सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्‍वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) की वर्षांत समीक्षा

Posted On: 18 DEC 2017 8:14PM by PIB Delhi

     सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्‍वयन मंत्रालय में दो प्रकोष्‍ठ हैं। इनमें से एक प्रकोष्‍ठ सांख्यिकी से और दूसरा प्रकोष्‍ठ कार्यक्रम क्रियान्‍वयन से संबंधित है। राष्‍ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) नामक सांख्यिकी प्रकोष्‍ठ में केन्‍द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ), कम्‍पयूटर केंद्र एवं राष्‍ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) शामिल हैं। उधर, कार्यक्रम क्रियान्‍वयन प्रकोष्‍ठ में तीन प्रभाग यथा (i) 20 सूत्री कार्यक्रम (ii) बुनियादी ढांचे की निगरानी एवं परियोजना निगरानी (iii) सांसद स्‍थानीय क्षेत्र विकास योजना।

     प्रमुख नीतिगत निर्णयों और अधिक दक्ष एवं कारगर डेटा प्रबंधन तथा प्रसार के लिए नई प्रौद्योगिकियों एवं प्रणालियों को अपनाने के लिहाज से 2017 अत्‍यंत उल्‍लेखनीय वर्ष साबित हुआ है। वर्ष 2017 के दौरान सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्‍वयन मंत्रालय की गतिविधियों से जुड़ी मुख्‍य बातें निम्‍नलिखित हैं :

  • संयुक्‍त राष्‍ट्र के आधिकारिक सांख्यिकी संबंधी बुनियादी सिद्धांत
  • इन सिद्धांतों को जून, 2016 से ही अपनाया जा रहा है। इन सिद्धांतों का उद्देश्‍य आधिकारिक सांख्यिकी के संग्रह एवं प्रसार के तौर-तरीकों में प्रोफेशनल स्‍वतंत्रता, निष्‍पक्षता, जवाबदेही एवं पारदर्शिता बढ़ाना है।
  • इन सिद्धांतों को अपनाने से आधिकारिक सांख्यिकी प्रणाली में आम जनता के विश्‍वास को बनाए रखने में मदद मिलेगी।
  • जीडीपी के आधार वर्ष में संशोधन और संबंधित वृहद अर्थव्‍यवस्‍था संग्रह
  • सीएसओ द्वारा जारी किये जाने वाले राष्‍ट्रीय लेखा से संबंधित वृहद अर्थव्‍यवस्‍था संग्रह जैसे कि जीडीपी, बचत, पूंजी निर्माण इत्‍यादि देश की आर्थिक स्थिति के संकेतक हैं।
  • वर्ष 2015 में राष्‍ट्रीय लेखा के आधार वर्ष को 2004-05 से संशोधित करके 2011-12 कर दिया गया।
  • संशोधित श्रृंखला में हुए सुधारों में निम्‍नलिखित शामिल हैं :
    • खनन, विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्रों की लगभग 5.5 लाख कंपनियों के लिए कंपनी मामलों के मंत्रालय के कॉरपोरेट क्षेत्र संबंधी डेटा का उपयोग करना।
    • राष्‍ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के नवीनतम डेटा का उपयोग करना।
    • स्‍थानीय निकायों एवं स्‍वायत्‍ता प्राप्‍त संस्‍थानों की बेहतर कवरेज।
  • औद्योगिक उत्‍पादन सूचकांक (आईआईपी) के आधार वर्ष में संशोधन
  • आधार वर्ष में संशोधन के जरिए आईआईपी संबंधी अनुमानों में समय-समय पर संशोधन किये जाते हैं।
  • आईआईपी की नई सीरीज 12 मई, 2017 को जारी की गई, जबकि आधार वर्ष को परिवर्तित कर 2004-05 के बजाय 2011-12 कर दिया गया।
  • विगत वर्षों के दौरान औद्योगिक क्षेत्र में हुए ढांचागत बदलावों को संशोधित श्रृंखला में बेहतर ढंग से दर्ज किया गया है।
  • उपभोक्‍ता मूल्‍य सूचकांक (सीपीआई) के आधार वर्ष में संशोधन
  • सीपीआई की संशोधित श्रृंखला जनवरी, 2015 में लांच की गई।
  • आधार वर्ष को परिवर्तित कर 2010 के बजाय 2012 कर दिया गया।
  • आवास किराया से जुड़े डेटा के नमूना आकार को 6,684 से दोगुना कर 13,368 कर दिया गया।
  • श्रम बल का आवधिक सर्वेक्षण (पीएलएफएस)
  • भारत में बड़े पैमाने पर रोजगार सर्वेक्षण अब तक सामान्‍यत: पांच वर्षों के अंतराल पर होते रहे हैं।
  • कम अंतराल पर रोजगार डेटा प्राप्‍त करने के लिए अप्रैल, 2017 में पीएलएफएस का शुभारंभ किया गया।
  • सांख्यिकी संग्रह (संशोधन) वि‍धेयक 2017
  • साख्यिकी संग्रह अधिनियम 2008 एक केन्‍द्रीय अधिनियम है, जिसके तहत केन्‍द्र, राज्‍य एवं स्‍थानीय सरकारों को सामाजिक-आर्थिक पहलुओं पर साख्यिकी संग्रह की अनुमति दी गई है।
  • यह अधिनियम जम्‍मू-कश्‍मीर पर लागू नहीं है।
  • इस विधायी खाई को पाटने के लिए सांख्यिकी संग्रह (संशोधन) विधेयक 2017 को बजट सत्र 2017 के दौरान संसद में पेश किया गया है।
  • जीडीपी अनुमानों के अग्रिम रिलीज कैलेंडर में संशोधन
  • वर्ष 2017 से पहले जीडीपी के प्रथम अग्रिम अनुमान आम तौर पर 07 फरवरी को यानी केन्‍द्रीय बजट पेश करने की तिथि से तीन सप्‍ताह पहले जारी किये जाते थे।
  • जीडीपी के प्रथम अग्रिम अनुमानों में ऐसी अहम जानकारियां होती हैं, जो आगामी वर्ष के लिए केन्‍द्रीय बजट तैयार करने में काम आती हैं।
  • वर्ष 2017-18 के लिए केन्‍द्रीय बजट पेश करने की ति‍थि को वर्ष 2017 में 28 फरवरी के बजाय 01 फरवरी कर दिया गया, जिसके फलस्‍वरूप सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्‍वयन मंत्रालय ने जीडीपी के प्रथम अग्रिम अनुमान केन्‍द्रीय बजट पेश करने की तिथि से काफी पहले 06 जनवरी, 2017 को ही उपलब्‍ध करा दिए।
  • अब से इसी संशोधित रिलीज कैलेंडर को आगे के वर्षों के लिए अपनाया जाएगा।
  • एनएसएसओ के सर्वेक्षण
  • एनएसएसओ बहुद्देशीय सामाजिक-आर्थिक विषयों पर व्‍यापक सर्वेक्षण पेश करता रहा है।
  • पिछले तीन वर्षों के दौरान एनएसएसओ ने निम्‍नलिखित विषयों पर सर्वेक्षण किए
    • घरेलू पर्यटन व्‍यय
    • सेवाओं एवं टिकाऊ सामान पर घरेलू उपभोग व्‍यय
  • प्रक्रियाओं का मानकीकरण, ई-गवर्नेंस एवं डेटा का प्रसार
  • सीएसओ के राष्‍ट्रीय लेखा प्रभाग और एनएसएसओ के सर्वे डिजाइन एवं शोध प्रभाग को आईएसओ-9001:2008 प्रमाण पत्र दिए गए हैं, जो प्रदर्शन संबंधी गुणवत्‍ता के अनुरूप है।
  • एनएसएस, एएसआई और आर्थिक जनगणना के इकाई स्‍तर डेटा के प्रसार के लिए भारतीय उपयोगकर्ताओं द्वारा इस्‍तेमाल हेतु ई-रिसीट पोर्टल गेटवे ‘भारतकोष’ स्‍थापित किया गया है। उधर, डेटा की आपूर्ति के लिए गैर-भारतीयों द्वारा ऑनलाइन भुगतान की व्‍यवस्‍था की जा रही है।
  • डेटा संग्रह में प्रौद्योगिकी का उपयोग
  • टैबलेटों के जरिए डेटा संग्रह के लिए पीएलएफएस में कम्‍प्‍यूटर समर्थित व्यक्तिगत साक्षात्कार (सीएपीआई) प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाएगा।
  • उद्योगों के वार्षिक सर्वेक्षण (एएसआई) के लिए सीधे डेटा स्रोत से आंकड़ों के संग्रह हेतु वेब-पोर्टल ।
  • सतत विकास लक्ष्‍य (एसडीजी)
  • सितंबर, 2015 में संयुक्‍त राष्‍ट्र ने ‘हमारी दुनिया में व्‍यापक बदलाव: सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा’ से संबंधित प्रस्‍ताव का अनुमोदन किया, जिसमें 17 सतत विकास लक्ष्‍य (एसडीजी) और इनसे संबंधित 169 लक्ष्‍य शामिल हैं, जिनकी प्राप्ति वर्ष 2030 तक की जानी है।
  • भारत भी उन देशों में शामिल है, जो इस प्रस्‍ताव का हिस्‍सा हैं।
  • सभी राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों से जुड़ी क्षेत्रीय एसडीजी कार्यशालाएं अहमदाबाद, लखनऊ, चेन्‍नई, गुवाहाटी और भुवनेश्‍वर में आयोजित की गईं।
  • सांसद स्‍थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीएलएडीएस)
  • यह योजना एमपीएलएडीएस से संबंधित दिशा-निर्देशों के प्रावधानों के अनुसार क्रियान्वित की गई है।
  • आम जनता की कल्‍याणकारी जरूरतें पूरी करने के लिए इस योजना के दिशा-निर्देशों में अनेक संशोधन किए गए हैं।
  • कुछ प्रमुख संशोधन ये हैं :
    • भयावह आपदा के मामले में माननीय सांसदों के योगदान की सीमा 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दी गई है1
    • कौशल विकास के लिए उपकरणों की खरीद की अनुमति दी गई है।
  • अखिल भारतीय आईआईपी की नई श्रृंखला के लिए डेटा इस्‍तेमालकर्ताओं की कार्यशाला
  • मंत्रालय ने अखिल भारतीय आईआईपी की नई श्रृंखला के लिए डेटा इस्‍तेमालकर्ताओं की कार्यशाला 30 अगस्‍त, 2017 को नई दिल्‍ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित की। इसका उद्देश्‍य आईआईपी के इस्‍तेमालकर्ताओं को आधार वर्ष 2011-12 वाली नई श्रृंखला में किये गये बदलावों से अवगत कराना था।

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वीके/एएम/आरआरएस/वाईबी-6037



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