उप राष्ट्रपति सचिवालय

मेडिकल स्‍नातकों को अपनी चिकित्‍सा पद्धति को नैतिक पद्धति में परिवर्तित करना चाहिए: उपराष्‍ट्रपति  स्‍वामी राम हिमालयन विश्‍वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह में संबोधन 

Posted On: 05 DEC 2017 7:56PM by PIB Delhi

उपराष्‍ट्रपति श्री एम. वैंकेया नायडू ने कहा कि मरीजों की भलाई और कल्‍याण को ध्‍यान में रखते हुए मेडिकल स्‍नातकों को अपनी चिकित्‍सा पद्धति को नैतिक पद्धति में परिवर्तित करना चाहिए। वे आज उत्‍तराखंड के देहरादून में स्‍वामी राम हिमालयन विश्‍वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह में संबोधन दे रहे थे। इस अवसर पर उत्‍तराखंड के राज्‍यपाल श्री कृष्‍ण कांत पॉल, मुख्‍यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, राज्‍य के उच्‍च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत और स्‍वामी राम हिमालयन विश्‍वविद्यालय के कुलपति डॉ. विजय देशमान और अन्‍य गणमान्‍य उपस्‍थित थे।

उपराष्‍ट्रपति ने स्‍वामी राम के कथन ‘अगर मैं आपके भीतर के ईश्‍वर की सेवा नहीं कर सकता तो मंदिर, गिरजाघर और मस्‍जिद जाना पाखंड है’ को उद्धृत किया। उन्‍होंने कहा है कि स्‍वामी राम की प्रतिबद्धता के कारण विश्‍वविद्यालय के आदर्श वाक्‍य के रूप में ‘प्रेम, सेवा, स्‍मरण’ छात्रों, फेकल्‍टी और कर्मचारियों को अपने साथियों की नि:स्‍वार्थ तथा प्रेम भाव से सेवा करने के लिए प्रेरित करता है।

उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि हिमालयन चिकित्‍सा विज्ञान संस्‍थान (एचआईएमएस) स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल के क्षेत्र में एकीकृत और किफायती दृष्‍टिकोण विकसित कर रहा है, जिससे न केवल स्‍थानीय आबादी की जरूरतें पूरी होंगी, बल्‍कि यह पूरे देश के लिए मानक के रूप में कार्य करेगा। उन्‍होंने कहा कि एचआईएमएस उत्‍तराखंड और इससे जुड़े राज्‍यों की ग्रामीण आबादी के लिए मल्‍टी सुपर स्‍पेशलिटी तथा तृतीयक स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल सेवाएं प्रदान कर रहा है। गौरतलब है कि यहां स्‍माइल ट्रेन प्रोजेक्‍ट के अंतर्गत 9000 से अधिक बच्‍चों के कटे होंठ और तालु की नि:शुल्‍क प्‍लास्‍टिक सर्जरी की गई है।

उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि विश्‍वविद्यालय का कैंसर अनुसंधान संस्‍थान, कैंसर नियंत्रण के सभी पहलुओं से निपट रहा है और यह क्षेत्र का प्रमुख कैंसर केंद्र तथा कैंसर के मरीजों के लिए महत्‍वपूर्ण स्‍थान बनने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्‍होंने कहा कि मरीजों की देखभाल एवं ईलाज में नर्स की महत्‍वपूर्ण भूमिका होती है। उन्‍होंने कहा कि यह जानकर अत्‍यंत प्रसन्‍नता हुई है कि हिमालयन नर्सिंग कॉलेज स्‍नातक और स्‍नातकोत्‍तर नर्सिंग डिप्‍लोमा प्रदान कर रहा है। 

उपराष्‍ट्रपति ने स्‍नातक छात्रों को याद दिलाया कि वे प्रभावी संवाद, स्‍व प्रबंधन, नवाचार, भावात्‍मक बुद्धिमत्‍ता, स्‍व जागरूकता जैसे व्‍यक्‍तिगत कौशल से जीवन के सही उद्देश्‍य को पाने के लिए सशक्‍त बनेंगे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को विविधता वाले विनिर्माण और सेवा आधारित अर्थव्यवस्था बनाकर देश को प्रतिस्पर्धी, उच्च विकास, उच्च उत्पादकता वाली मध्यमवर्गीय आय में बदलने की महत्वाकांक्षी योजना है। उन्होंने छात्रों को सुझाव दिया कि वे न केवल नौकरी पाने वाले, बल्कि नौकरी देने वाले बनें। उन्होंने कहा कि छात्र रचनात्मक, अभिनव, अपरम्परागत रहे और समर्पण, जुनून, प्रतिबद्धता, कड़ी मेहनत, अनुशासन तथा दृढ़ता से अनौपचारिक क्षेत्रों का पता लगाने की कोशिश करें, जिससे उनके सपनें साकार होंगे और वे अपने लक्ष्य हासिल कर पाएंगे।

 

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वीके/एएम/एमके/एसकेपी – 5732



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