Prime Minister's Office
Text of PMs speech at the public meeting at Rameswaram, Tamil Nadu, 27 July, 2017
Posted On:
27 JUL 2017 5:41PM by PIB Delhi
रामेश्वरम वह भूमि है जिसने हजारों वर्षों तक देश के आध्यात्मिक जीवन को एक light house की तरह रास्ता दिखाया है। और इस सदी में रामेश्वरम एक और बात के लिए भी जाना जाएगा। अब्दुल कलाम जी के रूप में एक कर्मयोगी वैज्ञानिक, एक प्रेरक शिक्षक, एक प्रखर विचारक और एक महान राष्ट्रपति इस देश को देने के लिए रामेश्वरम जाना जाएगा।
It is a great honour for me to touch this sacred soil of Rameswaram. As home to one of 12 Jyotirlings of our country Rameswaram is not only a religious center. Rameswaram is also a center of deep spiritual knowledge a ज्ञान पुंज . A place that was also visited by Swami Vivekanand on his return from the United States in 1897. And it is this sacred land that gave to India one of its most famous sons Dr APJ Abdul Kalam. In his actions and thoughts Dr Kalam always reflected the simplicity, depth and calmness of Rameswaram.
डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम जी की पुण्य तिथि के दिन रामेश्वरम में आना मेरे लिए एक बहुत ही भावुक पल है। पिछले वर्ष हमने यहां एक संकल्प किया था, आपसे वादा किया था कि कलाम साहब की याद में, रामेवश्वर में एक Memorial का निर्माण किया जाएगा। मुझे खुशी है कि आज यह संकल्प पूरा हो रहा है।
Defence Research & Development Organization (DRDO) ने बहुत ही कम समय में ये Memorial तैयार किया है। ये Memorial देश की वर्तमान और भावी पीढ़ी को प्रेरणा देता रहेगा। गत वर्ष मैंने श्रीमान वेंकैया नायडू जी के Chairmanship में एक committee बनाई थी और जिनको मैंने काम दिया था कि DRDO के साथ, तमिलनाडु Government के साथ मिल करके इसी भूमि पर देश की युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिले, ऐसा स्मारक बनाना है। आज मैंने स्मारक देखा। मन इतना प्रसन्न हो गया कि हमारे देश में भी इतने कम समय में और इतना Innovative Imagination वाला एक भव्य स्मारक, जो श्रीमान डॉक्टर अब्दुल कलाम जी को पूरी तरह सुसंगत है, उनके विचारों को, कार्य को, जीवन को, आदर्श को, संकल्प को। ऐसा स्मारक बनाने के लिए वेंकैया जी और उनकी पूरी टीम को, तमिलनाडु सरकार को, भारत सरकार के सभी विभागों को, डीआरडीओ को मैं हृदय से बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं।
आपको आश्चर्य होता होगा, और हमारे देश में कोई काम अगर समय पर हो जाए, कल्पना के अनुरूप हो जाए, तो देशवासियों को आश्चर्य होता है कि सरकार भी ऐसा काम कर सकती है क्या? लेकिन ये संभव इसलिए है कि दिल्ली में आज ऐसी सरकार बैठी है, भारत सरकार को आपने जो दायित्व दिया है; उसने पूरी कार्य-संस्कृति बदली है और समय-सीमा में काम पूरा करने का आग्रह सरकार में सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया है।
लेकिन ये बात हम न भूलें कि सिर्फ सरकार, पैसे, planning, power, इससे ही सारे काम हो जाते हैं, ऐसा नहीं है। ये स्मारक की सफलता के पीछे एक और राज है, और जिसके लिए सवा सौ करोड़ देशवासी गर्व कर सकते हैं; वो आज मैं आपके सामने खोलना चाहता हूं। और वो राज ये है सरकार थी, पैसे थे, Planning था, Focus के साथ काम हो रहा था लेकिन इस काम को करने के लिए देश के हर कोने से जिन-जिन को जिस विषय की महारथ थी, ऐसे कारीगर आए थे, मजदूर आए थे, Artist आए थे, Architect आए थे। हिन्दुस्तान के हर कोने से आए हुए लोग इस काम को कर रहे थे। साथ-साथ जो मजदूर काम करते थे, वे सुबह 8 बजे से 5 बजे तक सरकार के नियम से हिसाब से काम कर रहे थे। फिर 5 से 6 बजे तक, एक घंटा वो विश्राम करते थे, चायपान लेते थे, और फिर 6 बजे ये 8 बजे तक extra काम करते थे। और उन्होंने कहा कि 6 से 8 हम जो काम कर रहे हैं, उसके पैसे हम नहीं लेंगे। ये हमारी तरफ से अब्दुल कलाम जी को हमारे परिश्रम के द्वारा, हमारे पसीने के द्वारा, हम उनको श्रद्धांजलि देंगे।
जिन मेरे गरीब मजदूर भाई-बहनों ने इस भक्ति के साथ इस काम को किया है, मैं उनको, उन सभी मजदूरों को इस पवित्र कार्य को पूरा करने के लिए शत्-शत् वंदन करता हूं। इन मजदूरों ने, कारीगरों ने इतना उत्तम काम किया है कि यहां उपस्थित सबसे मैं आग्रह करता हूं कि हम जगह पर खड़े हो करके उन मजूदरों को Standing Ovation दें, तालियां बजा करके उनका Standing Ovation करें।
जब एक मजदूर राष्ट्रभक्ति के भाव से भर जाता है तो कितने महान काम करता है, इसका सबूत ये रामेश्वरम में बना हुआ अब्दुल कलाम जी का स्मारक है। मैं आज अनुभव कर रहा हूं कि इस पल अगर मंच पर अम्मा होतीं, हमारे बीच में अम्मा की उपस्थिति होती, और हमारे गरीब मजदूरों ने काम किया है ये बात जब वो देखतीं, सुनती, तो शायद हमको अनेक-अनेक शुभकामनाएं और आशीर्वाद देतीं। हमें आज अम्मा की गैरहाजिरी महसूस होती है। अम्मा के जाने के बाद मेरा ये तमिलनाडु की धरती पर पहला बड़ा कार्यक्रम है। मैं अम्मा की गैरहाजिरी को महसूस करता हूं। लेकिन उनकी आत्मा जहां भी होगी, तमिलनाडु के उज्ज्वल भविष्य के लिए वो हमेशा आशीर्वाद देती रहेगी, ऐसा मेरा विश्वास है।
मैं आज रामेश्वरम की इस पवित्र धरती से, देश के लोगों से एक प्रार्थना करना चाहता हूं। हिन्दुस्तान के हर कोने से लोग रामेश्वरम की यात्रा के लिए आते हैं, दर्शन के लिए आते हैं। Tour Operator से भी मेरा आग्रह है, रामेश्वरम के यात्रियों से भी मेरा आग्रह है, और देश की युवा पीढ़ी से भी मेरा आग्रह है कि आप जब भी रामेश्वरम की यात्रा करें, इस अब्दुल कलाम जी के memorial को देखने का अपने कार्यक्रम में जरूर जोड़ दें और नई पीढ़ी को प्रेरणा मिले, ऐसे इस प्रेरणा तीर्थ को आप जरूर आ करके देखें।
आज का कार्यक्रम एक प्रकार से पंचामृत है। रेल, रोड, धरती, समंदर और Abdul Kalam जी का स्मारक। ऐसे पांच कार्यक्रम एक साथ आज अब्दुल कलाम जी की पुण्यतिथि पर मुझे करने का सौभाग्य मिला है। आज समंदर में हमारे मछुआरे छोटे-छोटे नाव ले करके जाते हैं। पता तक नहीं रहता है कि हिन्दुस्तान की सीमा में हैं या किसी दूसरे की सीमा में चले गए। और अनेक कठिनाइयां भुगतनी पड़ती हैं। प्रधानमंत्री Blue Revolution Scheme हमने शुरू की है। उस स्कीम के तहत हमारे मुछआरा भाइयों-बहनों को सरकार की तरफ से loan मिलेगा, grant मिलेगी, subsidy मिलेगी। और उनको बड़े अच्छे Trawler मिले हैं ताकि वो Deep Sea में fishing के लिए जा सकें तो आज उसका भी यहां प्रारंभ हुआ है और कुछ मछुआरा भाइयों को उसका cheque देने का भी मुझे सौभाग्य मिला है।
रामेश्वरम की धरती प्रभु रामचंद्र जी के साथ भी जुड़ी हई है। और आज मुझे खुशी है कि प्रभु रामचंद्र जी से जुड़ी हुई रामेश्वरम की धरती को प्रभु राम का जन्म स्थान अयोध्या की धरती के साथ जोड़ने वाली एक Railway Train श्रद्धा सेतु के नाम से Rameswaram to Ayodhya, आज उस रेल का भी लोकार्पण करने का मुझे अवसर मिला है। उसी प्रकार से धनुषकोड़ी तक का जो रास्ता, जो लोग रामसेतु देखने जाना चाहते हैं, जो समुद्री मार्ग से आगे बढ़ना चाहते हैं, वो एक महत्वपूर्ण रोड का काम, उसको भी पूर्ण कर दिया और वो भी आज मुझे देशवासियों को समर्पित करने का मौका मिला है। रेल का समर्पित, रोड का भी समर्पण। और आज यही रामेश्वरम की धरती है, जहां 1897 में स्वामी विवेकानंद जी ने यहां पर विदेश में दिग्विजय कर-करके, विश्व में भारत का नाम रोशन करके इस धरती पर अपने पैर रखे थे। वो स्वामी विवेकानंद जी जहां कन्याकमारी, यहां पास में ही विवेकानंद जी का स्मारक बना है। उस विवेकानंद केन्द्र यहां की District Collectorate, कुछ NGO’s, इन्होंने मिल करके रामेश्वरम को Green बनाने का जो बीड़ा उठाया है, और ये भी एक प्रकार से रामेश्वरम के भविष्य के लिए उत्तम काम करने वाले उन सभी संगठनों को, विशेष करके विवेकानंद केंद्र को हृदय से मैं बधाई देता हूं।
भारत का विशाल समुद्र और साढ़े सात हजार किलोमीटर (सात हजार पांच सौ) सात हजार पांच सौ किलोमीटर लम्बी समुद्री सीमा बड़ी निवेश की संभानाओं से भरे हुए हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार सागरमाला कार्यक्रम भी चला रही है। इसका मकसद भारत की तटरेखा का पूरा लाभ उठा करके भारत के logistic क्षेत्र में बहुत बड़ा परिवर्तन लाना है। सागरमाला कार्यक्रम में आयात-निर्यात और व्यापार की logistic लागत को कम करना, उस दिशा में हम प्रयास कर रहे हैं। इस कार्यक्रम से देश के समुद्री तटों पर रहने वाले लोगों की जिंदगी में बहुत बड़ा बदलाव लाने का हमारा प्रयास है।
आपको ये भी जान करके खुशी होगी कि जिस प्रकार से डीआरडीओ ने ये अब्दुल कलाम जी का स्मारक बनाया व काम किया है, उसी प्रकार से डीआरडीओ हमारी सैन्य शक्ति के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण काम करने वाली इकाई है। लेकिन साथ-साथ नागरिकों के लिए भी वो छोटे-मोटे ऐसे काम करते हैं, ये जो रेलवे यहां से शुरू हो रही है श्रद्धा सेतु, रामेश्वरम से अयोध्या, वो एक ऐसी ट्रेन है जिसके अंदर सारे के सारे Toilet, Bio-Toilet के रूप में रखे गए हैं। स्वच्छता अभियान को बल देने का काम ये श्रद्धा सेतु, इस ट्रेन के द्वारा भी होने वाला है।
Friends,
डॉक्टर कलाम ने अगर अपने जीवन में सबसे ज्यादा प्रेरणा अगर किसी को दी है, तो हमारे देश के नौजवानों को दी है। आज का युवा अपने दम पर आगे बढ़ना चाहता है। खुद दूसरों को रोजगार देने वाला बनना चाहता है। युवा अपने सपने पूरे कर सके, इसलिए केन्द्र सरकार ने Startup India, Standup India जैसे कार्यक्रम शुरू किए हैं। नौजवानों के कौशल विकास के लिए देश के हर जिले में Training Center, Skill Development के केंद्र खोले जा रहे हैं। अपना कारोबार शुरू करने के लिए युवाओं को Bank guarantee जैसी दिक्कतों का सामना न करना पड़े, इसलिए केन्द्र सरकार मुद्रा योजना चला रही है।
देश में अब मुद्रा योजना के तहत 8 करोड़ से ज्यादा खाताधारकों को बिना Bank Guarantee, चार लाख करोड़ से भी ज्यादा रुपये उनको दिए गए हैं ताकि वो अपनी जिंदगी का रास्ता चुन सकें, आगे बढ़ सकें। और मुझे खुशी है कि इसमें से एक करोड़ से ज्यादा लोग अकेले तमिलनाडु के हैं। ये आंकड़ा स्व-रोजगार की तरफ तमिलनाडु के युवाओं को कितना उत्साह है, उमंग है, उसके रुझान को भी दिखा रहा है।
केन्द्र सरकार राज्य में Infrastructure के विकास पर भी जोर दे रही है। New India बिना New Tamil Nadu संभव नहीं है। और इसलिए राज्य में मूलभूत सुविधाओं को बढ़ाने में राज्य सरकार की भरपूर मदद की जा रही है।
मैं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री का आभारी हूं कि उन्होंने भारत सरकार जिन कार्यक्रमों को आगे बढ़ा रही है, उससे तमिलनाडु को जो लाभ मिल रहा है, उसका सार्वजनिक रूप से स्वागत किया, धन्यवाद किया; मैं भी उनके इस सहयोग के लिए उनका धन्यवाद करता हूं।
Smart City Mission के लिए तमिलनाडु के दस शहरों को चुना गया है। इनमें चेन्नई, कोयम्बटूर, मदुरई, तंजावुर, ऐसे सभी बड़े शहर उसमें शामिल हैं। इन शहरों के लिए केंद्र सरकार लगभग 900 करोड़ रुपये release कर चुकी है, करीब-करीब एक हजार करोड़ रुपया।
AMRUT Mission में भी तमिलनाडु के 33 शहरों (thirty three cities) को शामिल किया गया है। केंद्र सरकार ने तमिलनाडु के लिए Four thousand seven hundred crore रुपये से ज्यादा स्वीकृत कर लिए हैं। इस पैसे का इस्तेमाल इन 33 शहरों में बिजली, पानी, सीवेज, सफाई और garden जैसी सुविधाओं को मजबूत बनाने के लिए किया जाएगा।
इस योजना का भरपूर लाभ रामेश्वरम को भी मिलेगा और उसके साथ-साथ 33 शहर, जिसमें मदुरई, तूतीकोरिन, तिरूनलवेली और नागर कोइल भी शामिल है। केंद्र सरकार ने करीब-करीब चार हजार करोड़ रुपये की लागत से चेन्नई मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के पहले फेस के विस्तार को भी मंजूरी दे दी है। तमिलनाडु की ग्रामीण सड़कों के लिए Self-Help Group को बढ़ावा देने के लिए, गांवों में रहने वाले युवाओं के कौशल विकास के लिए केंद्र सरकार ने पिछले तीन वर्ष में, पिछले तीन वर्ष में लगभग 18 हजार करोड़ रूपये (Eighteen Thousand Crore Rs) तमिलनाडु के लिए release किए हैं।
कुछ प्रयासों की अपील मैं यहां की सरकार और यहां के लोगों से भी करना चाहता हूं। स्वच्छ भारत के mission के तहत इस समय पूरे देश के शहरों में एक होड़ मची है, competition लगी हैं कि कौन खुद को पहले खुले में शौच से मुक्त घोषित करे। और मुझे आशा है कि तमिलनाडु भी इस दौड़ में अन्य किसी भी राज्य से पीछे नहीं रहेगा, और जोर लगाएगा और आगे बढ़के रहेगा।
इसी तरह राज्य सरकार मानती है कि यहां के शहरों में आठ लाख से ज्यादा गरीब परिवारों के लिए घर की जरूरत है। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के माध्यम से इस demand को पूरा किया जा सकता है। मैं राज्य सरकार से अपील करूंगा कि वो प्रस्ताव भेजें, अपनी प्रक्रिया तेज करें और स्वीकृत किए हुए घर के निर्माण में तेजी लाएं।
डॉक्टर अब्दुल कलाम जीवन पर्यन्त एक विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए जुटे रहे। सवा सौ करोड़ देशवासियों को इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हमेशा वो प्रेरित करते रहे। ये प्रेरणा हमें Twenty, Twenty two तक, 2022 तक, जब आजादी के 75 साल होंगे; New India के सपने का साकार करने में बहुत मदद करेगी।
2022 में हमारा देश आजादी के 75 साल के पर्व को मनाएगा। देश की स्वतंत्रता के लिए अपनी जिंदगी खपा देने वाले हमारे सपूतों ने जो सपने देखे थे, उन्हें पूरा करने के लिए हमारा हर प्रयास डॉक्टर कलाम को भी एक उत्तम श्रद्धांजलि बनके रहेगा।
और जब मैं आज रामेश्वरम की धरती पर हूं, रामेश्वरम के इंसान तो बहुत कुछ करते हैं, लेकिन रामायण हमें इस बात को कहती है कि यहां की छोटी-सी गिलहरी, इसी रामेश्वरम की छोटी-सी गिलहरी भी किस प्रकार से राम-सेतु बनाने के काम आई थी। उसी प्रकार से और वो गिलहरी तो रामेश्वरम की थी, और इसलिए The squirrel can inspire us all .If 125 crore Indians take just one step each, India will march 125 crore steps ahead.
हिन्दुस्तान के एक दूसरे छोर, रामेश्वरम, यहां समंदर शुरू हो जाता है; और इतना बड़ा जन-सैलाब इस बात को बताता है कि आपकी अब्दुल कलाम के प्रति कितना आदर-भाव है और देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए आप किस प्रकार से जुड़ना चाहते हैं। इसको मैं साफ देख रहा हूं। इस विशाल जनसागर को मैं फिर से नमन करता हूं। अब्दुल कलाम जी को आदरपूर्वक अंजलि देता हूं और स्वर्गीय अम्मा को भी आदरपूर्वक अंजलि देता हूं।
आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।
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अतुल तिवारी/नदीम तुफैल/ हिमांशु सिंह/ निर्मल शर्मा
(Release ID: 1497522)
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