Prime Minister's Office

PM addresses 99th birthday celebrations of Dada Vaswani via video conference

Posted On: 02 AUG 2017 9:27PM by PIB Bhubaneshwar
The Prime Minister, Shri Narendra Modi, today addressed via video conference, the 99th birthday celebrations of Dada Vaswani in Pune. He recalled that he had first met Dada Vaswani 27 years ago at the World Religions Conference in the United Nations. He also recalled their meeting in Pune in 2013.  
 
The Prime Minister praised Dada Vaswani for his selfless service to humanity. Appreciating Dada Vaswani’s thoughts on “Making the Right Choice,” the Prime Minister said that if people resolve to make the right choice, evils such as corruption, casteism, drug-abuse, crime etc., can be overcome. He spoke of India’s 75th anniversary of independence in 2022, and said India must resolve today, to fulfil the dreams of the freedom fighters by then. He urged the Sadhu Vaswani Mission to join this effort, in whatever ways it can. 
 
Dada Vaswani thanked the Prime Minister, and described him as one of the greatest leaders of the world today. He said that initiatives launched by the Prime Minister, such as Jan Dhan Yojana, Make in India, Swachh Bharat etc. are having a visible impact. He said India has changed a lot in three years. He also said that not politics, but right education at the right time, is the key to nation-building. He said we should all strive to build a nation that all Indians can be proud of.
 
Following is the text of the Prime Minister’s address: 
 
श्रद्धेय ‘दादा’ जेपीवासवानी को उनके 99वें जन्मदिवस पर मेरी बहुत-बहुतशुभकामनाएं।  
जन्मदिन दादा वासवानी का है लेकिन उनसे आशीर्वाद लेने का सौभाग्य मुझे मिला है।  
दादा वासवानी की आयु के 100वें वर्ष के आरम्भ पर हो रहे इस समारोह मेंमैं आप सभीका हार्दिक अभिन्दन करता हूँ।  
दादा वासवानी के लाखों भक्तों के लिए उनकी निर्मल और निश्चल मुस्कान चिर-परिचितहै। 
उनकी सरलता-सहजता का अनुभव मुझे पहली बार 27 वर्ष पूर्व हुआ था।  
यूएन में उस समय वर्ल्ड रिलिजन कॉन्फ्रेंस का आयोजन हो रहा था और मुझे भी वहां जानेका अवसर मिला था। तब मैंने दादा वासवानी से राष्ट्र निर्माणसामाजिक कर्तव्यों पर घंटोंचर्चा की थी।  
2013 मेंपुणे में साधु वासवानी कॉलेज ऑफ नर्सिग का लोकार्पण हम दोनों ने मिलकरकिया था।   
पिछले वर्ष दादा वासवानी जब दिल्ली आए थेतो फिर मुझे उनसे मिलने का सौभाग्यमिला था। तब भी शिक्षास्वास्थ्य जैसे अहम विषयों पर हमने काफी देर तक बात की थी।अच्छा होता आज मुझे रू--रू होकर आपसे मिलने का अवसर मिलतालेकिनजिम्मेदारियों की वजह से मैं नहीं  पाया।  
साथियों 
दादा वासवानी का व्यक्तित्व आधुनिक भारत की संत परंपरा की आध्यात्मिक यात्रा कोआगे बढ़ाता है।  
जब भी मैं उनसे मिलता हूं उनके व्यक्तिव में संतोषविनम्रता और प्रेम की वास्तविकशक्ति का जीवंत अनुभव होता है।  
दूसरों पर अपना सर्वस्व न्यौछावर करने की प्रवृत्तिदादा वासवानी के जीवन का आधाररही है। 
दादा जे पी वासवानी की एक बात मुझे याद आती है 
आप जितना भला कर सकते हैंकरें 
आप जितने लोगों का भला कर सकते हैंकरें! 
आप जितने प्रकार से भला कर सकते हैंकरें  
और 
जितनी ज्यादा बार भला कर सकते हैंकरें!!! 
दादा वासवानी के ये दिव्य वचन संपूर्ण मानवता के सशक्तिकरण का मार्ग खोलते है।  
हमारे समाज में कितने ही दीन-दुःखीगरीबदलितशोषितवंचित हैं। वो अपनी स्थितिबदलने के लिए संघर्ष कर रहे हैंपरिश्रम कर रहे हैं।  
साधु वासवानी मिशन इन्हें आगे बढ़ने के लिएउनकी जिंदगी आसान बनाने के लिएबरसों से प्रयत्नशील हैं। मैं उनका हृदय से अभिनंदन करता हूं। 
साथियों,   
मुझे बहुत प्रसन्नता है कि आप सभी के द्वारा आज इस उत्सव की शुरुआत की जा रही है। मैं आज विशेष रूप से उस विषय पर बात करना चाहता हूं जिस पर दो दिन पूर्व आपनेचर्चा की थी। Make The Right Choice विषय आज के संदर्भ में बहुत ही प्रासंगिक है।  
जीवन में सही और गलत विकल्प के बारे में दादा वासवानी ने कितने सुंदर विचार रखे। मैंउन्हें यहां दोहराना चाहता हूं।  
दादा वासवानी ने कहा 
सही विकल्प चुनने के लिए हमें अपनी चेतना को शांत कर लेना चाहिए, 
हमें अपनी भावनाओं को शांत कर लेना चाहिए 
हर तरफ ईश्वर को उपस्थित मानकर खुले हृदय से विचार करने पर हम सही विकल्प चुनसकते हैं।  
जीवन का प्रत्येक अनुभव हमें एक शिक्षा देता है। ये हम पर है कि हम वो शिक्षा किस तरहलेते हैं 
आज के नौजवानों को दादा वासवानी की इन बातों से प्रेरणा लेनी चाहिए। जीवन पथ परव्यक्ति को हमेशा ऐसी परिस्थितियों से दो-चार होना होता है।  
आज समाज में व्याप्त तमाम बुराइयों की बड़ी वजह भी यही है कि सही और गलत कोजानते हुए भीकुछ लोग गलत का विकल्प चुन लेते हैं।  
भ्रष्टाचार होजातिवाद होअपराध होड्रग्स की लत होइन सभी से निपटा जा सकता हैअगर इंसान अपने जीवन में विकल्प चुनने की प्रवृत्ति में सुधार करे।  
समाज के हर व्यक्ति का सही विकल्प चुनना और उस पर आगे बढ़नासशक्त समाज काभी आधार है।  
साथियों 
ये बहुत सुंदर संयोग है कि इस वर्ष ही चंपारण सत्याग्रह के सौ वर्ष पूरे हुए हैं। चंपारणसत्याग्रह के माध्यम से महात्मा गांधी ने ना सिर्फ देश को सत्याग्रह की शक्ति से परिचितकराया बल्कि सामाजिक बुराइयों से लड़ने के लिए जनभागीदारी को भी एक मजबूत मंत्र केरूप में स्थापित किया। चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष को सरकार स्वच्छाग्रह के रूप मेंमना रही है।  
दादा वासवानी का आशीर्वाद स्वच्छाग्रह को और ताकत देगा। ये महात्मा गांधी के अधूरेसपने को पूरा करने में सहायक होगा।  
स्वच्छ भारत अभियान देश में एक जनआंदोलन की तरह जारी है। 2 अक्तूबर, 2014, जबये अभियान शुरू किया गया था तो देश में ग्रामीण स्वच्छता का दायरा सिर्फ 39 प्रतिशतथा। आज ये बढ़कर
66 प्रतिशत तक पहुंच गया है। एक बहुत ही स्वस्थ परंपरा भी शुरू हुई है। गांवोंजिलोंऔर राज्यों में खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित करने की प्रतिस्पर्धा चल रही है। अबतक देश के 2 लाख, 17 हजार
गांव खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर चुके हैं।  
देश के पाँच राज्यहिमाचल प्रदेश हरियाणाउत्तराखंडसिक्किम और केरल भी इसलिस्ट में शामिल हैं।  
आप सभी लोग शिक्षा के क्षेत्र मेंमहिला कल्याण के क्षेत्र मेंस्वास्थ्य के क्षेत्र में इतनाकुछ कर रहा है। स्वच्छाग्रह में आपका ज्यादा योगदान लोगों को शिक्षित भी करेगा औरउनका स्वास्थ्य भी सुधारेगा।  
मैं आज इस कार्यक्रम के माध्यम से देश के प्रत्येक समाजसेवी संगठन से एक अपील भीकरना चाहता हूं।  
साथियों 
ईंट पत्थर जोड़कर शौचालय तो बनाए जा सकते हैंकर्मचारियों को जुटाकर सड़कें तो साफकराई जा सकती हैंरेलवे स्टेशन-बस अड्डे साफ कराए जा सकते हैंलेकिन उन्हें लगातारस्वच्छ रखने के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करना होगा।  
स्वच्छता एक व्यवस्था नहीं हैस्वच्छता एक वृत्ति है। ये हम सभी का स्वभाव बनेयेजरूरी है। 
स्वच्छता को एक प्रवृत्ति मानकरएक बड़ी लगन के साथ नित्य अभ्यास करेंतो येप्रवृत्ति अपने आप समाज की प्रकृति बन जाएगी।  
इसी तरह पर्यावरण संरक्षण के प्रति भी लोगों को लगातार जागरूक किए जाने कीआवश्यकता है।  
आज क्लाइमेट चेंज पूरी दुनिया के सामने बहुत बड़ी चुनौती बन गया है। 
ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने के कार्यक्रम, Waste to Energy से जुड़े कार्यक्रमसौर ऊर्जाके प्रति लोगों का रुझान बढ़ाने के लिए कार्यक्रमजल-संरक्षण के लिए लोगों को प्रेरितकरने के कार्यक्रमहमारी प्रकृति और पर्यावरण को मजबूत करेंगे।  
साथियों 
दादा वासवानी और उनकी संस्था का मुझ पर इतना स्नेह है कि मैं भी एक अधिकार केसाथ आपकी संस्था से एक आग्रह करना चाहता हूं।  
हमारा देश 2022 में स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष का पर्व मनाएगा। दादा वासवानी तो स्वयंस्वतंत्रता आंदोलन के साक्षात गवाह रहे हैं।  
देश की स्वतंत्रता के लिए अपना जीवन लगा देने वाले हमारे वीर सपूतों के सपने अब भीअधूरे हैं।  
2022 तक इन अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए देश आज 2017 में एक संकल्प ले रहाहै।  
ये संकल्प है न्यू इंडिया का।  
दादा वासवानी का आशीर्वादसाधु वासवानी मिशन की इच्छाशक्ति इस संकल्प की सिद्धिमें सहायक होगी। इसलिए मेरा आग्रह है कि आपकी संस्था भी 2022 के लिए अपने लक्ष्यतय करे। लक्ष्य भी ऐसे हों जिन्हें संख्या में नापा जा सकता हो।  
जैसे स्वच्छता के आग्रह के साथ आप प्रतिवर्ष 10 हजार लोगों से संपर्क करेंगे या 20 हजारसेसौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए प्रतिवर्ष 5 हजार लोगों तक जाएंगे या 10 हजार लोगोंतकये संकल्प आपकी संस्था को ही लेना है। 
जब देश का हर व्यक्तिहर परिवारहर संस्था अपने-अपने लिए लक्ष्य निर्धारित करेगीऔर उसकी प्राप्ति के लिए परिश्रम करेगीतो लक्ष्य भी हासिल होगा और न्यू इंडिया कासपना भी साकार होगा।  
दादा वासवानी का जीवन देखते हुएहम सब जो उनको प्यार करते हैंऔर जिन्हें वो प्यारकरते हैंये शताब्दी हम कैसे बनाएंगेये हमें तय करना होगा।  
मेरा सुझाव है कि ये शताब्दी वर्ष एक मुद्दे पर केंद्रित होजिसमें हर व्यक्ति समाज के लिएकुछ करेसमाज के लिए जीयेऔर मुझे विश्वास है कि दादा वासवानी की तपस्या का मूर्तरूप होगा। 
दादा वासवानी की शिक्षाओं से हमें निरंतर इस लक्ष्य की प्राप्ति की प्रेरणा  मिलेगी। 
उनका आशीर्वाद हम सभी पर ऐसे ही बना रहेइसी कामना के साथ मैं अपनी बात समाप्तकरता हूं। एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं 
धन्यवाद !!!” 
 
 
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