जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय
Posted On:
18 DEC 2017 12:20PM by PIB Delhi
‘नदियों को जोड़ने’ संबंधी वर्ष 2002 की रिट याचिका (सिविल) संख्या 512 के साथ-साथ 2002 की रिट याचिका संख्या 668 के संबंध में दिनांक 27.02.2012 के अपने फैसले में उच्चतम न्यायालय ने भारत सरकार और विशेषकर जल संसाधन मंत्रालय को जल संसाधन मंत्री की अध्यक्षता में नदियों को जोड़ने के कार्यक्रम (आईएलआर) के कार्यान्वयन हेतु एक समिति बनाने का निर्देश दिया था।
(ख) उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री की अध्यक्षता में आईएलआर कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए “नदियों को जोड़ने की विशेष समिति” नामक एक समिति दिनांक 23 सितंबर, 2014 को राजपत्र में अधिसूचना जारी करके बनाई गई। आईएलआर की विशेष समिति की अब तक 13 बैठकें (पिछली बैठक 27.07.2017 को नई दिल्ली में हुई) हो चुकी हैं जिनमें विभिन्न राज्यों के सचिवों सहित राज्य सिंचाई/जल संसाधन मंत्रियों ने भाग लिया। आईएलआर की विशेष समिति आईएलआर परियोजनाओं की आयोजना बनाते समय और उन्हें तैयार करते समय स्टेक होल्डरों के सभी सुझावों/टिप्पणियों पर विचार करती है।
दिनांक 17.10.2014 को आयोजित नदियों को आपस में जोड़ने संबंधी विशेष समिति की पहली बैठक में निम्नलिखित 4 विशिष्ट उप-समितियों के गठन का निर्णय लिया गया थाः-
विभिन्न अध्ययनों/रिपोर्टो के व्यापक मूल्यांकन संबंधी उप-समिति (उप-समिति-।)
अब तक उप-समिति-। की सात बैठकें आयोजित की गई है। अंतिम बैठक दिनांक 26.07.2016 को आयोजित की गयी।
सबसे उपयुक्त वैकल्पिक योजना की पहचान के लिए प्रणाली अध्ययन संबंधी उप-समिति (उप-समिति-।।)
अब तक उप-समिति-।। की दस बैठकें आयोजित की गई है। अंतिम बैठक का आयोजन दिनांक 03.03.2017 को किया गया था।
राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण के पुनर्गठन संबंधी उप-समिति (उप-समिति-।।।)
उप-समिति-।।। ने सौंपे गए कार्य को पूरा कर लिया है और दिनांक 21.09.2015 को जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है।
बातचीत के माध्यम से सहमति बनाने और संबंधित राज्यों के बीच सहमति बनाने संबंधी उप-समिति (उप-समिति-IV)
अब तक उप-समिति-IV की दो बैठकें आयोजित की गई है। अंतिम बैठक का आयोजन दिनांक 30.10.2015 को किया गया था।
नदियों को आपस में जोड़ने संबंधी कार्यबल का गठन (2015)
केन्द्रीय मंत्री मंडल ने दिनांक 24 जुलाई, 2014 को आयोजित अपनी बैठक में नदियों को आपस में जोड़ने संबंधी विशेष समिति के गठन का अनुमोदन करते समय निर्देश दिए कि नदियों को आपस में जोड़ने से संबंधित मामलों की देख-रेख के लिए विशेषज्ञों को शामिल करते हुए एक समिति का गठन किया जाए। मंत्रिमंडल के निदेशों का अनुपालन करते हुए जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय ने दिनांक 13 अप्रैल, 2015 के कार्यालय ज्ञापन के माध्यम से श्री बी.एन. नवलावाला, मुख्य सलाहकार, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय की अध्यक्षता में नदियों को आपस में जोड़ने संबंधी कार्यबल (टीएफ-आईएलआर) का गठन किया है। कार्यबल नदियों को आपस में जोड़ने संबंधी कार्यक्रम के कार्यान्वयन के संबंध में आईएलआर संबंधी विशेष समिति और जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय को सहायता देता है। अब तक कार्यबल की आठ बैठकें आयोजित की गई है। अंतिम बैठक का आयोजन दिनांक 15.09.2017 को किया गया था।
नदियों को जोड़ने के कार्यक्रम की वर्तमान स्थिति
इस मंत्रालय द्वारा अगस्त, 1980 में तैयार अंतर-बेसिन जल अंतरण के माध्यम से जल संसाधन विकास के लिए राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (एनपीपी) के तहत एनडब्ल्यूडीए ने साध्यता रिपोर्ट तैयार करने हेतु 30 संपर्कों (प्रायद्वीपीय घटक के तहत 16 और हिमालयी घटक के तहत 14) की पहचान की है। सर्वेक्षण और जांच के पश्चात् प्रायद्वीपीय घटक के तहत 14 संपर्कों और हिमालयी घटक में दो संपर्को की एफआर तैयार कर ली गई है। अंतर-बेसिन जल अंतरण संपर्को की वर्तमान स्थिति, संबंधित राज्य और लाभान्वित राज्य का विवरण अनुलग्नक पर दिया गया है।
संबंधित राज्यों की सहमति के आधार पर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने हेतु चार प्राथमिक संपर्को जैसे केन-बेतवा संपर्क परियोजना (केबीएलपी) चरण-। और ।।, दमनगंगा-पिंजाल संपर्क, पार-तापी-नर्मदा संपर्क और महानदी-गोदावरी संपर्क की पहचान की गई है। केन-बेतवा चरण-। और ।।, दमन-गंगा-पिंजाल संपर्क, पार-तापी-नर्मदा की डीपीआर तैयार कर ली गई है और इसे संबंधित राज्यों के साथ साझा किया गया है। इसके अतिरिक्त, केबीएलपी चरण-। के लिए विभिन्न सांविधिक स्वीकृतियां प्राप्त की गई है। इस परियोजना से उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के सूखा प्रवण क्षेत्रों को लाभ पहुंचेगा।
इसके अतिरिक्त, सांविधिक स्वीकृतियों के शर्ताधीन दमन-गंगा-पिंजाल संपर्क परियोजना के लिए तकनीकी-आर्थिक स्वीकृति भी प्रदान की गई है। पार-तापी-नर्मदा की डीपीआर केन्द्रीय जल आयोग में तकनीकी मूल्यांकन हेतु प्रस्तुत कर दी गई है। महानदी-गोदावरी संपर्क की डीपीआर का कार्य शुरू नहीं किया जा सका है, चूंकि ओडिशा सरकार मणिभद्रा बांध से होने वाले बृहद आप्लावन के कारण महानदी-गोदावरी संपर्क, जो कि 9 संपर्क प्रणाली अर्थात् महानदी-गोदावरी-कृष्णा-पैन्नार-पलार-कावेरी-वैगई-गुंडार की जननी है, के लिए सहमति नहीं दी थी। डब्ल्यूआरडी, ओडिशा सरकार के सुझावों के आधार पर एनडब्ल्यूडीए ने आप्लावन क्षेत्र में कमी सहित महानदी-गोदावरी संपर्क परियोजना का एक प्राथमिक संशोधित प्रस्ताव तैयार किया है और ओडिशा सरकार को प्रस्तुत किया है।
अनुलग्नक
“नदियों को परस्पर जोड़ना” विषय पर दिनांक 18.12.2017 को राज्य सभा में उत्तर दिए जाने वाले अतारांकित प्रश्न संख्या 307 के भाग (ख) के उत्तर में उल्लिखित अनुलग्नक
अंतरबेसिन जल अंतरण जोड़ों की वर्तमान स्थिति, शामिल राज्य, नदियों के नाम और साध्यता रिपोर्टों/विस्तृत परियोजना रिपोर्ट की स्थिति
क्र.सं.
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नाम
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नदियां
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संबंधित राज्य
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स्थिति
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प्रायद्वीपीय घटक
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1
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महानदी (मणिभद्रा)-गोदावरी (दोलेश्वरम) संपर्क
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महानदी और गोदावरी
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ओडिशा, महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश, कर्णाटक और छत्तीसगढ़
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साध्यता रिपोर्ट (एफआर) पूरी की गई
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2
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गोदावरी (इंचमपल्ली)-कृष्णा (पुलीचिंताला) संपर्क
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गोदावरी और कृष्णा
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-वही-
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साध्यता रिपोर्ट पूरी की गई
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3
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गोदावरी (इंचमपल्ली)-कृष्णा (नागार्जुन सागर) संपर्क
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गोदावरी और कृष्णा
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ओडिशा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक और छत्तीसगढ़
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साध्यता रिपोर्ट पूरी की गई
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4
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गोदावरी (पोलावरम)-कृष्णा (विजयवाड़ा) संपर्क
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गोदावरी और कृष्णा
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ओडिशा, महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक और छत्तीसगढ़
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साध्यता रिपोर्ट पूरी की गई
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5
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कृष्णा (अलमत्ती)- पेन्नार संपर्क
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कृष्णा और पेन्नार
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-वही-
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साध्यता रिपोर्ट पूरी की गई
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6
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कृष्णा (श्रीसैलम)-पेन्नार संपर्क
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कृष्णा और पेन्नार
|
-वही-
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साध्यता रिपोर्ट पूरी की गई
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7
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कृष्णा (नागार्जुन सागर)-पेन्नार (सोमसिला) संपर्क
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कृष्णा और पेन्नार
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महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश और कर्नाटक
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साध्यता रिपोर्ट पूरी की गई
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8
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पेन्नार (सोमसिला)-कावेरी (ग्रैण्ड एनीकट) संपर्क
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पेन्नार और कावेरी
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आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और पुदुच्चेरी
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साध्यता रिपोर्ट पूरी की गई
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9
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कावेरी (कट्टालाई)-वैगई-गुन्डार संपर्क
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कावेरी, वैगाई और गुंडार
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कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, और पुदुच्चेरी
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साध्यता रिपोर्ट पूरी की गई
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10
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केन-बेतवा संपर्क
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केन और बेतवा
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उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश
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साध्यता रिपोर्ट और विस्तृत साध्यता रिपोर्ट (चरण-। एवं ।।) पूरी की गई
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11
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पार्वती-कालीसिंध-चंबल संपर्क
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पार्वती, कालीसिंध व चंबल
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मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश (उत्तर प्रदेश ने सहमति बनाने के समय विचार-विमर्श करने का अनुरोध किया)
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साध्यता रिपोर्ट पूरी की गई
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12
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पार-तापी-नर्मदा संपर्क
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पार, तापी और नर्मदा
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महाराष्ट्र और गुजरात
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साध्यता रिपोर्ट और विस्तृत साध्यता रिपोर्ट
पूरी की गई
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13
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दमनगंगा-पिंजाल संपर्क
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दमनगंगा और पिंजाल
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-वही-
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साध्यता रिपोर्ट और विस्तृत साध्यता रिपोर्ट
पूरी की गई
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14
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बेदती-वर्दा संपर्क
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बेदती और वर्दा
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महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश और कर्नाटक
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साध्यता पूर्व रिपोर्ट पूरी की गई
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15
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नेत्रावती-हेमावती संपर्क
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नेत्रवती और हेमवती
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कर्नाटक , तमिलनाडु और केरल
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साध्यता पूर्व रिपोर्ट पूरी की गई
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16
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पंबा-अच्चनकोविल-वैप्पार संपर्क
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पंबा, अच्चनकोविल और वैप्पार
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केरल और तमिलनाडु
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साध्यता रिपोर्ट पूरी की गई
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हिमालयी घटक
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1.
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मानस-संकोश-तीस्ता–गंगा (एम-एस-टी-जी) संपर्क
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मानस-संकोश-तीस्ता-गंगा
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असम, पश्चिम बंगाल, बिहार और भूटान
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साध्यता पूर्व रिपोर्ट पूरी की गई
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2.
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कोसी-घाघरा संपर्क
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कोसी और घाघरा
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बिहार, उत्तर प्रदेश और नेपाल
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साध्यता पूर्व रिपोर्ट पूरी की गई
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3.
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गंडक-गंगा संपर्क
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गंडक और गंगा
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-वही-
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प्रारूप साध्यता रिपोर्ट पूरी की गई (भारतीय भाग)
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4.
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घाघरा-यमुना संपर्क
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घाघरा और यमुना
|
-वही-
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साध्यता रिपोर्ट पूरी की गई (भारतीय भाग)
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5.
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शारदा-यमुना संपर्क
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शारदा और यमुना
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बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड और नेपाल
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साध्यता रिपोर्ट पूरी की गई (भारतीय भाग)
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6.
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यमुना-राजस्थान संपर्क
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यमुना और सुकरी
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उत्तर प्रदेश , गुजरात, हरियाणा और राजस्थान
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प्रारूप साध्यता रिपोर्ट पूरी की गई
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7.
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राजस्थान-साबरमती संपर्क
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साबरमती
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-वही-
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प्रारूप साध्यता रिपोर्ट पूरी की गई
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8.
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चुनार-सोन बैराज संपर्क
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गंगा और सोन
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बिहार और उत्तर प्रदेश
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प्रारूप साध्यता रिपोर्ट पूरी की गई
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9.
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सोन बांध-गंगा संपर्क की दक्षिणी उपनदियां
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सोन और बदुआ
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बिहार और झारखंड
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साध्यता पूर्व रिपोर्ट पूरी की गई
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10.
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गंगा(फरक्का)-दामोदर-सुबर्णरेखा संपर्क
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गंगा, दामोदर और सुबर्णरेखा
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पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड
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प्रारूप साध्यता रिपोर्ट पूरी की गई
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11.
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सुबर्णरेखा-महानदी संपर्क
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सुबर्णरेखा और महानदी
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पश्चिम बंगाल और ओडिशा
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प्रारूप साध्यता रिपोर्ट पूरी की गई
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12.
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कोसी-मेची संपर्क
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कोसी और मेची
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बिहार, पश्चिम बंगाल और नेपाल
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साध्यता पूर्व रिपोर्ट पूरी की गई, पूरी तरह नेपाल में पड़ता है
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13.
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गंगा (फरक्का)-सुंदरबन संपर्क
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गंगा और इच्छामती
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पश्चिम बंगाल
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प्रारूप साध्यता रिपोर्ट पूरी की गई
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14.
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जोगीघोपा-तीस्ता-फरक्का संपर्क (एम-एस-टी-जी का विकल्प)
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मानस, तीस्ता व गंगा
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-वही-
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(एम-एस-टी-जी संपर्क का विकल्प) छोड़ दिया गया ।
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पीएफआर-साध्यता पूर्व रिपोर्ट
एफआर-साध्यता रिपोर्ट
डीपीआर-विस्तृत परियोजना रिपोर्ट
यह जानकारी केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री
श्री अर्जुन राम मेघवाल ने आज राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में दी।
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वीके/एएम/पीकेए/ एजे/पीबी-6046