सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय

राष्ट्रपति ने अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर ‘राष्ट्रीय दिव्यांगजन सशक्तिकरण पुरस्कार-2017‘ प्रदान किया

Posted On: 03 DEC 2017 11:32AM by PIB Delhi

राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने आज यहां अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा आयोजित एक समारोह में ‘राष्ट्रीय दिव्यांगजन सशक्तिकरण पुरस्कार-2017‘ प्रदान किया।

इस अवसर पर, केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्रियों-श्री कृष्ण पाल गुर्जर एवं श्री राम दास अठावले भी उपस्थित थे।

अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस अर्थात 3 दिसंबर को दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय व्यक्ति विशेषों, संस्थानों, संगठनों, राज्य/जिला आदि को दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण की दिशा में किए गए उनके असाधारण कार्यों एवं उपलब्धियों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करता है। राष्ट्रीय पुरस्कार 14 मुख्य वर्गों में प्रदान किए गए। निर्धारित अवधि के भीतर इन 14 वर्गों में से 13 वर्गों से 984 आवेदन प्राप्त किए गए। विभाग द्वारा नियमानुसार गठित चार जांच समितियों ने नामांकनों की जांच की थी एवं उनकी अनुशंसाओं पर राष्ट्रीय चयन समिति द्वारा विचार किया गया। राष्ट्रीय चयन समिति की बैठक 10 और 16 नवंबर को हुई और पुरस्कार के लिए 52 व्यक्तियों/संस्थानों के नामों की सिफारिश की गई।

उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि देश का भविष्य यह सुनिश्चित करने पर निर्भर करता है कि सभी नागरिकों के पास उनकी पूरी काबलियत का दोहन कर सकने की क्षमता हो। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को अर्जित करने के लिए हमें एक संवेदनशील और सामंजस्यपूर्ण समाज का निर्माण करना होगा जहां प्रत्येक व्यक्ति खुद को सशक्त समझे-जो एक सहानुभूतिपूर्ण समाज हो, जहां प्रत्येक व्यक्ति एक दूसरे के दर्द को समझ सके।

उन्होंने कहा कि हमारा संविधान दिव्यांगों समेत सभी नागरिकों को समानता, स्वतंत्रता, न्याय एवं मर्यादा की गारंटी देता है। सरकार ने दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण, समावेशन एवं उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए कानून बनाये हैं। राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि किसी भी दिव्यांगजन का मूल्यांकन उसकी शारीरिक क्षमता से नहीं किया जाना चाहिए बल्कि उसकी बुद्धि, उसके ज्ञान एवं उसके साहस से किया जाना चाहिए।

राष्ट्रपति महोदय ने पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी एवं कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वे दूसरे दिव्यांगजनों को नई ऊंचाइयां छूने के लिए प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत ने अपने संबोधन में कहा कि भारत ने पिछले साढ़े तीन वर्षों के दौरान कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं और हमारे दिव्यांगजनों ने कई गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की स्थापना की है। 8589 एडीआईपी शिविरों का आयोजन किया गया एवं 9 लाख से अधिक दिव्यांगजनों को उपकरण तथा सहयोगात्मक डिवाइस उपलब्ध कराए गए। उन्हें मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल भी प्रदान किए गए। इस अवधि के दौरान दिव्यांगजनों को छात्रवृत्तियों एवं सहायता की राशि में भी बढोतरी की गई। प्रधानमंत्री के सक्षम दिशानिर्देश के तहत सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग विश्व भर में लोकप्रिय हो चुका है।

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