सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय

एनएचएआई का राजमार्गों के निर्माण कार्य में हरसंभव तेजी का प्रयास

तेजी से निर्णय लेने के लिए परियोजना मूल्‍यांकन समिति का गठन

Posted On: 12 DEC 2017 7:41PM by PIB Delhi

भारतीय राष्‍ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने 4,900 किलोमीटर की परियोजनाओं के लिए नवम्‍बर 2017 तक निविदाएं आमंत्रित की थी, जबकि अन्‍य 3,500 किलोमीटर के लिए दिसम्‍बर के अंत तक निविदाएं आमंत्रित किए जाने की संभावना है। जनवरी-मार्च 2018 के दौरान कुछ और परियोजनाओं के लिए निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी जिनकी पहचान दिसम्‍बर 2017 के चौथे सप्‍ताह में की जाएगी। अब तक 22,100 करोड़ रूपये की लागत से 1170 किलोमीटर परियोजनाओं का कार्य सौंपा जा चुका है और कुछ अन्‍य परियोजनाओं की निविदाओं के लिए मूल्‍यांकन किया जा रहा है।

जिन परियोजनाओं के लिए इस वर्ष निविदाएं दी गई उनमें शामिल हैं :

  • दिल्‍ली में द्वारका एक्‍सप्रेस वे
  • उत्‍तर प्रदेश में वाराणसी रिंग रोड चरण- II
  • महाराष्‍ट्र में सतारा - पुणे सेक्‍शन पर खंबाटकी घाट- 6 लेन
  • राजस्‍थान में जोधपुर रिंग रोड
  • बिहार में मनीहारी घाट पर पुल (साहिबगंज के नजदीक)
  • झारखंड में चोरदाहा-गोरहर-बारवा अदा को 6 लेन का बनाना
  • पश्चिम बंगाल में घोषपुकुर-सलसालाबाड़ी को 4 लेन का बनाना
  • मध्‍य प्रदेश में भोपाल-बायोरा को 4 लेन का बनाना
  • ओडिशा में कटक-अंगूल सेक्‍शन को 4 लेन का बनाना
  • कर्नाटक में बेंगलुरू-मैसूर सेक्‍शन को 6 लेन का बनाना
  • आंध्र प्रदेश में विशाखापटनम से सम्‍पर्क के साथ पूर्ण पहुंच नियंत्रित एक्‍सप्रेस वे (आनंदपुरम-पेंडू‍र्थी-अनाकापल्‍ली)

      वित्‍त वर्ष 2017-18 में एनएचएआई ने नवम्‍बर 2017 तक कार्यान्‍वयन के अंतर्गत 1566 किलोमीटर लंबी परियोजनाओं (5,060 लेन किलोमीटर) का कार्य पूरा किया। एनएचएआई द्वारा पिछले 5 वर्ष में निर्मित सड़कों की औसत लम्‍बाई 2,175 किलोमीटर है जिसमें से 2,628 किलोमीटर का निर्माण वित्‍त वर्ष 2016-17 में किया गया। एनएचएआई ने इस वर्ष 3500 किलोमीटर निर्माण का लक्ष्‍य रखा है।

      12 नई परियोजनाएं (597 किलोमीटर) शुरू कर दी गई हैं और जल्‍दी ही 38 अन्‍य परियोजनाएं (1969 किलोमीटर) शुरू हो जाएंगी। बैंक/वित्‍तीय संस्‍थान हाइब्रिड एन्‍यूइटी मोड (एचएएम) में गहरी दिलचस्‍पी ले रहे हैं और अब एचएएम परियोजनाओं के वित्‍तीय समझौते आसानी से हो रहे हैं।

      एनएचएआई 2017-18 के दौरान सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाजरानी, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री श्री नितिन गडकरी द्वारा तय 10,000 किलोमीटर के लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। प्राधिकरण हाल ही में मंजूर भारतमाला परियोजना के पहले चरण को अगले पांच वर्ष यानी 2021-22 तक पूरा करने के लक्ष्‍य को हासिल करने की तैयारी कर रहा है। पिछले 5 वर्ष के दौरान एनएचएआई ने औसत 2,860 किलोमीटर कार्य सौंपा जिसमें से वित्‍त वर्ष 2016-17 में 4,335 किलोमीटर का कार्य सौंपा गया।

      भारतमाला परियोजना को मंजूरी देते समय सरकार ने एनएचएआई बोर्ड को अधिकार दिया कि वह इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) मोड पर परियोजनाओं का मूल्‍यांकन करे और उन्‍हें मंजूरी दे, जो परियोजना का 30 प्रतिशत है। इसके पश्‍चात एनएचएआई बोर्ड ने दो मूल्‍यांकन समितियों का गठन किया जो 500 करोड़ रूपये से अधिक लागत की परियोजनाओं का मूल्‍यांकन करेगी और 500 करोड़ रूपये तक की मूल्‍यांकन परियोजनाओं के लिए आंतरिक मूल्‍यांकन समितियां गठित की। इसके अलावा अध्‍यक्ष को 500 करोड़ रूपये तक की परियोजनाओं की और एनएचएआई की कार्यकारी समिति को 500-1000 करोड़ रूपये तक की परियोजनाओं की मंजूरी देने का अधिकार दिया।

      मूल्‍यांकन समितियां अनेक परियोजनाओं को मंजूरी दे चुकी हैं जिससे निविदाएं आमंत्रित करने और उन्‍हें स्‍वीकार करने के काम में तेजी आई है। एनएचएआई के अध्‍यक्ष साप्‍ताहिक आधार पर लक्ष्‍यों की समीक्षा कर रहे हैं। क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे प्रत्‍येक परियोजना के लिए एडीएम दर्जे के सेवानिवृत्‍त राजस्‍व अधि‍कारियों की सेवाएं लें ताकि भूमि अधिग्रहण का कार्य तेजी से हो सके। परियोजना शुरू करने में देरी जैसे मुआवजे के वितरण, पेड़ काटने की इजाजत आदि पर भी लगातार निगरानी रखी जा रही है। एनएचएआई के कार्यस्‍थल अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे मंजूरी प्राप्‍त होने तक सम्‍बद्ध राज्‍य सरकारों के अधिकारियों से मिलकर उनसे बातचीत करें। यदि स्‍थानीय स्‍तर पर समाधान नहीं हो तो राज्‍य सरकारों के मुख्‍य सचिवों के साथ मुद्दों को उठाया जाए।     

    

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वीके/एएम/केपी–5829 



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