अंतरिक्ष विभाग

पीएसएलवी का निर्माण

Posted On: 20 DEC 2017 5:13PM by PIB Delhi

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को अधिकतम सहयोग के लिए देश में औद्योगिक क्षमता बढ़ाने तथा उसे पोषित करने के लिए जागरूक दृष्टिकोण अपनाता रहा है। देश में ही प्रक्षेपण क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से इसरो बढ़ती हुई राष्ट्रीय जरूरतों की पूर्ति के लिए भारतीय उद्योग को अहम भूमिका निभाने के लिए इसमें संलिप्त करने तथा शुरू से अंत तक पीएसएलवी कार्यक्रम की व्यवस्था करने के लिए इसकी क्षमता तथा सामर्थ्य बढ़ाने के उद्देश्य से वाणिज्यक प्रक्षेपण सेवाओं में समर्थ बनाने की प्रक्रिया में है। इसे गुणवत्ता आश्वासन तथा संरक्षा प्रक्रियाओं सहित भारतीय उद्योग के सशक्तिकरण की योजना बनाकर कार्यान्वित करने का प्रस्ताव है।

इसरो ने 1976 से ही अंतरिक्ष प्रोद्योगिकी के विकास के लिए सार्वजनिक तथा निजी दोनों क्षेत्रों में भारतीय उद्योग की सेवाएं ली हैं। भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को हॉर्डवेयर, कलपुर्जे तथा उपप्रणालियों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इसरो निरंतर प्रौद्योगिकी विकास तथा देश में बहुत से उद्योगों को पूर्ण सहयोग देता रहा है। इससे इसरो उद्योगों के माध्यम से अपने प्रक्षेपण वाहनों तथा उपग्रहों की अधिकांश निर्माण जरूरतों की पहचान कर पाया है। प्रौद्योगिकीय जटिलता तथा काम की मात्रा से निपटने में उद्योग ने निरंतर उत्तरोतर उत्साह दर्शाया है।

विभिन्न गतिविधियों को चलाने के लिए संगत प्रक्रिया दस्तावेज तथा संरक्षा दस्तावेज सही स्थिति में हैं और उनका सावधानी पूर्वक अनुसरण किया जा रहा है ताकि यदि उद्योग इन गतिविधियों को शुरू करें तो प्रशिक्षण के साथ-साथ इनका उपयोग किया जा सके।

यह सूचना केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), राज्य मंत्री प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, जनशिकायत एवं पेंशन, आणविक ऊर्जा तथा अंतरिक्ष डॉ जितेन्द्र सिंह ने आज लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में दी।

 

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वीके/जेडी/एमएम-6027



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