रक्षा मंत्रालय

नौसेना हाउस में नवोन्मेषण मंडप


‘नवोन्मेषण नौसेना में जीवन का मार्ग है‘-स्वदेशीकरण एवं नवोन्मेषण के जरिये स्व निर्भरता हासिल करने की नौसेना की गाथा

Posted On: 03 DEC 2017 11:38AM by PIB Delhi

स्वदेशीकरण की शुरुआत देश में छोटी गश्ती नौकाओं के निर्माण से पांच दशक पूर्व हुई थी। स्व निर्भरता हासिल करने की नौसेना की गाथा मैजागोन डॉक एवं शिपबिल्डर्स लिमिटेड में लिएंडर क्लास फ्रिगेट्स के निर्माण के साथ 1960 के उत्तरार्ध में थोड़ी आगे बढ़ी। स्वदेशी जहान निर्माण कार्यक्रम जो विदेशी डिजायनों पर फ्रिगेट आकार जहाज के निर्माण के साथ आरंभ हुआ, धीरे धीरे परिपक्व होकर नौसेना की अपनी डिजायन के डेस्ट्रॉयर्स एवं एयरक्राफ्ट कैरियर्स के निर्माण तक पहुंच चुका है। आज सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र दोनों में ही भारतीय शिपयार्ड में 40 से अधिक जहाज एवं पनडुब्बियां निर्माणाधीन हैं और भारतीय नौसेना को भारत में ही अपने सभी जहाजों एवं नवोन्मेषणों का निर्माण करने का गौरव हासिल हो चुका है।

प्रत्येक जहाज बड़ी संख्या में प्रणालियों एवं उपकरणों के एक स्व-कंटेंड वॉर फाइटिंग प्लेटफॉर्म से सुसज्जित है जो सामान्य आवास एवं रहने से संबंधित सेवाओं से लेकर बिजली एवं जल सृजन और वितरण जैसी नागरिक सेवाएं प्रदान करती हैं। इसके अलावा इनमें तीनों आयामों-वायु, सतह एवं उप-सतह में युद्ध कला में प्रयोग में आने वाले अत्याधुनिक हथियारों एवं सेंसर्स भी लगे हुए हैं।

अन्य किसी भी सैन्य प्लेटफॉर्म के विपरीत, किसी जहाज या पनडुब्बी में लगे उपकरणों/प्रणालियों/उप-प्रणालियों की संख्या बहुत बड़ी होती है जो सैकड़ों की संख्या में होती है।

नौसेना प्रारंभिक दशकों के दौरान विविध स्रोतों से जहाजों की खरीद करती है और हाल के कुछ वर्षों में कुछ स्पेशल पर्पस प्लेटफॉर्म की भी खरीद की है। एक लंबे मिशन पर उच्च समुद्र में जाने वाले जंगी जहाज के क्रू के सामने कई प्रकार की चुनौतियां भी आती है जो आम तौर पर विभिन्न प्रकार की स्थितियों से संबंधित होती हैं और उनका प्रबंधन जहाज पर ही करना होता है।

नौसेना चुने हुए नवोन्मेषणों के लिए ‘ नवोन्मेषण हेतु सीएनएस रॉलिंग ट्रॉफी‘ प्रस्तुत करती है। नौसेना दिवस 2017 की तैयारी के एक हिस्से के रूप् में 20 नवोन्मेषणों को पूरी नौसेना में से केंद्रीय मूल्यांकन के लिए इकाइयों द्वारा प्रस्तुत नवोन्मेषणों में से चुना गया है। इन नवोन्मेषणों का रेंज जटिल प्रणाली मॉड्यूल के नवोन्मेषणी मरम्मत से लेकर नई तकनीकों के विकास तक फैला होता है जिससे पैसे, समय और श्रमबल की बचत होगी।

भारतीय नौसेना जहाजों कुथर एवं विक्रमादित्य के नवोन्मेषणों को ऑपरेशनल यूनिट्स वर्ग में क्रमशः विजेता एवं उप विजेता घोषित किया गया है।

कुछ और चुने हुए नवोन्मेषणों के साथ इन नवोन्मेषणों को 04-05 दिसंबर, 2017 को नौसेना हाउस, नई दिल्ली में ‘नवोन्मेषण मंडप‘ में प्रदर्शित किया जाएगा। 

वीके/एसजे/एसके-5703



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