और कार्य योजना विकसित करने के वास्ते 16-19 नवंबर, 2017 के दौरान एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन नई दिल्ली में किया गया।
- भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने 2 9 नवंबर, 2017 को कोलकाता में बोस इंस्टीट्यूट के शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम में शामिल होकर इसे सम्मानित किया। इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि बोस इंस्टीट्यूट भारतीय विज्ञान के परिदृश्य में एक अनूठी और उच्च स्थान पर स्थित है। यह देश में स्थापित होने वाली सबसे पहले वैज्ञानिक संस्थानों में से एक थी। इस संस्थान ने विज्ञान सेवा करती है और इस लिहाज से यह भारत की सेवा है। इस संस्थान ने जैविक और भौतिक विज्ञान में अनुसंधान के लिए बहुत योगदान दिया है। इस समय, इस संस्थान के ग्रामीण बायो-टेक्नोलॉजी पहल के माध्यम से यह ग्रामीण बंगाल में बहुत ही सक्रिय व अग्रणी सामाजिक कार्यक्रम रहा है। यह पूर्वोत्तर के विभिन्न राज्यों में स्कूली बच्चों के लिए शैक्षिक उत्थान के कार्यक्रमों को भी तैयार कर रहा है। वास्तव में, यह हमारे समाज में जमीनी स्तर तक विज्ञान की संस्कृति और नवीनता को फैलाने का एक ईमानदार प्रयास कर रहा है।
नई पहल
- एसईआरबी विशिष्ट प्रतिष्ठाकर्ता पुरस्कार (एसईआरबी-डीआईए) नामक एक नई योजना को असाधारण वैज्ञानिकों की प्रारंभिक पहचान और सशक्तिकरण के लिए मंजूरी दी गई है। इस योजना का उद्देश्य युवा वैज्ञानिकों को चिहिन्त और उन्हें पुरस्कृत करना है जिन्होंने अपने अतिरिक्त मूरल रिसर्च स्कीम के तहत एसईआरबी समर्थित परियोजनाओं में असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन अभी एसएस भटनागर पुरस्कार/जेसी बोस फेलोशिप आदि जैसे उन्नत व्यावसायिक मान्यता के स्तर तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। पुरस्कार विजेताओं को 3 वर्ष की अवधि के लिए 15,000 रुपये प्रति माह का मानदेय मिलेगा और उन्हें अपने अनुसंधान के विकास के लिए एक प्रोजेक्ट दिया जाएगा।
- तारे (टीचर एसोसिएट्स फॉर रिचर्स एक्सीलेंस) मोबिलिटी स्कीमः एसईआरबी द्वारा मंजूर एक नई योजना तैयार की गई है, जिसका मकसद हमारे कॉलेजों और राज्य विश्वविद्यालयों में शोध व विकास की संभावनाओं को सक्रिय करना है जहां विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी को लेकर बुनियादी ढांचे तथा संस्कृति का अभाव है। तारे योजना राज्य विश्वविद्यालयों या कॉलेजों में नियमित रूप से काम कर रहे शिक्षकों को आईआईटी, आईआईएससी, आईआईएसईआर, राष्ट्रीय लैब्स आदि जैसे शैक्षणिक संस्थानों में अंशकालिक अनुसंधान करने अनुमति देगी। ये शिक्षक जिस शहर में स्थित संस्थान में पढ़ा रहे होंगे उसी शहर में स्थित आईआईटी, आईआईएससी, आईआईएसईआर, राष्ट्रीय लैब्स आदि के साथ काम करने का मौका मिलेगा।
- मनक (मिलिनय माइंड्स ऑग्यूमेंटिंग नेशनल एस्पेरिशन एंड नॉलेज): सरकार की स्टार्ट-अप इंडिया की पहल के संदर्भ में, मनक के कार्यान्वयन को कक्षा छठवीं से दसवीं तक के स्कूली बच्चों के बीच वैज्ञानिक नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया है। इससे नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और उद्यमियों की संख्या में भी इजाफा होगा। कार्यक्रम को बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोत्साहित के मकसद से तैयार किया गया है ताकि वे समाज को देख सकें और उनका विश्लेषण कर सकें।
- साइबर सुरक्षा और साइबर सुरक्षा के बुनियादी ढांचा के लिए इंटरडिस्पिलनरी सेंटरः आईआईटी कानपुर में करीब 15 करोड़ रुपये की लागत से साइबर सुरक्षा और साइबर सुरक्षा के बुनियादी ढांचा के लिए इंटरडिस्पिलनरी सेंटर तैयार किया गया है। यह भारत का पहला अपने तरह का शोध केंद्र है जिसे ऊर्जावान प्रोफेसर की निगरानी में तैयार किया गया है। इस केंद्र का मिशन देश के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को तकनीकी युक्त सुरक्षित बनाना को लेकर अनुसंधान, शिक्षा, प्रशिक्षण और स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित करना है।
- क्वांटम इंफार्मेशन साइंस एंड टेक्नोलॉजी(क्यूएसटी): डीएसटी द्वारा शुरू किया गया यह नया कार्यक्रम अगली पीढ़ी और भविष्य के कंप्यूटर, संचार और क्रिप्टोग्राफी प्रणालियों के विकास के लिए है।
- पर्यावास ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के लिए पहल(आई-पीएचईई): पर्यावास ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के लिए पहल(आई-पीएचईई) को लेकर नया कार्यक्रम शुरू किया गया है। उसका उद्देश्य शहरों में स्थित इमारतों की ऊर्जा गतिविधि को बढ़ाना है। यह कार्यक्रम इमरतों के डिजाइन, निर्माण और संचालन में ऊर्जा को बचाने के लिए ज्ञान और अभ्यास को बढ़ाने का काम करेगा। इसके लिए 105 अनुसंधान प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें से 31 को वित्त पोषण के लिए सिफारिश की गई है।
- ऊर्जा भंडारण पर सामग्री(एमईएस): ऊर्जा भंडारण पर सामग्री का एक नया कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसका मकसद ऊर्जा भंडारण की नवाचार सामग्रियों को बढ़ावा देने की खातिर शोध और विकास पर जोर देना है। ऊर्जा उपयोग में लचीलापन के संदर्भ में कुशल उपयोग और अक्षय ऊर्जा की और बढ़ोतरी व इसके मूल्य को आगे बढ़ाना इस पहल के मुख्य उद्देश्य हैं। इस संदर्भ में 130 प्रस्ताव प्राप्त हुए और 18 को वित्त पोषण के लिए मंजूरी दी गई।
इज ऑफ डूइंग साइंस
- एसईआरबी ऑनलाइन हुआः विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड अपनी विभिन्न योजनाओं के तहत सभी प्रस्तावों को लेकर प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाने की खातिर 100% ऑनलाइन बन गया है। इससे हजारों वैज्ञानिकों को अपने प्रस्तावों को जमा करने और उस पर लिए गए फैसलों को ऑनलाइन देखने की सहूलियत मुहैया कराई है, वरना पत्राचार करने की प्रक्रिया में काफी समय लग जाता है। साथ ही ऑनलाइन प्रस्ताव जमा करने से निर्णय प्रक्रिया में तेजी आती है और पारदर्शिता भी बनी रहती है।
- इन्सपायर की प्रक्रिया हुई पूरी तरह ऑनलाइनः इनोवेशन इन साइंस परसूट फॉर इंस्पायर्ड रिसर्च(इंस्पायर) कार्यक्रम के पांच घटक है और इसके तहत प्रतिवर्ष करीब 1.5 लाख छात्र पंजीकृत होते हैं। इसके तहत आवेदन करने से लेकर स्कॉलरशिप/फेलोशिप जमा करने आदि की प्रक्रिया पूरी ऑनलाइन हो चुकी है। पिछले तीन-चार साल से कागजरहित काम हो रहा है। देशभर के छात्र ऑनलाइन प्रक्रिया में शामिल होकर इस योजना का लाभ उठा रहे हैं
- शोध एवं विकास कार्यों को बढ़ावा देने के लिए ऑनलाइन वेब आधारित एफआईएसटी योजना शुरू की गई है। इस पहल से आवेदक करना और विभागों एवं कॉलेजों को फंड जारी करना आसान तथा पारदर्शी हो गया है।
- ग्रेटर एक्सेस ऑफ हाई-एंड इक्वपमेंट/फैसिलिटीः एक सामान्य वेब पोर्टल विकसित किया गया है जिसे हाई-एंड इक्वपमेंट/फैसिलिटी के नाम से जाना जाता है। यह सभी संस्थानों, विश्वविद्यालयों के ऑनलाइन बुकिंग सिस्टम के साथ उपलब्ध है। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी है। छात्र और शोधकर्ता इस सुविधा का उपयोग कर सकेंगे और यह पोर्टल 2017 के अंत तक लांच किया जाएगा।
- इंडिया एस एंड टी पोर्टलः स्कूली छात्रों, वैज्ञानिकों और समाज के तमाम तबकों को विभिन्न योजनाओं, गतिविधियों की जानकारी मुहैया कराने के लिए महात्वाकांक्षी इंडिया एस एंड टी पोर्टल को शुरू किया गया। 360 डिग्री व्यू के साथ भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी को लेकर हर गतिविधि से इसके सभी हिस्सेदार इससे जुड़ते हैं। विज्ञान व प्रौद्योगिकी को लेकर एक इंटरनेट टीवी की योजना और कार्यान्वयन अग्रिम स्थिति में है। अभी प्रोडक्शन को लेकर सिस्टम स्थापित करने का काम चल रहा है।
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एएम/वीएस/डीएस/एसएस
(Release ID: 1513960)
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