Prime Minister's Office

Text of PM’s address at the ceremony to inaugurate the new premises of Abdul Kalam Technical University & launch development initiatives in Lucknow

Posted On: 20 JUN 2017 10:16PM by PIB Delhi

नौजवान साथिओं, 

आज एक साथ कई प्रकल्‍पों के लिए इस कार्यक्रम में मुझे सम्मिलित होने का अवसर मिला है। उत्‍तर प्रदेश में सरकार के द्वारा जिस उमंग और उत्‍साह के साथ, स्‍पष्‍ट दृष्टिकोण के साथ विकास की यात्रा चल रही है; देश के हर कोने में उत्‍तर प्रदेश की पल-पल की घटनाओं की तरफ लोगों का ध्‍यान है, बड़ी उत्‍सुक्‍ता है। और योगी जी के नेतृत्‍व में एक के बाद एक जो कदम उठाए जा रहे हैं, परिश्रम की पराकाष्‍ठा करते हुए, कई वर्षों की जो बीमारियां हैं, लम्‍बे अर्से के जो अवरोध हैं; उसे दूर करते हुए उत्‍तर प्रदेश को तेजी से आगे बढ़ाने के उनके प्रयास, योगी जी को उनकी टीम को मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं; उनका बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं। 

आज मुझे कुछ समय Drug Research Institute में बिताने का अवसर मिला। हमारे वैज्ञानिक मानवता के लिए ऐसे Drugs जो सस्‍ते भी हों, कारगर भी हों और side-effect के बिना त्‍वरित उपचार करने वाले हो, उसके संशोधन में अपनी पूरी जिंदगी laboratory में खपा रहे हैं। वैज्ञानिक एक प्रकार से आधुनिक ऋषि होते हैं और आधुनिक ऋषि की तरह वो अपने लक्ष्‍य को समर्पित हो करके मानव को किस प्रकार से मुसीबतों से मुक्‍त किया जाए, शारीरिक पीड़ा से मुक्‍त किया जाए, परम्‍परागत ज्ञान-विज्ञान को आधुनिक साधनों के माध्‍यम से, आधुनिक व्‍यवस्‍थाओं के माध्‍यम से और अधिक सटीक कैसे बनाया जाये; उस पर वो काम कर रहे हैं। 

आज मानव के सामने, खास करके आरोग्‍य के क्षेत्र में अनेक चुनौतियां हैं। एक दवाई बनाने में सालों बीत जाते हैं, सैंकड़ो वैज्ञानिक खप जाते हैं, लेकिन उसके पहले नए प्रकार की बीमारी जन्‍म ले लेती है। एक प्रकार से स्‍पर्धा चलती है। लेकिन विज्ञान की मदद से, innovation के सहारे हमने इस दोषों को परास्‍त करना है, बीमारियों को परास्‍त करना है और गरीब से गरीब व्‍यक्ति को सस्‍ते से सस्‍ती और कारगर दवाई कैसे उपलब्‍ध हो, इस चुनौतियों को हमने स्‍वीकार करके विजयी होना है। 

आज मुझे इस Technical University के भवन के लोकार्पण का भी अवसर मिला है। डॉक्‍टर एपीजे अब्‍दुल कलाम के साथ इसका नाम जुड़ा हुआ है। मैं नहीं मानता हूं कि तकनीकी जगत के लिए डॉक्‍टर एपीजे अब्‍दुल कलाम से बड़ा कोई प्रेरणा का नाम हो सकता है। Science is Universal but Technology Must Be Local. और यहीं पर हमारी कसौटी है। विज्ञान के सिद्धान्‍त प्रतिपादित हो चुके हैं। विज्ञान का ज्ञान उपलब्‍ध है, लेकिन हमारी युवा पीढ़ी से उन चीजों की अपेक्षा है कि उपलब्‍ध संसाधनों के माध्‍यम से जब Technology मानव जीवन को बड़ी प्रभावित कर रही है, तब हम Technology में वो कौन से संशोधन करें, कौन से आविष्‍कार करें, जो हमारे सामान्‍य मानवी की Quality of Life में बदलाव लाएं। हम दुनिया में गर्व कर रहे हैं कि भारत, जिसके पास Eight Hundred Million नौजवानों की फौज है, 35 से कम उम्र के नौजवानों का ये देश है, उसके पास दिमाग भी है। अगर हाथ में हुनर हो, विज्ञान अधिष्‍ठान हो, और Technology का आविष्‍कार हो तो मेरा देश का नौजवान विश्‍व में अपना डंका बजाने का सामर्थ्‍य रखता है। लेकिन हम उस Technology के सहारे उतनी प्रगति नहीं कर सकते। जो पिछली शताब्दियों में बहुत बड़ा रोल कर गई होगी, लेकिन आने वाली शताब्‍दी में शायद वो उपकारक न भी हो। और इसलिए Technology को समय से आगे चलना पड़ता है, उसे दूर का देखना पड़ता है। और भारत के नौजवानों में वो सामर्थ्‍य है, उस सामर्थ्‍य को ले करके हम Technology के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को कैसे पार करें। 

आज भी हमारा देश Defense के लिए, सुरक्षा के लिए, हमारी फौज के लिए हर छोटी-मोटी चीज विदेशों से हम लाते हैं। क्‍या हम बहुत जल्‍द Defense के Sector में भारत को आत्‍मनिर्भर नहीं बना सकते हैं? क्‍या देश की सुरक्षा के लिए जिन संसाधनों की आवश्‍कता है, जिस Technology की आवश्‍यकता है, जिस equipment की आवश्‍यकता है, उसे भारत में ही नए-नए आविष्‍कार के साथ हम क्‍यों न करें। सुरक्षा के क्षेत्र में भारत आत्‍मनिर्भर कैसे बने, इस सपनों को ले करके हम आगे बढ़ रहे हैं। और इसलिए हमने कई नीतिगत परिवर्तन किए हैं। Defense Sector में 100 Percent Foreign Direct Investment को हमने Open किया। हमने भारत के कारोबारियों को Partnership के लिए Open Up किया है। हमने भारत सरकार जो चीजें बाहर से लेती है, अगर हिन्‍दुस्‍तान में बनी हुई लेगी तो उसको विशेष प्रोत्‍साहन की सूची तैयार की है। और ये सारे अवसर Technology से जुड़ी हुई युवा पीढ़ी के लिए हैं। 

वैसा ही एक दूसरा क्षेत्र है। आज Medical Science एक प्रकार से Technology Driven है। अब डॉक्‍टर तय नहीं करता है कि आपको कौन सी बीमारी है, मशीन तय करता है कि आप किस बीमारी से ग्रस्‍त हैं। आपके शरीर में कहां तकलीफ है, कहां कमी है, कैसी तकलीफ है; वो मशीन तय करता है। और बाद में डॉक्‍टर उस मशीन की रिपोर्ट के आधार पर आपके लिए आरोग्‍य का रोडमैप क्‍या होगा, दवाइयां कौन सी होंगी, ऑपरेशन करना है या नहीं करना है; उसके फैसले करता है। लेकिन ये Medical Equipment, उसका Manufacturing, भारत इतना बड़ा देश है, उसको इतनी बड़ी Requirement है। हमारी Technology Field के Students क्‍यों न सोचें कि हम वो Start Up शुरू करेंगे, हम उस विषय पर खोज करेंगे, हम भारत के अंदर ही आरोग्‍य के क्षेत्र में जिस Equipment की Requirement है उस Requirement को पूरा करने के लिए नई खोज के साथ नए निर्माण की दिशा में जाएंगे। 

‘Make in India’ ये पूरा Concept हिन्‍दुस्‍तान के Technology से जुड़े हुए हमारे नौजवानों को एक नया अवसर देने के लिए, Start Up India, Stand Up India, Skill India, मुद्रा योजना, चाहे Finance की व्‍यवस्‍था करनी हो, चाहे Technological Support की व्‍यवस्‍था हो, चाहे Human Resource Development में Skill को प्रधान्‍य देना हो, चाहे Technical Knowledge में नई ऊंचाइयों को पार करना हो, एक प्रकार से Comprehensive Approach के साथ देश को, देश के पास जो Technical ज्ञान है, जो Technical महारत है, जो हमारी University के पास होगी, हमारी नौजवान पीढ़ी के पास होगी; इन सबको संतुलित करते हुए, संकलित करते हुए, देश को एक नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। और इस देश ने दिखाया है, जब भी हिन्‍दुस्‍तान के युवा लोगों को अवसर मिला है, उन्‍होंने चुनौतियों को पार भी किया है और नए सीमांकन भी प्रस्‍थापित किए हैं। 

Mars पर जाने के लिए दुनिया के बड़े-बड़े देशों ने प्रयास किया। पहले Trial में दुनिया का कोई देश Mars और Orbit में नहीं जा सका था। हिन्‍दुस्‍तान दुनिया का पहला देश था जो पहले Trial में Mars और Orbit में पहुंचा था। और दुनिया को तब अचरज हो गया कि भारत के युवा वैज्ञानिकों ने ये Mars की यात्रा इतनी सस्‍ते में की। लखनऊ में अगर आपको टैक्‍सी में जाना है, ऑटो रिक्‍शा में जाना है तो एक किलोमीटर का 10 रुपया तो लगता ही होगा। हम Mars पर पहुंचे, एक किलोमीटर का सिर्फ सात रुपये का खर्चा किया। और हमारा Mars पर जाने का जो Total Budget था वो Hollywood की फिल्‍म का जो खर्चा होता है उससे कम खर्चे में हमारे देश के वैज्ञानिक Mars पर पहुंच चुके। 

ये सामर्थ्‍य है हमारी युवा पीढ़ी में, ये सामर्थ्‍य है हमारे देश के talented नौजवानों में, technicians में, वैज्ञानिकों में, पिछले दिनों जब भारत ने एक साथ 104 सेटेलाइट छोड़े दुनिया के लिए आश्‍चर्य था कि एक साथ 104 सेटेलाइट छोड़ने की ताकत इस देश के वैज्ञानिकों में है। इस सामर्थ्‍य को लेकर के आगे बढ़ना है और उस अर्थ में आज ये Technical University और उसके साथ जुड़े हुए सारे संबद्ध colleges उसको कैसे आगे बढ़ाएं? मैं जानता हूं उत्‍तर प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में काम करना कितना कठिन है। हमारे गर्वनर श्रीमान राम नाइक जी चांसलर के रूप में University में discipline कैसे आए, University में समय सीमा में काम कैसे हो, इस पर देर रात काम कर रहे थे। उत्‍तर प्रदेश के 28 Universities में से 24 Universities को अब वो समय पर exam हो, समय पर convocation हो, इसको कराने में सफल हुए हैं। ये discipline बहुत आवश्‍यक होती है। लेकिन राम नाइक जी बहुत ही focus काम करने के आदी हैं जिस चीज को हाथ में लेते हैं उसको पूरा करके रहते हैं और इसलिए उत्‍तर प्रदेश की Universities में rules and regulations, नियम परम्‍पराएं, discipline विद्यार्थियों के समय की बर्बादी न हो उस पर बड़ी बारीकी से नजर रखते हुए उसको आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। अब योगी जी की सरकार आ गई है तो उनको और सुविधा हो गई है। काम को और सरलता से बढ़ा रहे हैं। 

आज मेरे लिए खुशी की बात है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए कुछ परिवारों को उस आवास के निमत उनकी परवानगी के संबध में एक प्रमाणपत्र दिया गया है। 2022 में भारत आजादी के 75 साल मनाएगा। आजादी के दीवानों ने सपने देखे थे, तब वो फांसी के तख्‍त पर चढ़े थे। जवानी जेलों में खपा दी थी। एक सुखी समृद्ध हिन्‍दुस्‍तान देखना चाहते थे। आजाद हिन्‍दुस्‍तान देखना चाहते थे। उन्‍होंने अपना सर्वस्‍व न्‍यौच्‍छावार किया था। 2022 में आजादी के 75 साल होंगे। क्‍या सवा सौ करोड़ देशवासियों की जिम्‍मेवारी नहीं है कि देश के दीवानों के सपनों को पूरा करने के लिए हम हिन्‍दुस्‍तान को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं। क्‍या सवा सौ करोड़ देशवासी मिलकर के इस देश को आगे नहीं ले जा सकते हैं? मेरा आत्‍मविश्‍वास है कि सवा सौ करोड़ देशवासियों में वो सामर्थ्‍य है कि हिन्‍दुस्‍तान को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं। हमने सपना संजोया है कि 2022 जब आजादी के 75 साल हों, हिन्‍दुस्‍तान के गरीब से गरीब के पास उसका अपना रहने के लिए घर हो, उसको अपनी छत हो और घर भी वो हो जिसमें शौचालय हो, बिजली हो, पानी हो, नजदीक में बच्‍चों को पढ़ने के लिए शिक्षा की व्‍यवस्‍था हो और उस सपने को पूरा करने के लिए पूरे देश में एक अभियान चलाएं ग्रामीण आवास का, शहरी आवास का और उसी के तहत कुछ माताओं को आज आवास मिले उनको घर मिले उसके लिए एक सम्‍मति पत्र सरकार की तरफ से दिया गया और एक मां कह रही थी। अब अच्‍छा हुआ बोले मेरा मकान बन जाएगा, बच्‍चों की शादी कराऊंगी और आपको शादी में बुलाऊंगी। उनका इतना उत्‍साह था। सपने जब सच होने लगते हैं तब इंसान किसी भी अवस्‍था में क्‍यों न हो कुछ कर गुजरने का माजा पैदा होता है वो मैंने उस मां की बातों से देखा है। शब्‍द उनके थे लेकिन वो भाव बड़ी प्रेरणा देती थी। 

आज बिजली ऊर्जा ये विकास के लिए बहुत महत्‍वपूर्ण है technology जीवन की life में ऊर्जा का अपना एक सामर्थ्‍य है। renewable energy के द्वारा solar energy के द्वारा देश में एक नई क्रांति लाने का प्रयास चल रहा है। LED bulb घर-घर पहुंचाकर के बिजली बचाने का एक बहुत बड़ा अभियान चल रहा है। करीब 22 करोड़ से भी ज्‍यादा LED के bulb पिछले एक साल के भीतर-भीतर घरों में लग चुके हैं और उसके कारण बिजली उससे भी ज्‍यादा मिलती है लेकिन खर्चा LED bulb के कारण, जिन परिवारों में LED bulb का उपयोग हो रहा है उससे जो बिजली के बिल की बचत हो रही है, वो करीब करीब 12 से 13 हजार करोड़ रुपये की बचत है। ये सामान्‍य मानवीय के पैसे बच रहे हैं। आज 400 KV का transmission line का यहां मैं लोकार्पण कर रहा हूं। ये जो मध्‍य भाग है कानपुर तक का पूरा उन्नाव समेत सारा, वहां पर एक quality बिजली, जो यहां के औद्योगिक जीवन को मदद करेगी, जो यहां के घर में जो बिजली चाहिए वो मदद मिलेगी। और आपके यहां तो बिजली वितरण में भी VIP कोटा रहता था मैंने सुना है। कुछ district बड़े VIP रहते थे वहां बिजली का एक प्रकार रहता था और कुछ district ऐसे थे ये… मैं योगी जी की बधाई करता हूं, अभिनंदन करता हूं उनका कि उन्‍होंने सभी 75 जिलों को एक समान रूप से बिजली के कारोबार का मदद करने का निर्णय किया। शासन का यही काम होता है। कुछ को विशेष लाभ और कुछ को कुछ नहीं। इसको खत्‍म करने में कितनी दिक्‍कत आती है, मैं जानता हूं लेकिन मुझे विश्‍वास है योगी जी ये करके रहेंगे, उन्‍होंने ये तय किया है परिणाम लाकर रहेंगे। 

भाइयों बहनों, विकास की नई ऊंचाइयों को पार करने का देश प्रयास कर रहा है। जीवन के हर क्षेत्र में विकास की नई ऊंचाइयों को पार करना है। सवा सौ करोड़ देश, इन सवा सौ करोड़ देशवासियों का ताकत आज पूरा विश्‍व ये मानता है कि दुनिया की बड़ी economy में सबसे तेज गति से आगे बढ़ना वाला कोई देश है तो उस देश का नाम हिन्‍दुस्‍तान है। पूरा विश्‍व आज भारत को गौरव की तरफ देख रहा है। अब हम सब सवा सौ करोड़ देशवासी मिलकर के तय करें, हम उत्‍तर प्रदेश के नागरिक मिलकर के तय करें, आप देखिए बदलाव कैसा आता है। 

1 जुलाई से जीएसटी का प्रारंभ हो रहा है। इस देश के लिए बड़े गर्व की बात है। इस देश के सभी राजनीतिक दल, इस देश के सभी राजनीतिक नेता, कितना ही विरोध क्‍यों न हो। इस देश की सभी राज्‍य सरकारें, केंद्र सरकार मिलकर के एक ऐसा ऐतिहासिक काम करने जा रहें हैं जो 1 जुलाई से देश की अर्थव्‍यवस्‍था में एक बहुत बड़ा परिवर्तन आने वाला है। ये अपने आपमें बहुत बड़ी सिद्धी है। भारत के Federal Structure की सिद्धी है। भारत के राजनीतिक दलों की maturity की सिद्धी है। दल से ऊपर देश, ये हिन्‍दुस्‍तान के सभी राजनीतिक दलों ने दिखा दिया है। मैं सभी राजनीतिक दलों का आभारी हूं, मैं सभी राज्‍य सरकारों का आभारी हूं, मैं सभी विधानसभाओं का आभारी हूं, लोकसभा का, राज्‍यसभा का आभारी हूं। सबने मिलकर के इस जीएसटी लागू करने के लिए प्रयास सफलतापूर्वक किया। अब मुझे विश्‍वास है कि 1 जुलाई के बाद नागरिकों के सहयोग से, खासकर के छोटे-मोटे व्‍यापारियों के सहयोग से, हम सफलतापूर्वक जीएसटी में आगे बढ़ेंगे तब दुनिया के लिए बहुत बड़ा अजूबा होगा कि इतना बड़ा देश इस प्रकार से transformation कर सकता है। भारत के लोकतंत्र की ताकत की पहचान होगी दुनिया को कि इस देश के सभी दल, सभी भिन्‍न-भिन्‍न विचारधारा वाले दल देश हित में कंधे से कंधा मिलाकर के कितना बड़ा फैसला करते हैं, ये दुनिया के सामने एक अजूबा की तरह दिखने वाला है। ये भारत के लोकतंत्र की ताकत है, भारत के लोकतंत्र की maturity की ताकत है। भारत के लोकतंत्र में राजनीतिक दलों की leadership की maturity की ताकत है कि संभव हुआ है। और इसलिए इसकी credit न मोदी को जाती है न एक सरकार को जाती है। ये सवा सौ करोड़ देशवासियों को जाती है। भारत के mature लोकतंत्र को जाता है। देश के सभी राजनीतिक दलों को जाता है, देश की सभी विधानसभाओं को जाता है, लोकसभा और राज्‍यसभा को जाता है। 

अब इतना बड़ा काम हुआ है। हम उसे समझे, कठिनाईयां है तो सरकार ने सारी व्‍यवस्‍था की है। इन कठिनाइयों को दूर करने के पूरे प्रयास जारी रहेंगे, लेकिन एक सफल यात्रा और अधिक अच्‍छी तरह सफल हो उसके लिए 1 जुलाई से सभी देश के विशेषकर के व्‍यापारी कौम, ये उसको अपने कंधें पर उठाएं, दो कदम आगे चलें और सरलता पूर्वक उसको पार करने में देश का नेतृत्‍व ये हमारे व्‍यापारी आलम करें और करेंगे ऐसा मेरा विश्‍वास है। 

इसी एक अपेक्षा के साथ, मैं आप सबको इस कैंपस में पढ़ने वाले, इस कैंपस से जुड़े हुए सभी नौजवानों को हृ़दय से बहुत शुभकामनाएं देता हूं, सफलता के लिए बहुत-बहुत अभ्‍यर्थना करता हूं। 

धन्‍यवाद 

 

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अ‍तुल तिवारी/अमित कुमार/निर्मल शर्मा/ममता 



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