कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय

सरकार के पैनल ने दिवालिएपन और दिवालियापन संहिता के प्रावधानों और नियमों और विनियमों के बारे में हितधारकों से सुझाव/टिप्पणियां आमंत्रित की


संक्षिप्त औचित्य के साथ टिप्पणियां/सुझाव केवल ऑनलाइन सुविधा के माध्यम से एमसीए वेबसाइट पर 10 जनवरी, 2018 तक उपलब्ध कराए जा सकते हैं।

Posted On: 14 DEC 2017 5:52PM by PIB Delhi

कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) के सचिव श्री इंजेती श्रीनिवास की अध्यक्षता में 08 दिसंबर, 2017 को आयोजित दिवाला कानून समिति की पहली बैठक संपन्न हुई। बैठक में ये फैसला किया गया कि सभी हितधारक (स्टेकहोल्डर) अधिसूचित नियम और विनियम के तहत दिवालियापन और दिवालियापन संहिता से जुड़े मामलों में अपने सुझाव या टिप्पणिया मंत्रालय को उपलब्ध कराएं। सभी हितधारक अपनी संक्षिप्‍त औचित्य के साथ टिप्पणियां/सुझाव एमसीए की वेबसाइट पर उपलब्ध ऑनलाइन सुविधा के माध्यम से 10 जनवरी, 2018 तक भेज सकते हैं। सभी स्टेक होल्डर से यह अनुरोध किया गया है कि वो अपनी टिप्पणी या सुझाव सिर्फ ऑनलाइन सुविधा के माध्यम से ही उपलब्ध कराएं।

भारत सरकार ने दिवालिया कानून समिति का गठन दिनांक 16.11.2017 के आदेश के तहत दिवालियापन और दिवालियापन संहिता के क्रियान्वयन और कार्यान्वयन के लिए किया था। कमेटी को ये जिम्मेदारी दी गई है कि वो उन मुद्दों की पहचान करें जो कॉर्पोरेट दिवालियापन संकल्प और परिसमापन ढांचा (लिक्विडेशन फ्रेमवर्क) की दक्षता को प्रभावित कर सकते हैं। कमेटी उन उपयुक्त सिफारिशों को सुझाए ताकि कॉर्पोरेट इंसॉल्वेंसी कोड का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया जा सके। इसके अलावा निर्धारित प्रक्रियाओं की दक्षता में वृद्धि के साथ साथ कॉर्पोरेट इंसॉल्वेंसी कोड का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके।

वीके/एएम/एलआर/जीआरएस-5860



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