विद्युत मंत्रालय

वर्षांत समीक्षा 2017- विद्युत मंत्रालय


15,183 गांवों में विद्युतीकरण का कार्य पूरा हुआ; सौभाग्य योजना के तहत 31 मार्च 2019 तक देश में व्यापक घरेलू विद्युतीकरण
अब तक उदय योजना के तहत 27 राज्य एवं 4 केन्द्रशासित प्रदेश शामिल हैं
पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के उद्देश्य के तहत विद्युत क्षेत्र में कुछ एप जैसे ऊर्जा एप, सौभाग्य पोर्टल, केन्द्रीय विद्युत पोर्टल, मेरिट पोर्टल की शुरूआत की गई है
पूरे देश में उजाला योजना के तहत अब तक 28 करोड़ से ज्यादा एलईडी बल्बों का वितरण किया गया है और करीब 41 लाख से ज्यादा स्ट्रीटलाइट्स लगाये गये हैं

Posted On: 22 DEC 2017 2:25PM by PIB Delhi

भारतीय अर्थव्यवस्था की बढ़ती जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने 2019 तक देश भर में 24x7 बिजली प्रदान करने के लिए बड़े पैमाने पर कार्यक्रम शुरू किया है। आधी अवधि पूरा होने के बाद ही सरकार ने विद्युत क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किए हैं। ग्रामीण विद्युतीकरण पर दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजूजेवाई) के तहत विशेष ध्यान दिया गया है; और शहरी विद्युतीकरण पर एकीकृत ऊर्जा विकास योजना (आईपीडीएस) के अंतर्गत विशेष ध्यान दिया गया है; मार्च 2019 तक सौभाग्य योजना के तहत, अब अलग-अलग घरेलू विद्युतीकरण पर जोर दिया जा रहा है।

ऊष्मीय विद्युत उत्पादन, पनबिजली और सबसे महत्वपूर्ण सौर, पवन और अन्य हरित ऊर्जा से संबंधित कई ऐतिहासिक निर्णय पहले ही लिए जा चुके हैं, इसके साथ ही प्रेषण और वितरण को सुदृढ़ बनाने, फीडर को अलग करने और उपभोक्ताओं के लिए बिजली के मीटर व्यवस्था को भी सुदृढ़ बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसके तहत न सिर्फ क्षमता बढ़ाने की उपलब्धियां शामिल हैं बल्कि वर्तमान बुनियादी ढांचे में भी ऊर्जा दक्षता बढ़ाने हेतु महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं और साथ ही विद्युत के नुकसान को कम करने एवं उत्तरदायित्व और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कई मोबाइल एप्लिकेशन तथा वेबसाइट जैसे ऊर्जा एप, सौभाग्य पोर्टल, केन्द्रीय विद्युत पोर्टल, मेरिट पोर्टल की शुरूआत की गई है।

  • विद्युत मंत्रालय के वर्ष-भर की उपलब्धियों का विवरण नीचे दिया गया है:
  1. दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजूजेवाई)

दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजूजेवाई) के तहत 32 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में कुल 42,565 करोड़ रूपए की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।

देश में ग्रामीण विद्युतीकरण की स्थिति

संचयी रूप से (30 नवंबर 2017 तक), 1,24,219 गांवों में विद्युतीकरण और 4,68,827 गांवों में गहन विद्युतीकरण का कार्य पूरा हो गया है। 277.20 लाख बीपीएल परिवारों को मुफ्त बिजली कनेक्शन जारी किए गए हैं।

देश में 18,452 जनगणना गांवों (2011 की जनगणना के अनुसार 5,97,644 के कुल ग्रामीण बस्तियों में से) में 1 अप्रैल 2015 तक राज्यों द्वारा विद्युतीकृत नहीं किए गए थे।

30 नवंबर 2017 तक, 15,183 गांवों में विद्युतीकरण पूरा हो गया है और 1,052 गांवों में गैर-बसे हुए (गैर-आबाद) लोगों की सूचना मिली है। बचे हुए 2217 गांवों में 1 मई 2017 तक विद्युतीकरण होने की उम्मीद है। ये 2217 गांव विभिन्न राज्यों अरूणाचल प्रदेश (1069), असम (214), बिहार (111), छत्तीसगढ़ (176), जम्मू और कश्मीर (99), झारखंड (176), कर्नाटक (8), मध्य प्रदेश (34), मणिपुर (54), मेघालय (50), मिजोरम (11), ओडिशा (182) और उत्तराखंड (33) में स्थित हैं।

जनवरी से नवंबर 2017 तक की उपलब्धियां

    • अ-विद्युतीकृत गांवों का विद्युतीकरण: 3,652
    • गांवों का गहन विद्युतीकरण: 60,218
    • बीपीएल परिवारों के लिए मुफ्त बिजली कनेक्शन: 24.55 लाख
  1. सौभाग्य: प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना

भारत सरकार ने सितंबर 2017 में देश में सार्वभौमिक घरेलू विद्युतीकरण हासिल करने के लिए "प्रधानमंत्री सहज बिजल हर घर योजना (सौभाग्य)" नामक एक योजना की शुरूआत की, इस योजना की कुल लागत 16,320 करोड़ रुपये है जिसमें 12,320 करोड़ रूपये का सकल बजटीय समर्थन शामिल है। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के सभी परिवारों को जोड़ना एवं बिजली कनेक्शन प्रदान करना है। ग्रामीण इलाकों में एसईसीसी आंकड़ों के आधार पर और शहरी इलाकों में आर्थिक रूप से गरीब परिवारों के आधार पर कम-से-कम वंचित रहने वाले सभी गैर-विद्युतीकृत परिवारों को मुफ्त बिजली के कनेक्शन दिए जायेगें। इसके अलावा दूसरे परिवारों से बिल के साथ दस समान किश्तों में प्रति परिवार 500 रुपये का शुल्क लिया जाएगा। दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में स्थित घरों को सौर फोटोवोल्टाइक (एसपीवी) आधारित स्टैंडअलोन पद्दति के साथ एलईडी लाइट, पंखे, पावर प्लग इत्यादि प्रदान किया जाएगा। 2011 के एसईसीसी आंकड़ों को आधार मानते हुए सामाजिक आर्थिक स्थितियों के अनुसार लाभार्थियों की पहचान की जाएगी।

31 मार्च 2019 तक सार्वभौमिक घरेलू विद्युतीकरण प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

इस योजना की शुरूआत 28 नवंबर 2017 को मणिपुर में हुआ था और मणिपुर के 1.75 लाख परिवारों (1.62 लाख ग्रामीण परिवारों और 0.13 लाख शहरी परिवारों) को इस योजना के तहत शामिल करने का प्रस्ताव है।

  1. एकीकृत ऊर्जा विकास योजना (आईपीडीएस)

आईपीडीएस योजना का उद्देश्य शहरी क्षेत्र में गुणवत्ता और विश्वसनीय 24X7 निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान करना है। अब तक, निगरानी समिति ने 3,616 शहरों के लिए कुल 26,910 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की है। राज्यों से संबंधित संस्थाओं को 23,448 करोड़ रुपये मूल्य का कार्य दिया गया है।

इस योजना में आईटी और तकनीकी सहायता के माध्यम से शहरी क्षेत्रों में 24X7 बिजली की आपूर्ति को सुनिश्चित करेगा, लेकिन बिलिंग और संग्रहण दक्षता में भी सुधार करने में मदद मिलेगी, जिसके परिणामस्वरूप तकनीकी और वाणिज्यिक (ए टी एंड सी) नुकसान में भी कमी आएगी। अब तक, आर-एपीडीआरपी के तहत 1363 शहरों को "गो-लाइव" घोषित किया गया है, 52 शहरों में स्काडा नियंत्रण प्रणाली की स्थापना की गई है, 20 स्काडा शहरों में कार्य पूरा कर लिया गया है और इस योजना के भाग-1 के तहत 21 डेटा केंद्रों में से 20 अधिकृत हो चुके हैं। 970 शहरों में भाग-बी परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। भारत में 45/57 डिस्कॉम (निजी सहित) में उपभोक्ताओं के लिए ऑल इंडिया शॉर्ट कोड '1912' की शुरूआत हो चुकी है।

4. उज्ज्वल डिस्‍कॉम एश्योरेंस योजना (यूडीएवाई)

उज्ज्वल डिस्‍कॉम एश्योरेंस योजना (यूडीएवाई), जो बिजली वितरण कंपनियों के वित्तीय और परिचालन को घाटे से उबार कर लाभ में लाने के लिए एक योजना है, सरकार द्वारा विभिन्न हितधारकों के परामर्श से रूप-रेखा देकर दिनांक 20.11.2015 को शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य लगभग 4.3 लाख करोड़ रुपयों के लंबे समय से कर्ज और भविष्य में संभावित नुकसान का स्थायी समाधान करना है। इस योजना में सभी क्षेत्रों - उत्पादन, प्रेषण, वितरण, कोयला और ऊर्जा दक्षता में सुधार लाने हेतु उपायों की परिकल्‍पना भी की गई है। योजना की वैधता अवधि दिनांक 31-03-2017 को समाप्त हो गई है।

यूडीएवाई के अंतर्गत प्रतिभागी राज्यों के कार्य-प्रदर्शन की गहन निगरानी सुनिश्चित करने हेतु यूडीएवाई के लिए एक अंतर-मंत्रालयी निगरानी समिति कार्यप्रणाली स्‍थापित की गई है। निगरानी के प्रयोजनार्थ, एक वेब पोर्टल (www.uday.gov.in) भी सृजित किया गया है। निगरानी समिति की पिछली बैठक दिनांक 04-10-2017 को हुई थी।

नागालैंड, अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह, दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव ने दिनांक 20 नवंबर 2017 को यूडीएवाई योजना के तहत भारत सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इसके साथ ही, अब तक यूडीएवाई में 27 राज्य और 4 संघ राज्‍य क्षेत्र शामिल हो चुके हैं।

  1. प्रेषण

"राष्ट्रीय विद्युत योजना (प्रेषण)" पर तैयार प्रारूप दस्‍तावेज 2021-22 की समय-सीमा में 226 गीगावॉट परियोजना की अधिकतम मांग को पूरा करने हेतु 2017-22 की योजनागत अवधि के लिए अंतर-क्षेत्रीय पारेषण लिंक सहित पारेषण प्रणाली (पारेषण लाइनों और संबद्ध सबस्टेशनों) को कवर करता है।

सीबीटीई को सुविधाजनक बनाने के लिए पड़ोसी देशों को विशेष रूप से बिजली आपूर्ति के लिए भारतीय उत्पादक केंद्रों को पड़ोसी देशों के पारेषण प्रणाली से जोड़ने हेतु स्वतंत्र पारेषण  प्रणाली बनाने के अनुमोदन के लिए सक्षम प्राधिकरण (सीए) के लिए आचरण व्यापार नियम (सीबीआर) जारी किए गए हैं।

6.    थर्मल

पराई जलाने के कारण उत्‍पन्‍न प्रदूषण को कम करने के लिए, ऊर्जा मंत्रालय ने चूर्णित कोयले की आग से चालित बॉयलरों में को-फायरिंग के माध्यम से बिजली उत्पादन के लिए बायोमास उपयोग हेतु एक नीति जारी की है।

हाइड्रो पावर परियोजनाएं

हाइड्रो पावर सेक्टर में, 1305 मेगावाट की कुल स्थापित क्षमता वाली 11 हाइड्रो पावर परियोजनाएं वर्ष 2017-18 में चालू होने की संभावना है। इन परियोजनाओं में से, 465 मेगावाट की स्थापित क्षमता वाली 7 परियोजनाओं को 30.11.2017 तक पहले ही चालू कर दिया गया है और शेष क्षमता मार्च'18 तक चालू होने की संभावना है। वित्तीय वर्ष 2017-18 (जनवरी 2017 से नवंबर '2017) के लिए हाइड्रो पावर उत्पादन 120.87 बीयू है।

2880 मेगावाट की दिबांग बहुउद्देशीय परियोजना की डीपीआर को सीईए द्वारा वर्ष 2017 में मंजूरी प्रदान की गई है।

60 मेगावाट नटवर मोरी एचईपी के निवेश के अनुमोदन के बारे में एसजेवीएनएल को सूचित किया गया।

8.  सौर परियोजनाओं के लिए आईएसटीएस पारेषण प्रभारों की छूट की अवधि को आगे बढ़ाना और घाटा:

संशोधित टैरिफ पॉलिसी 2016 के प्रावधानों के अनुसार, विद्युत मंत्रालय ने अंतरराज्यीय पारेषण शुल्क की छूट के लिए तथा ऊर्जा के सौर और पवन स्रोतों से उत्पन्न बिजली के पारेषण में घाटे के संबंध में 30.9.2016 को एक आदेश जारी किया है। यह छूट उन पवन परियोजनाओं के लिए उपलब्‍ध थी जिन्‍होंने 31 मार्च 2019 तक सीओडी प्राप्त कर लिया था और उन सौर परियोजनाओं के लिए जिन्‍होंने 30 जून 2017 तक सीओडी प्राप्त किया गया था।

दिनांक 14.6.2017 को एक संशोधन आदेश जारी किया गया है जिसके माध्यम से उन सौर परियोजनाओं के लिए आईएसटीएस पारेषण शुल्क की छूट और घाटे का प्रावधान उपलब्‍ध कराया गया है जो 31 दिसंबर 2019 तक सीओडी प्राप्त कर लेंगे। इससे देश में सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।

9. ग्रिड कनेक्टेड सोलर पीवी पावर परियोजनाओं से बिजली खरीदने के लिए टैरिफ आधारित प्रतिस्‍पर्धी बोली प्रक्रिया के लिए दिशानिर्देश

5 मेगावाट और उससे अधिक के आकार की ग्रिड कनेक्‍टेड सौर पीवी पावर परियोजनाओं से बिजली वितरण लाइसेंसधारकों, या अधिकृत प्रतिनिधि (यों), या मध्यवर्ती प्रापणकर्ताओं/क्रेताओं द्वारा प्रतिस्‍पर्धी बोली के जरिए बिजली की दीर्घकालिक खरीद हेतु विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 63 के प्रावधानों के तहत दिनांक 03.08.2017 को सोलर बिडिंग दिशानिर्देश जारी किए गए हैं ।

जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए मोबाइल अनुप्रयोग और वेबसाइटें शुरू की गईं

ऊर्जा (शहरी ज्योति अभियान) मोबाइल ऐप-

ऊर्जा ऐप उपभोक्ता शिकायत निवारण, नए सेवा कनेक्शन जारी करने, उपभोक्ता द्वारा महसूस की गई बाधाओं की औसत संख्‍या, उपभोक्ता द्वारा महसूस की गई बाधाओं की औसत अवधि, ई-भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या, ऊर्जा हानि / बिजली की चोरी, यानी एटी एंड सी हानि, आईटी सक्षमता (गो-लाइव ऑफ टाउन्‍स), स्काडा का कार्यान्वयन, शहरी व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण, राष्ट्रीय पावर पोर्टल पर फीडर डेटा, आईपीडीएस एनआईटी की प्रगति, आईपीडीएस पुरस्कार की प्रगति के बारे में जानकारी उपलब्‍ध कराता है।

सौभाग्य (SAuBHaGYa) वेबपोर्टल

'सौभाग्य' वेब पोर्टल – पारदर्शी सार्वभौमिक घरेलू विद्युतीकरण की निगरानी के लिए एक प्‍लेटफॉर्म – को दिनांक 16 नवंबर, 2017 को शुरू किया गया।

राष्ट्रीय विद्युत पोर्टल

राष्ट्रीय पावर पोर्टल (एनपीपी) - भारतीय पावर सेक्टर सूचना के समेकन और प्रसार के लिए एक केंद्रीयीकृत प्‍लेटफॉर्म - को दिनांक 14 नवंबर, 2017 को शुरू किया गया, जो मंत्रालय द्वारा पूर्व में आरंभ किए गए सभी पावर सेक्टर ऐप्स के लिए एक सिंगल प्‍वाइंट इंटरफेस होगा।

विद्युत उत्‍पादन की लागत को कम करने हेतु आईपीपी विद्युत स्‍टेशनों में घरेलू कोयले के उपयोग के लिए ई-बिडिंग पोर्टल की शुरूआत

घरेलू कोयले के उपयोग के लिए उदारवादी योजना के तहत राज्‍यों को अपने घरेलू कोयले को अंतरित कर विद्युत के क्रय के लिए स्‍वतंत्र विद्युत उत्‍पादकों (आईपीपी) का चयन करने हेतु ई-बिडिंग समाधान उपलब्‍ध कराने के लिए दिनांक 5 जुलाई, 2017 को एक ई-बिडिंग पोर्टल की शुरूआत की गई। ई-बिडिंग पोर्टल को इस प्रकार डिजाइन किया गया है जिससे राज्‍यों को संभावित आईपीपी से पारदर्शी एवं उचित प्रक्रिया में बिजली खरीदने हेतु बोलियां आमंत्रित करने में सुविधा हो। सफलतम बोलीदाता का चयन ई-रिवर्स बिडिंग प्रक्रिया के जरिए किया जाएगा। पोर्टल के लिए लिंक विद्युत मंत्रालय और पीएफसी कन्‍सल्टिंग लिमि. की वेबसाइट पर उपलब्‍ध कराया गया है।

घरेलू कोयले के उपयोग से संबंधित उदारवादी योजना में अधिक सक्षम आईपीपी उत्‍पादक केंद्रों को कोयला अंतरित करने की परिकल्‍पना की गई है, जिसके फलस्‍वरूप उत्‍पादन की लागत को कम किया जा सके और अंतत: उपभोक्‍ताओं पर बिजली की लागत का बोझ कम पड़े।

मेरिट (मेरिट ऑर्डर डिस्पेच ऑफ इलेक्ट्रसिटी फॉर रिजुनवेशन ऑफ इनकम एंड ट्रांसपरेंसी) वेब पोर्टल

वेब पोर्टल मेरिट को  23 जून 2017 को शुरू किया गया। यह मोबाइल एप्प और वेब पोर्टल राज्यों द्वारा प्रेषित वास्तविक आंकड़ों को पारदर्शी रूप से प्रदर्शित करता है और राज्यों को उनकी बिजली खरीद पोर्टफोलियो में सुधार के लिए अवसर मुहैया करता है।( http://www.meritindia.in)

  1. मध्यम अवधि की बिजली की खरीद के लिए संशोधित दिशानिर्देश और मॉडल निविदा के दस्तावेज

17 जनवरी, 2017 को टैरिफ आधारित प्रतियोगी बोली प्रक्रिया के माध्यम से वितरण लाइसेंसधारकों द्वारा बिजली की मध्यम अवधि की खरीद के लिए संशोधित दिशानिर्देश और मॉडल बोली दस्तावेज को अधिसूचित किया गया था। ई-बिडिंग पोर्टल के माध्यम से मध्यम अवधि की खरीद की शुरुआत होने से खरीद प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और निष्पक्षता आएगी और आखिरकार इससे उभोक्ताओं को ही लाभ होगा।

  1. नेशनल हाई पावर टेस्ट लेबोरेट्री (एनएचपीटीएल) का कमर्शियल परीक्षण के लिए शुरू किया गया 

एनएचपीटीएल, एनटीपीसी, एनएचपीसी, पावरग्रिड, डीवीसी और सीपीआरआई का संयुक्त उद्यम है जो पेशेवर प्रबंधन का कला है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, ऑन-लाइन हाई पावर शॉर्ट सर्किट टेस्ट सुविधा का एनपीपीटीएल, बीआईएनए, सीपीआरआई, एमपी पर्यवेक्षण के तहत वाणिज्यिक परीक्षण शुरू किया है।  बीएचईएल, भोपाल ने 400 / 11.5-11.5 केवी, 120 एमवीए स्टेशन ट्रांसफार्मर का परीक्षण किया और यह एनएचपीटीएल, बीआईएनए में पहला वाणिज्यिक परीक्षण किया गया है। इसका सीपीआरआई इंजीनियर्स की देखरेख में जांच के लिए स्रोत के रूप में 400kV ग्रिड का इस्तेमाल किया गया।

  1. देश का पहला फासर मापन इकाई परीक्षण सुविधा

सीपीआरआई ने देश की पहली फासर मापन यूनिट (पीएमयू) परीक्षण की सुविधा स्थापित की है। अस्थायी 6135 ए / पीएमयूसीएएल फसार मापन यूनिट कैलिब्रेशन सिस्टम पीएमयू परीक्षण और कैलिब्रेशन के लिए एक स्वचालित प्रणाली और ट्रेसलेस समाधान है। पीएमयू एम-क्लास और पी-क्लास राज्य और प्रासंगिक अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार गतिशील स्थितियों का मूल्यांकन करने के लिए यह एक अनोखी सुविधा है। फसार मापन इकाइयां आधुनिक बिजली ग्रिड की स्थिरता और विश्वसनीयता की रक्षा के लिए वास्तविक समय में कंप्यूटर नियंत्रण को सक्षम बनाता है। पीएमयू के लिए नए परीक्षण और अंशांकन मानकों ने पीएमयू निर्माताओं में लगातार प्रदर्शन को बढ़ावा दिया है।

  1. ऊर्जा संरक्षण

राष्ट्रीय एलईडी कार्यक्रम

माननीय प्रधानमंत्री ने 5 जनवरी 2015 को राष्ट्रीय एलईडी कार्यक्रम को सस्ती दरों पर सबसे कुशल प्रकाश प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम के दो घटक हैं (i) सभी के लिए किफायती उन्नत ज्योति (उजाला) घरेलू उपभोक्ताओं के लिए एलईडी बल्ब प्रदान करने के साथ-साथ 77 को करोड़ तापदीप्त बल्बों को बदलने के लिए एलईडी बल्बों का प्रयोग और (ii) सड़क प्रकाश राष्ट्रीय कार्यक्रम (एसएलएनपी) को बदलने के लिए मार्च, 2019 तक स्मार्ट और ऊर्जा कुशल एलईडी स्ट्रीट लाइट के साथ 1.34 करोड़ पारंपरिक स्ट्रीट लाइट्स को बदला जाएगा।

ईईएसएल ने एक सेवा मॉडल विकसित किया है ताकि नगर पालिकाओं को एलईड के साथ पारंपरिक रोशनी को बिना किसी अग्रिम लागत पर बदला जा सके। ऊर्जा की बचत के मुताबिक शेष राशि नगरपालिकाओं के माध्यम से पुनः प्राप्त की जाती है। इसी तरह, घरेलू रोशनी के लिए, ईईएसएल सेवा मॉडल ने घरेलू एलईडी लाइट्स की खरीद के लिए 5 रुपये की सस्ती कीमत पर मदद की है। प्रत्येक 10 रुपये  और उनके बिजली बिल से आसान किस्त को लेकर संतुलन स्थापित किया है।

5 जनवरी 2015 को शुरू होने के बाद से 18 दिसंबर 2017 तक राष्ट्रीय एलईडी कार्यक्रम के कार्यान्वयन की वर्तमान प्रगति निम्नानुसार है:

 

पैरामीटर

उजाला

एसएलएनपी

वितरित और सड़कों पर लगाए गए एलईडी बल्बों की संख्या

28.07 करोड़ौ

41.79 लाख

प्रतिवर्ष बिजली की बचत

36.45 अरब किलोवाट

2.80 अरब किलोवाट

बड़ी मांग से बचें

7299 मेगावाट

467मेगावाट

प्रतिवर्ष जीएचजी उत्सर्जन में कार्बनडाइ ऑक्साइड की कमी

29.53 मिलियन टन कार्बनडाइ ऑक्साइड

1.93 मिलियन टन कार्बनडाइ ऑक्साइड

 

उपकरणों के मानक और लेबलिंग

  • इनवर्टर एसी के लिए अनिवार्य कार्यक्रम की शुरुआत
  • कमरे की एसी, डायरेक्ट कूल रेफ्रिजरेटर, रंगीन टीवी और गीजर के लिए मानकों में संशोधन
  • एलईडी बल्ब के लिए चार परीक्षण प्रयोगशालाओं को स्थापित करने की खातिर सीपीआरआई के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर।

इमारतें

  • ऊर्जा संरक्षण भवन कोड के नवीनीकृत संस्करण मसलन ईसीबीसी 2017 जून में शुरू किया गया था।
  • ईको-निवास एक ऑनलाइन उपकरण है, जो अपने घरों में ऊर्जा दक्षता तत्वों को शामिल करने के लिए लोगों को निर्देशित करता है, जैसे भवन निर्माण सामग्री, इसकी डिजाइन सुविधाएं और उपकरण लॉन्च किए गए हैं।

प्रदर्शन, उपलब्धि और व्यापार (पीएटी) योजना

  • पीएटी चक्र तृतीय 1 अप्रैल, 2017 से 11 मौजूदा क्षेत्रों में 116 अधिक डीसी की पहचान के साथ यानी कुल 737 डीसी शुरू हुआ
  • वाणिज्यिक भवन श्रेणी के तहत होटल, 1000 से अधिक ऊंची ऊर्जा खपत वाले पेट्रोरसायन इकाइयों और 100,000 से अधिक ऊर्जा की खपत वाले पेट्रोकेमिकल इकाइयों को पीएटी स्कीम के तहत नए क्षेत्रों के रूप में अधिसूचित किया गया है।
  • ई-स्कर्स व्यापार आधारभूत संरचना पर ऑनलाइन पोर्टल, जिसे बीईई द्वारा केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (सीईआरसी) के सहयोग से विकसित किया गया है, के जरिये अब तक 18.4 करोड़ रुपये की कुल लागत पर 2.9 लाख ई-स्क्वर्ट से ज्यादा कारोबार किया गया है।

परिवहन क्षेत्र

  • यात्री कारों के लिए कॉरपोरेट औसत ईंधन खपत मानक (सीएएफसी), जो अप्रैल, 2015 को अधिसूचित किया गया था, 1 अप्रैल, 2017 को प्रभावी हो गया है।
  • भारी शुल्क वाहनों के लिए ईंधन अर्थव्यवस्था के नियम 16 अगस्त, 2017 को अधिसूचित किए गए। ये नियम एम 3 (बसों) और एन 3 (ट्रक्स) श्रेणी के वाहनों के लिए लागू होते हैं जो 2 टन से अधिक सकल वजन के वाहन बीएस 4 के मानदंडों का पालन करते हैं।
  •  सरकार मांग समूह के जरिये 10000 ई-वाहन खरीदने की योजना बना रही है।
  • खुला निविदा के जरिए निविदाएं आमंत्रित की गईं और चरण-1 के तहत, अनुबंध को 150 ई-कारों मैसर्स महिंद्रा ऐंड महिंद्रा लिमिटेड और 250 ई-कारों को टाटा मोटर्स लिमिटेड को दिया गया है जिसमें पांच साल का वार्षिक रखरखाव अनुबंध (एएमसी) शामिल है।

अंतरराष्ट्रीय कॉरपोरेशन (आईसी )

नई दिल्ली में 30 मार्च 2017 को अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी(आईईए) के कार्यकारी निदेशक डॉ. फतेह बिरोल,  माननीय एनआईई और खदान, विद्युत मंत्री(स्वतंत्र प्रभार) के साथ हुई बैठक में भारत ने आईईए के साथ सहयोग की घोषणा की।

8 नवंबर, 2017 को पेरिस में “सहमत संयुक्त कार्य कार्यक्रम “2018-2020” को लेकर भारत सरकार और अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के साथ विमर्श किया गया था।

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