प्रधानमंत्री कार्यालय

प्रधानमंत्री ने आईएनएस कलवरी राष्‍ट्र को समर्पित की

Posted On: 14 DEC 2017 1:20PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज मुंबई में आयोजित एक समारोह में नौसेना की पनडुब्‍बी आईएनएस कलवरी को राष्‍ट्र को समर्पित किया।

इस अवसर पर देश के लोगों को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने आईएनएस कलवरी को ‘मेक इन इंडिया’ का प्रमुख उदाहरण बताया। उन्‍होंने इसके निर्माण में शामिल सभी लोगों की सराहना की। उन्‍होंने इस पनडुब्‍बी को भारत और फ्रांस के बीच तेजी से बढ़ रही रणनीतिक साझेदारी का उत्‍कृष्‍ट उदाहरण बताया। उन्‍होंने कहा कि आईएनएस कलवरी से भारतीय नौसेना की शक्ति और सुदृढ़ होगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी को एशिया की सदी कहा जाता है। यह भी तय है कि 21वीं सदी के विकास का मार्ग हिंद महासागर से होकर जाता है। इसलिए सरकार की नीतियों में हिंद महासागर का विशेष स्‍थान है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दृष्टिकोण को विशेष नाम सागर (एसएजीएआर) – यानि सुरक्षा और इस क्षेत्र में सभी का विकास के जरिए समझा जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत हिंद महासागर में अपने वैश्विक, रणनीतिक और आर्थिक हितों को लेकर पूरी तरह से सजग है। उन्होंने कहा कि इसलिए आधुनिक और बहुमुखी भारतीय नौसेना इस क्षेत्र में शांति और स्थायित्व को बढ़ावा देने में प्रमुख भूमिका निभाती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि समुद्र में निहित शक्तियां हमारे राष्ट्र निर्माण के लिए आर्थिक शक्ति प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि इसलिए भारत समुद्री आतंकवाद, समुद्री डकैती और मादक पदार्थों की तस्करी जैसी चुनौतियों को लेकर सजग है, जो न केवल भारत बल्कि इस क्षेत्र के अन्य राष्ट्रों के लिए भी गंभीर चुनौती है। उन्होंने कहा कि भारत इन चुनौतियों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का मानना है कि विश्व एक परिवार है और इसी भावना के साथ वह अपने वैश्विक उत्तरदायित्वों को निभा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत अपने साझेदार देशों के संकट के समय में ‘सबसे पहले’ उनके साथ खड़ा हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय कूटनीति और भारतीय सुरक्षा तंत्र का मानवीय पहलू हमारी विशिष्टता है। उन्होंने कहा कि सुदृढ़ और सक्षम भारत की संपूर्ण मानवता के लिए प्रमुख भूमिका है। उन्होंने कहा कि विश्व के देश भारत के साथ शांति और स्थिरता के पथ पर चलने के इच्छुक हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्ष में रक्षा और सुरक्षा से संबंधित संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र में बदलाव की शुरूआत हुई है। उन्होंने कहा कि आईएनएस कलवरी के निर्माण के दौरान एकत्रित कौशल भारत की संपदा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार की प्रतिबद्धता के कारण ही काफी समय से लंबित ‘वन रैंक वन पेंशन’ के मुद्दे का समाधान निकल पाया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार की नीतियों और सैन्य बलों की वीरता से ही जम्मू और कश्मीर में छद्म युद्ध के रूप में आतंकवाद के इस्तेमाल को असफल किया गया है।

प्रधानमंत्री ने राष्ट्र सुरक्षा में अपना जीवन समर्पित करने वाले व्यक्तियों के प्रति आभार व्यक्त किया।

 

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वीके/एएम/एमके/एसके/एमएस–5855



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