Prime Minister's Office
Text of PMs speech at Community Reception in Israel
Posted On:
05 JUL 2017 3:36PM by PIB Bhubaneshwar
70 वर्षों में पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री का आना ये अपने आप में एक खुशी का भी अवसर है और कुछ सवालिया निशान भी है| ये human nature है कि जब आप किसी बहुत करीबी व्यक्ति से बहुत दिन बाद मिलते हैं, तो पहला reaction होता है बहुत दिन हुए मुलाकात और फिर कहते हैं ठीक हो कैसे हो और ये जो कैसे हो, ये पहला वाक्य ही एक प्रकार से confession के साथ जुड़ा हुआ होता है। व्यक्ति का हाल-चाल पूछने के साथ-साथ तुरंत ये भी स्वीकार कर लेता है कि बहुत दिन बाद मिले हैं। मैं आपसे मेरी बात की शुरूआत इसी confession से करना चाहता हूं वाकई बहुत दिन बाद मिले हैं और दिन भी कहना ठीक नहीं है सच ये है कि मिलने में कई साल लग गए 10, 20, 50 नहीं 70 साल लग गए।
भारत की स्वतंत्रता के 70 साल बाद भारत का कोई प्रधानमंत्री आज इस्राइल की धरती पर आप सबसे आर्शीवाद ले रहा है। इस अवसर पर इस्राइल के प्रधानमंत्री मेरे दोस्त बेंजामिन नेतन्याहू यहां उपस्थित हैं। इस्राइल आने के बाद जिस तरह वो मेरे साथ रहें हैं, जैसा सम्मान उन्होंने दिया है वो भारत के सवा सौ करोड़ लोगो का सम्मान है। ऐसे सम्मान को, ऐसे प्यार को, ऐसे अपनेपन को कभी भी दुनिया में कोई भुला सकता है? हम दोनों में एक विशेष समानता यह भी है कि हम दोनों ही अपने-अपने देशों की स्वतंत्रता के बाद पैदा हुए हैं यानि बेंजामिन स्वतंत्र इस्रराइल में जन्मे और मैं स्वतंत्र भारत में जन्मा। प्रधानमंत्री नेतन्याहू की एक रूचि हर भारतीय के दिल को छू जाने वाली है और वो है भारतीय भोजन के प्रति उनका प्यार। कल रात्रि भोज पर उन्होंने भारतीय भोजन के साथ जो मेरी आव-भगत की मैं उसे सदैव याद रखूंगा।
हम दो देशों के बीच full डिप्लोमेटिक relations को भले 25 साल हुए हों लेकिन सच्चाई यह भी है कि भारत और इस्राइल कई सौ साल से एक साथ, एक दूसरे के साथ बहुत गहराई से जुड़े हुए हैं। मुझे बताया गया है कि महान भारतीय सूफी-संत बाबा फरीद ने तेरहवीं शताब्दी में Jerusalem में रहकर एक गुफा में लंबी साधना की थी। बाद के दिनों में ये जगह एक प्रकार से तीर्थ स्थल में परिवर्तित हो गई। आज भी ये जगह Jerusalem और भारत के आठ सौ साल पुराने रिश्तों का एक प्रतीक बनी हुई है। 2011 में इस्राइल के care taker शेख अंसारी जी को प्रवासी भारतीय सम्मान भी दिया गया था और मुझे आज उनसे मिलने का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ। भारत इस्राइल का ये साथ परंपराओ का है ये साथ संस्कृति का है और ये साथ एक-दूसरे पर भरोसा और मित्रता का भी है। हमारे त्योहारों में भी एक अद्भुत समानता है। भारत में होली मनती है तो यहां परिम मनाया जाता है। भारत में दीवाली मनाते हैं तो यहां हनुका मनाया जाता है। मुझे ये जानकर बहुत खुशी है। कि Jews पुन: उत्थान के प्रति मेकाइवा गेम्स का कल उद्घाटन हो रहा है और मैं इस्राइल के लोगों को इस खेल के लिए बधाई देता हूं और मुझे खुशी है कि भारत ने भी इस खेल के लिए अपनी टीम भेजी है और भारतीय टीम के खिलाड़ी, भारतीय टीम के खिलाड़ी भी इस अवसर पर यहां मौजूद है। मेरी उन सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं।
इस्राइल की वीर भूमि कई वीर सपूतों तथा उनके बलिदान से सिंचित हुई है। यहां इस कार्यक्रम में मौजूद कई ऐसे परिवार होंगे जिनके पास इस संघर्ष की बलिदान की अपनी-अपनी गाथाएं होंगी। मैं इस्राइल की शौर्यता को प्रणाम करता हूं। उनका ये शौर्य इस्राइल के विकास का आधार रहा है। किसी भी देश का विकास उसका आकार.. साइज नहीं उसके नागरिकों का spirit खुद पर भरोसा तय करता है। संख्या और आकार उतना मायने नहीं रखता ये इस्राइल ने करके दिखाया है, साबित किया है। इस अवसर पर मैं second lieutenant Elise Aston को भी श्रंद्धाजलि देता हूं जिन्हें इस्राइल सरकार ने राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान के लिए certificate for gallantry से सम्मानित किया था। Elise Aston को The Indian के नाम से भी जाना जाता है। ब्रिटिश काल के दौरान उन्होंने मराठा light infantry में काम किया था। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान इस्राइल शहर Haifa को आजाद कराने में भी भारतीय सैनिकों की अहम भूमिका रही है। और ये मेरा सौभाग्य है कि मैं कल उन वीर शहीदों को श्रंद्धाजलि देने के लिए Haifa जा रहा हूं।
कल रात को मेरे मित्र प्रधानमंत्री नेतन्याहू के यहां खाने पर गया था, बड़ा पारिवारिक वातावरण था, हम गप्पे मार रहे थे। सुबह ढाई बजे तक हम बाते करते रहे Indian time से और निकलते समय उन्होंने मुझे एक तस्वीर भेंट की और जिस तस्वीर में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों द्वारा Jerusalem को liberate कराने का एक बहुत ही ह्दयस्पर्शी दृश्य, एक तस्वीर उन्होंने मुझे दी। साथियों, वीरता की इस कड़ी में भी मैं भारतीय सेना के lieutenant J.F.R. Jacob का भी विशेष तौर पर जिक्र करना चाहता हूं। उनके पुरखे बगदाद से भारत आए थे। 1971 में जब बंग्लादेश उस समय के पाकिस्तान से अपनी स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रहा था तो lieutenant J.F.R. Jacob ने ही भारत की रणनीति तय करने और पाकिस्तान के 90 हजार सैनिकों को समर्पण कराने की अहम भूमिका निभाई। साथियों Jews समुदाय के लोग भारत में बहुत कम संख्या में रहे हैं लेकिन जिस भी क्षेत्र में रहे हैं उन्होंने अपनी उपस्थिति बहुत ही गौरवपूर्ण रूप से अलग से दर्ज कराई है। सिर्फ सेना ही नहीं बल्कि साहित्य, संस्कृति फिल्म Jews समुदाय के लोग अपनी मेहनत के दम पर, अपनी इच्छाशक्ति के दम पर आगे बढ़े हैं और एक मुकाम उन्होंने हासिल किया है। मैं देख रहा हूं कि आज के इस भव्य कार्यक्रम में इस्राइल के अलग-अलग शहरों के मेयर भी आए हैं। भारत और भारतीय समुदाय के प्रति उनका स्नेह, उन्हें यहां इस कार्यक्रम में शरीक होने के लिए खींच लाया है। मुझे याद आता है कि भारत की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई में भी Jews समुदाय के एक मेयर रह चुके हैं। ये लगभग 80 साल पहले की बात है। जब मुंबई को बोम्बे कहा जाता था। उस समय 1938 में Elijah Moses ने बोम्बे के मेयर के तौर पर गौरवपूर्ण जिम्मेवारी निभाई थी।
भारत में भी बहुत कम लोगों को पता होगा कि All India Radio की जो signature tune है और वह भी एक Jewish श्रीमान Walter Kaufmann ने compose की थी वो 1935 के बोम्बे में All India Radio के Director हुआ करते थे। Jewish भारत में रहे तो भारतीय संस्कृति को आत्मसात किया लेकिन भावनाओं से इस्राइल के साथ भी जुड़े रहे। इसी तरह भारत से जब भी वो यहां पहुंचे तो उन इलाकों से भारतीय संस्कृति की छाप को भी अपने साथ लेकर के आए। और आज भी भारत से जुड़े हुए हैं।
मुझे ये जानकर बहुत खुशी हुई कि इस्राइल में मराठी भाषा की एक पत्रिका My B oli का लगातार प्रकाशन किया जाता है। My Boli.. इसी तरह कोचीन से आए हुए Jews समुदाय के लोग ओनम भी बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं। बगदाद से भारत में आकर के रहे और यहां आकर बसे बगदादी Jews समुदाय के लोगो के प्रयासों का ही नतीजा था कि पिछले वर्ष बगदादी Jews पर पहला International Symposium आयोजित हो सका है। भारत से आए जुईस समुदाय ने इस्राइल के विकास में अहम भूमिका निभाई है। इसका बड़ा उदाहरण है Moshav Nevatim जब इस्राइल के पहले प्रधानमंत्री David Ben Gurion ने रेगिस्तान को हरा-भरा करने का सपना देखा तो भारत से आए हुए मेरे Jews भाई-बहनों ने भी उस सपने को पूरा करने के लिए दिन-रात खपा दिए थे। Jews समुदाय के लोगों ने make the desert bloom के vision को साकार करने में मदद की। भारत और इस्राइल की धरती पर किए गए इन अथक प्रयासों की वजह से आज हर हिन्दुस्तानी आप सबके ऊपर गर्व कर रहा है। मुझे आप पर गर्व हो रहा है। साथियों Moshav Nevatim के अलावा भी भारतीय समुदाय ने इस्राइल के कृषि विकास में अपना योगदान दिया है। यहां इस कार्यक्रम में आने से पहले मेरी इस्रासइल के प्रसिद्ध Bezalel Eliahu से मुलाकात हुई| Bezalel Eliahu, उनको 2005 में प्रवासी भारतीय ग्रुप में सम्मान से नवाजा गया था। ये सम्मान पाने वाले ये पहले इस्राइली थे। कृषि के अलावा भारतीय समुदाय ने यहां health sector में भी अपनी छाप छोड़ी है। इस्राइल के डॉक्टर लाइल बिष्ट और वह मेरे home state से गुजरात से हैं और जो लोग अहमदाबाद से परिचित हैं उन्होंने मणिनगर में West Height school का नाम सुना होगा। इसी वर्ष प्रवासी भारतीय award से उनको सम्मानित किया गया है। डॉक्टर लाइल बिष्ट यहां के मशहूर cardio surgeon हैं और उनका पूरा कैरियर मानव सेवा की अनेक कहानियों से जुड़ा हुआ है। मुझे मैंने मीनासे समुदाय की नीना सांता के बारे में पता चला है। नीना बिटिया के पास देखने की शक्ति नहीं है लेकिन इच्छाशक्ति तो यही इस्राइल वाली हैं। इस वर्ष इस्राइली स्वतंत्रता दिवस के समारोह की शुरूआत नीना सांता ने ही की थी। वो इस समारोह के torch lighters में से एक थी। भविष्य में बेटी नीना सांता ऐसे ही आगे बढ़ते रहे। मेरी उसे बहुत-बहुत शुभकामना है बहुत-बहुत आर्शीवाद है। आज इस अवसर पर मैं इस्राइल के पूर्व राष्ट्रपति और यहां के महान नेता श्रीमान Shimon Peres को भी श्रंद्धाजलि देना चाहता हूं। मुझे उनसे मिलने का सौभाग्य मिला था श्रीमान Shimon Peres न सिर्फ innovation के अग्रदूत थे बल्कि मानवता की बेहतरी के लिए अथक परिश्रम करने वाले statesman भी थे| Israel defence forces में innovation की training बहुत शुरूआती वर्षों में ही मिलने लगती है। Israel defence forces में छोटी-छोटी समस्याओं के बहुत creative solution देने का जरिया बना है। Innovation के प्रति इस्राइल की गंभीरता इसी से साबित होती है कि अब तक 12 इजराइलियों को अलग-अलग क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार मिल चुके हैं। किसी भी राष्ट्र के विकास में innovative सोच का ये महत्व है ये इस्राइल को देखकर पता चलता है बीते दशकों में इस्राइल ने लगभग हर क्षेत्र में innovation से पूरी दुनिया को चमका दिया है, चौंका दिया है और अपनी धाक जमाने में सफल हुए हैं। जीओ थर्मल पॉवर हो, सोलर पैनल हो, सोलर विंडो हो एग्रोबायो टेक्नोलॉजी हो security का क्षेत्र हो, कैमरा की तकनीक हो, कंम्पयूटर प्रोसेसर हो ऐसे अनेक क्षेत्रों में अपने-अपने नए-नए innovation से इस्राइल ने दुनिया के बड़े-बड़े देशों को पीछे छोड़ दिया है और ऐसे ही इस्राइल को start-up nation नहीं कहा जाता है, इसके पीछे ये सिद्धि है। भारत आज दुनिया की सबसे तेज गति से विकसित होती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। मेरी सरकार का मंत्र हैं Reform, Perform, Transform अभी इसे महीने एक जुलाई से भारत में goods & services tax लागू किया गया है। इससे भारत में one nation one tax one market का एक दशक पुराना जो सपना चल रहा था वो आज साकार हो चुका है और मैं जीएसटी को Good & Simple tax कहता हूं क्योंकि इससे पूरे भारत में अब एक चीज पर एक ही प्रकार टैक्स लगेगा वरना इससे हमारे देश में एक तरह से सभी प्रकार के टैक्स अगर जोड़ दिए जाएं तो 500 से ज्यादा टैक्स स्ट्रीम चल रहे थे। टैक्स का system उलझा हुआ था कि एक महीने का एक लाख रूपये का कारोबार करने वाले व्यापारी से लेकर एक लाख करोड़ रूपये का कारोबार करने वाली कंपनी तक हर कोई परेशान था। जीएसटी से भारत का आर्थिक एकीकरण हुआ है। जैसे सरदार पटेल ने राज्य रजवाड़ों को मिलाकर करके राजकीय एकीकरण किया था। 2017 में आर्थिक एकीकरण का अभियान सफल हुआ है।
प्राकृतिक संसाधन जैसे कोल स्पैक्ट्रम इसकी नीलामी.. मैं पुरानी बातें याद कराना नहीं चाहता हूं। कोयले के विषय में क्या-क्या सुना है, स्पैक्ट्रम विषय में क्या-क्या सुना है लेकिन ये सरकार है जिसने computerise system से उसकी नीलामी की पारदर्शी प्रक्रिया से की और आज लाखों करोड़ों का कारोबार करने के बाद भी कहीं कोई सवालिया निशान नहीं लगा है। हमनें अर्थव्यवस्था में systematic reform का भी प्रयास किया है। Defence sector में reform के बाद भी कई वर्षों से हम सुनते आए थे। भारत में हर कोई मानता था कि ये संभव नहीं है लेकिन तीन साल के भीतर-भीतर Defence sector में भी reform किया और क्षेत्रों में hundred प्रतिशत तक सौ प्रतिशत तक विदेशी निवेश Foreign Direct Investment का प्रावधान कर दिया गया है। अब इस्राइल की कोई Defence Industry वाले लोग भारत में आकर के अपना नसीब आजमा सकते हैं अब Defence Manufacturing में private companies को एक strategic partner के तौर पर जोड़ने का भी हमने विधिवत निर्णय कर लिया है। पिछले तीन वर्षों में अनेक महत्वपूर्ण फैसले किए गए हैं हमारे देश में construction के क्षेत्र में middle class के व्यक्ति मकान बनाएं और बाद में शिकायत रहती थी। हमनें कानून बना कर बहुत बढ़ा reform किया है। हमनें Construction Sector में भी hundred percent Foreign Direct Investment को मंजूरी दे दी है। Real Estate Regulator का भी हमने अलग से निर्माण कर दिया है। Real Estate Sector को सरकार ने industry का दर्जा दिया है ताकि इस सेक्टर की कंपनियों को भी कम ब्याज पर कर्ज मिल सके और जो मेरा सपना है कि 2022.....2022 हमें भूलना नहीं चाहिए, 2022 हिन्दुस्तान की आजादी के 75 साल हो रहे हैं। आजादी के लिए मर मिटने वाले लोगों ने आजादी के लिए भारत आजाद भारत में जो सपने देखे थे उन सपनों का पुन: स्मरण करके नए संकल्प लेकर के 2022 तक हिन्दुस्तान को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। उसमें हमने एक निर्णय किया है। 2022 तक हिन्दुस्तान के हर गरीब को जिसके पास अपना घर नहीं है हिन्दुस्तान में 2022 तक हर परिवार को उसका अपना घर हो, घर में बिजली हो, पानी हो ये सपना पूरा करने के लिए हमने real estate को भी construction के काम को भी infrastructure का दर्जा देकर के अनेक सहूलियत पैदा की है। ताकि गरीब का घर बन सके। बीमा योजना सरकारी कंपनियां Insurance कंपनी चलाती थी हमने उसमें private कंपनियों का competition लाएं हैं। स्पर्धा का माहौल बनाया है ताकि समान्य मानवीय को affordable insurance की व्यवस्था का लाभ मिले Insurance Reform में विदेशी निवेश को 26 प्रतिशत से बढ़ाकर के 49 प्रतिशत करने का फैसला भी हमारी सरकार ने लिया है। देश का बैंकिग sector हमनें बैंकों को merge करने की दिशा में अहम कदम उठाए हैं। Banking System को भी मजबूत करने पर सरकार ने विशेष बल दिया है। Banking Sector में appointment के लिए हमने अलग बैंक के Recruitment Board बना दिया है स्वंतत्र संस्था उनको recruit कर रही है। Political Internal Influence हमने खत्म कर दिया है
हमने देश के अंदर दो महत्वपूर्ण कानून बनाएं Bankruptcy and Insolvency Code इससे विश्व भर के उद्योगकारों को, पूंजी निवेशकों को एक नया विश्वास पैदा होगा और बैंको को भी एक नई ताकत प्राप्त होगी। आधुनिक Bankruptcy कानून है, जिसकी जरूरत कई दशकों से हमारे देश में महसूस की जा रही थी। हमने सरकार में नियमों में भी सरलता लाने का भरपूर प्रयास किया है। Minimum Government Maximum Governance इस मुद्दे को लेकर के जनता सामान्य नागरिकों को व्यवस्थाओं के तहत कठिनाइयां न हों। निवेशकों को छोटी – छोटी चीजों के लिये लंबा इंतजार न करना पड़े इन सारी चीजों को ध्यान में रखते हुए भी बदलाव किये जा रहे हैं।
एक समय था जब भारत में Environment Clearance लेना है कोई Industry डालनी है, तो कम से कम 600 दिन लग जाते थे। कम से कम। आज हमने उसको घटा कर के 6 महीने के भीतर-भीतर Environment Clearance देने की सारा प्रबंध कर दिया है। आने वाले दिनों में इसी तरह जहां 2014 से पहले एक कंपनी को Incorporate करने में 15 दिन, महीना, दो महीना, तीन महीना लगते थे, आज दो या तीन हफ्ते के भीतर-भीतर और अब तो Latest जो स्थिति है Incorporate करने के लिये 24 घंटे के भीतर-भीतर यानी उसका काम 24 घंटे में हो जाए ये व्यवस्था करने में सरकार सफल हुई है। अगर कोई छोटा सा नौजवान Start-up से अपना कारोबार शुरुआत करना चाहता है, तो सिर्फ एक दिन के अंदर उसकी कंपनी Registered करा सकता है।
दूसरे विश्वयुद्ध में अपना सब कुछ गंवाने वाले देश अपने पैरों पर इसलिये खड़े हो पाए, क्योंकि उन्होंने अपने देश के युवाओं के Skill Development पर ध्यान दिया। अब ये सुनहरा मौका दुनिया के सबसे नौजवान देश भारत के पास है। आज हिन्दुस्तान नौजवान है। 65 प्रतिशत जनसंख्या हिन्दुस्तान की 35 साल से कम उम्र की है। जिस देश के अंदर इतनी बड़ी तादाद में नौजवान हो, उस देश के सपने भी जवान हुआ करते हैं। उसके संकल्प भी जवान हुआ करते हैं और उसके प्रयास भी ऊर्जा से भरे हुए होते हैं। और भारत में Skill Development को बल देते हुए कौशल विकास मंत्रालय Skill Development Ministry पहली बार देश में अलग बना दी गई। और पहले कभी 21 अलग अलग विभागों में, मंत्रालयों में, 50-55 विभागों में ये कौशल विकास की अलग – अलग बिखरी हुई व्यवस्थाएं चलती थीं। इस सरकार ने कौशल विकास के अलग – अलग कार्यक्रमों को एक मंत्रालय बनाकर के एक मंच लाकर के एक Holistic Approach के साथ Comprehensive Focus Activity के रूप में Skill Development को बल दिया। देश भर में 600 से ज्यादा करीब – करीब हर district में एक कौशल विकास केन्द्र खोले जा रहे हैं। Indian Institute of Skill की एक नई कल्पना के साथ स्थापना की गई। भारतीय नौजवानों को अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण देने का मकसद उनका Level Global Bench Mark हो। 50 India International Skill Centre का नेटवर्क ये सरकार तैयार कर रही है। इन संस्थानों में अंतर्राष्ट्रीय बैंच मार्कों को ध्यान में रखते हुए Skill की Training दी जा रही है। युवाओं के लिये बहुत जरूरी है कि उन्हें उद्योग की वर्तमान जरूरत के हिसाब से ट्रेनिंग मिले। इसलिये सरकार ने National Apprenticeship Promotional Scheme शुरू की है। इसके तहत सरकार का लक्ष्य 50 लाख नौजवानों को Apprenticeship की Training देने का है। इस योजना पर सरकार लगभग 10 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है। इस स्कीम का मकसद Apprenticeship करने वाले युवाओं की संख्या बढ़ाने के साथ ही साथ उन गांव वालों और उन कंपनियों को भी प्रोत्साहित करना है, जो ऐसे नौजवानों को Apprenticeship के लिये अपने यहां रखते हैं। इसलिये सरकार Employer को भी आर्थिक मदद दे रही है। पहली बार नौकरियों को टैक्स इंसेन्टिव के साथ जोड़ दिया गया है। नयी नौकरियों को मौका बनाने वाले Employer को टैक्स में छूट देने का प्रावधान किया गया है। युवा पीढ़ी में Innovation को बढ़ावा देने के लिये अटल Innovation Mission AIM शुरू किया गया है। देश के स्कूलों में कॉलेजों में Innovation और Entrepreneurship को Eco System बनाने के बाद जोर लगाया जा रहा है। इस बात को मानना होगा कि इज़रायल आज यहां पहुंचा है, उसमें Innovation का बहुत बड़ा योगदान है। जहां Innovation बंद हो जाता है। वहां जिन्दगी का रास्ता भी अटक जाता है। Manufacturing, Transport, Energy, Agriculture, Bolter, Sanitation जैसे अनेक सैक्टरों में Innovation Entrepreneurship को बढ़ावा देने के लिये अटल Incubation Centres की भी स्थापना की गई है उसको खोला जा रहा है। ये नये स्टार्टअप को आर्थिक मदद भी देंगे और सही रास्ता भी दिखाने का काम करेंगे। ये युवा अपना रोजगार खुद कर सके, इसलिये सरकार ने मुद्रा योजना भी शुरुआत की है। कोई भी बैंक गारंटी की बजाय स्वरोजगार के लिये बैंको से राशि लेने के लिये उनको कर्ज देने का बड़ा काम पिछले तीन वर्ष में 8 करोड़ से ज्यादा खाताधारकों को तीन लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज Without Guarantee दिया गया है।
दोस्तों Labour Reforms को भी कभी कभार दुनिया में Reforms Labour के साथ जोड़ा जाता है। बड़ी – बड़ी बातें बहुत होती है। लेकिन इस सरकार ने मजदूरों के हित में भी और विकास की यात्रा को बल देने वाले एक Holistic Approach के साथ Labour में भी Reforms किया है। और इसलिये कारोबार बढ़ाने में दिक्कत न हो, Employer, Employee और Experience तीनों के लिये एक Holistic Approach लेकर हम काम कर रहे हैं। कुछ महीना पहले सरकार ने बड़ा बदलाव करते हुए तय किया कि व्यापारियों को Labour Law के तहत 56 रजिस्टर रखने पड़ते थे। हमने Reform करके 56 पर से 5 पर ले आए। अब सिर्फ पाँच रजिस्टरों से 9 श्रम कानूनों की आवश्यकता की पूर्ती हो रही है।
इसी तरह सरकार ने श्रम सुविधा पोर्टल विकसित किया है। श्रम सुविधा पोर्टल एक ऐसा माध्यम है जिसमें सिर्फ एक रिपोर्ट देकर व्यापारी 16 से ज्यादा श्रम कानूनों से जुड़ी आवश्यकताओं की पूर्ती पलकों में कर सकता है। सामान्य दुकाने और संस्थान साल में 365 दिन खुल रह सकें इसके लिये भी राज्यों को Advisory दी गई। 1948 एक्ट के फैक्टरी एक्ट के बदलाव करके राज्यों को सलाह दी गयी है कि वो महिलाओं को भी रात्रि में काम करने की सुविधा प्रदान करें। भारत में महिलाओं की सक्रियता विकास में महिलाओं की भागीदारी ये जितनी ज्यादा बढ़ें वो भारत की विकास यात्रा को ताकत देगी। और इसलिये महिलाओं के हित में ये निर्णय किया गया है।
दुनिया के समृद्ध देशों में भी Maternity leave, काम करने वाली महिलाओं के लिये Maternity Paid leave 12 हफ्ते से ज्यादा नहीं मिलती है। मेरे प्यारे देशवासियों मैं आपको विश्वास दिलाता हूं हिन्दुस्तान ने Maternity Paid leave 26 हफ्ते कर दिये हैं, 26 हफ्ते कर दिये हैं। यानि एक प्रकार से 6 महीना उसको छुट्टी मिल जाएगी।
श्रमिकों ने इसलिये छोड़ दिये थे, कौन इसके लिये सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटता रहे, ये पैसा भारत के गरीब श्रमिकों का था। इसलिये सरकार ने यूनिवर्सल अकाउंट नंबर भी दिये हैं। एक तौर पर यूनिवर्सल अकाउंट नंबर आपको हैरानी होगी, छोटे-छोटे मजदूर कारखानों में काम करते थे। एक जगह से दूसरी जगह पर जाते थे। और अपने जो पैसे EPF के जमा होते थे, वहां छोड़ देते थे। 27 हजार करोड़ रुपया बिना कोई लेना देना पड़े रहे थे सरकार के पास। हमनें ये नई व्यवस्था की अब मजदूर कहीं पर भी जाएगा, तो उसका अकाउंट उसके साथ-साथ Move करेगा। और उसके पैसे उसके बाद मिल जाएंगे।
इस समय भारत में सबसे ज्यादा रिकॉर्ड विदेशी निवेश हो रहा है। Highest Foreign Direct Investment …विदेश में रह रहे भारतीय भी बहुत बड़ी मात्रा में धन भारत भेज रहे हैं। अलग – अलग देशों की रैंकिंग करने वाली एजंसियां और संस्थाएं चकित हैं, मेक इन इंडिया एक ऐसा Brand बना है, जिससे पूरी दुनिया अचंभित हो गई है। आज Digital मोर्चे पर भी भारत World Leader के रूप में उभर रहा है। भारत World Digital Revolution का Hub बन रहा है। साथियों Reform का मतलब सिर्फ नये कानून बनाना इतना ही नहीं है। देश के विकास में आड़े आ रहे कानूनों में बदलाव करना और जिन कानूनों की आवश्यकता नहीं रह गई है उन्हें खत्म करना भी Reform का हिस्सा है। पिछले तीन वर्षों में देश में 1200 पूराने कानून खत्म कर दिये गए हैं। 40 और कानून खत्म करने की दिशा में भी हम आगे बढ़ रहे हैं।
दोस्तों भारत का किसान मिट्टी से सोना पैदा करने की ताकत रखता है। किसानों की मेहनत का ही नतीजा है कि इस वर्ष देश में अन्न का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। आजाद हिन्दुस्तान का सबसे ज्यादा अन्न उत्पादन का रिकॉर्ड का अनुमान इस वर्ष है। मानसून के साथ और केन्द्र सरकार की किसान नीतियों के कारण ये संभव हुआ है। ये सरकार 2022 तक किसानों की आमदनी डबल करने के मकसद से काम कर रही है। नीतियां बना रही है। बीज से लेकर के बाजार तक किसान की हर मुश्किल का ध्यान रखा जा रहा है। हर खेत को पानी पहुंचाने के लिये प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना चलाई जा रही है। लंबे वर्षों से अटकी हुई करीब 100 यानि कि 99 बड़ी सिंचाई परियोजनाओं का चयन करके उन्हें तय समय में पूरा करने के लिये बहुत बड़ी धनराशि लगाई जा रही है। उसको अलग से मोनिटरिंग की व्यवस्था की है। Satellite Technology Space Technology का उपयोग किया जा रहा है। Drone का इस्तेमाल किया जा रहा है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई परियोजना का परिणाम यह कि कृषि योग्य जमीन को माइक्रो इरिगेशन के दायरे में लाने की रफ्तार अब लगभग दो गुणी हो चुकी है। किसानों को अच्छी क्वालीटी के बीज मिले, उन्हें मिट्टी की सेहत के बारे में पता हो इसके लिये भी काम किया जा रहा है। अब तक देश के 8 करोड़ से ज्यादा किसानों को Soil Health Card दिया जा चुका है। Soil Health Card का असर फसल के उत्पाद पर भी देखा जा रहा है। इसी तरह यूरिया की 100 प्रतिशत नीम कोटिंग से यूरिया की एफिसियंसी बढ़ी है। अनाज की पैदावार बढ़ी है और किसानों की लागत कम हुई है। किसानों को अपनी फसल बेचने में दिक्कत न हो इसके लिये Electronic National Agriculture Market यानि ई-नाम योजना तेजी से काम हो रहा है। एक राष्ट्रीय ऑनलाइन बाजार बनाया गया है। जब देश के 450 से ज्यादा कृषि मंडियां उसके साथ जुड़ चुकी हैं। सरकार खेती में किसानों का जोखिम कम करने और उतनी ही आसानी से किसानों को कर्ज देने पर भी काम कर रही है। मौसम की मार की वजह से किसानों पर आफत न आए इसलिये प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत सरकार ने Risk Amount बढ़ाया है और Premium कम किया है। खेती से जुड़े हर उस सैक्टर पर सरकार ध्यान दे रही है, जिससे उनकी आमदनी बढ़ सके।
पिछले महीने सरकार ने देश के Food Processing Sector को मजबूत करने के लिये किसान सम्पदा योजना की शुरूआत की है। आज भी हमारे देश में लगभग एक लाख करोड़ रुपये का नुकसान इसिलये होता है क्योंकि फसल पैदा होने के बाद Infrastructure एवं Supply Chain मजबूत नहीं होने के कारण हमें नुकसान होता है। फल, सब्जियां लोगों तक पहुंचने से पहले ही खराब हो जाती हैं। किसान सम्पदा योजना से Food Processing Sector मजबूत होगा, तो किसानों का नुकसान कम होगा और उनकी आमदनी बढ़ेगी।
इजराइल-भारत Technology के क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर चल सकते हैं। Agriculture Sector में इजराइल का साथ भारत में दूसरी हरित क्रांति में मदद कर सकता है। इसी तरह Defence ..Space Technology में भी भारत और इजराइल के संबंध बढ़ने से दोनों देशों का बहुत ही फायदा होगा। इसलिये आवश्यकता है कि दोनों देश सैकड़ों वर्षों की आत्मता और 21वीं सदी की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए एक साथ आगे बढ़ें। यहां इजराइल में लगभग 600 भारतीय छात्र अलग अलग विषय की पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें से कुछ यहां इस कार्यक्रम में उपस्थित भी हैं।
मेरे नौजवान साथियों आप भारत और इजराइल के बीच Technology और Innovation के ब्रिज की तरह हैं। मेरे मित्र बेंजामिन नेतनयाहू और मैं दोनों ही Kwet San से सहमत हैं कि भविषय में दोनों देशों के बीच संबंधों का आधार मुख्य आधार Science Innovation और Research ही रहने वाला है। इसलिये आज आप जो भी इजराइल में सीख रहे हैं। वो आने वाले वर्षों में भारत को और मजबूत करने में काम आने वाला है। चंद घंटे पहले मैं मोशे होजबर्ग से मेरी मुलाकात हुई। इस मीटिंग ने मुंबई हादसे की याद दिलाई। किंतु आतंकवाद के ऊपर जीने का उत्साह कैसे विजयी होता है यह भी मेरी उन्हें उनसे मुलाकात में देखा है। स्थायित्व, शांति और सद्भावना ये भारत के लिये जितनी अहम है, उतनी ही इजराइल के लिये भी अहम है। दोस्तों इजराइल में रहने वाले भारतीय सेवा शौर्य एवं सद्भावना के प्रतीक है। यहां की बुजुर्गों की सेवा में हजारों भारतीय जीवट की भूमिका में है। बैंगलोर, दार्जलिंग, आंध्रप्रदेश और देश के अलग अलग हिस्सों से यहां आकर आपने जिस तरह सेवा भाव से काम किया है, वैसे उदाहरण हर इजराइल वासी का हृदय जीतने वाला काम आपने किया है। मैं आपको बधाई देता हूं।
साथियों इजराइल में रह रहे भारतीय समुदाय के लोगों को मैं आपको खुशखबरी भी तो सुनाना चाहता हूं। इजराइल में रहे भारतीय समुदाय के लोगों ओसीआई और पीआईओ कार्ड को लेकर बहुत सारी दिक्कतें हो रही है। इसकी मुझे जानकारी मिली जो रिश्ते दिल से जुड़े हों वो किसी कागज या कार्ड के ऊपर निर्भर नहीं होते हैं। ऐसा नहीं हो सकता कि भारत आपको ओसीआई कार्ड देने से मना करे। और इसलिये मैं आपको खुशखबरी देता हूं। अगर भारतीय Jews समुदाय को ओसीआई कार्ड नहीं मिल पाया तो ये ओसीआई कार्ड देने का उद्देश्य ही पूरा नहीं हो पाएगा। भाइयों और बहनों मैं आपको भरोसा दिलाना चाहता हूं कि भारतीय समुदाय के जिन लोगों ने ..... भारतीय समुदाय के जिन लोगों ने कम्पलसरी आर्मी सर्विस की है उन्हें भी अब से ओसीआई कार्ड मिल जाएगा। कम्पलसरी आर्मी सर्विस से जुड़े कुछ नियमों की वजह से आप आपने पीआईओ कार्ड को ओसीआई कार्ड में नहीं बदल पा रहे थे। इन नियमों को भी सरल करने का फैसला कर लिया गया है।
दूसरी बात दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को और बढ़ाने के लिये पिछले काफी समय से इजराइल में इंडियन कल्चरल सेन्टर की कमी महसूस की रही थी। आज आपके बीच मैं ये घोषणा करना चाहता हूं कि बहुत ही जल्द भारत सरकार इजराइल में इंडियन कल्चरल सेन्टर खोलने जा रही है।
भारत आपके दिलों में बसा है इंडियन कल्चरल सेन्टर आपको सदैव आपकी भारतीय संस्कृति से आपको जोड़ कर रखेगा। आज इसी अवसर पर में इजराइल में रह रहे भारतीय समुदाय के साथ ही इजराइली नौजवानों का भी आह्वान करना चाहता हूं कि वो ज्यादा से ज्यादा संख्या में भारत आएं। भारत और इजराइल सिर्फ इतिहास से ही नहीं बल्कि संस्कृति से भी एक दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं। दोनों ही मानवीय मूल्य और मानवीय विरासत के साझेदार हैं। परम्पराओं की पूजा और कठिन परिस्थितियों से जीकर निकलना दोनों देशों को आता है। इसके अनेक प्रतीक भारत में हैं और इजराइल के नौजवानों को इस ऐतिहासिक यात्रा का गवाह बनने के लिये ज्यादा से ज्यादा भारत आते रहना चाहिए।
मुझे पूरा विश्वास है कि अतिथि को भगवान मानने वाला हमारा देश... आप को बहुत अच्छी यादें लेकर ही लौटने के लिये प्रेरित करेगा। आखिर में एक बार फिर Jews समुदाय को अपने मित्र बेजामिन नेतनयाहू और पूरे इजराइल का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। और भाइयों बहनों अब आप दिल्ली, मुंबई, तेल अवीव - दिल्ली, मुंबई, तेल अवीव विमान सेवा शुरू कर दी जाएगी। और इसीलिये मैं यहां के युवाओं को बार बार आने के लिये कह रहा हूं, निमंत्रण दे रहा हूं आओ भारत आओ। फिर एक बार इजराइल की जनता का इजराइल की सरकार का और मेरे मित्र प्रधानमंत्री नेतनयाहू का इस स्वागत सम्मान के लिये हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद।
Thank You.
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