जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय

देश के 91 प्रमुख जलाशयों के जलस्तर में दो प्रतिशत की कमी आई

Posted On: 12 MAY 2017 11:58AM by PIB Delhi

11 मई, 2017 को समाप्त सप्ताह के दौरान देश के 91 प्रमुख जलाशयों में 37.718 बीसीएम (अरब घन मीटर) जल का संग्रहण आंका गया। यह इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 24 प्रतिशत है। यह प्रतिशतता 04 मई 2017 को समाप्‍त सप्‍ताह में 26 थी। 11 मई, 2017 का यह स्‍तर पिछले वर्ष की इसी अवधि का 125 प्रतिशत और पिछले दस वर्षों के औसत जल संग्रहण का 103 प्रतिशत है।

 

इन 91 जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता 157.799 बीसीएम है, जो समग्र रूप से देश की अनुमानित कुल जल संग्रहण क्षमता 253.388 बीसीएम का लगभग 62 प्रतिशत है। इन 91 जलाशयों में से 37 जलाशय ऐसे हैं जो 60 मेगावाट से अधिक की स्थापित क्षमता के साथ पनबिजली संबंधी लाभ देते हैं।

 

क्षेत्रवार संग्रहण स्थिति

 उत्तरी क्षेत्र

उत्तरी क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश, पंजाब तथा राजस्थान आते हैं। इस क्षेत्र में 18.01 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले छह जलाशय हैं, जो केन्द्रीय जल आयोग (सीडब्यूसी) की निगरानी में हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 4.34 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 24 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 20 प्रतिशत थी। पिछले दस वर्षों का औसत संग्रहण इसी अवधि में इनजलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 29 प्रतिशत था। इस तरह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में चालू वर्ष में संग्रहण बेहतर है लेकिन यह पिछले दस वर्षों की इसी अवधि के दौरान रहे औसत संग्रहण से कमतर है।

 

पूर्वी क्षेत्र

पूर्वी क्षेत्र में झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल एवं त्रिपुरा आते हैं। इस क्षेत्र में 18.83 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 15 जलाशय हैं, जो सीडब्ल्यूसी की निगरानी में हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 6.92 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 37 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 27 प्रतिशत थी। पिछले दस वर्षों का औसत संग्रहण इसी अवधि में इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 23 प्रतिशत था। इस तरह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में चालू वर्ष में संग्रहण बेहतर है और यह पिछले दस वर्षों की इसी अवधि के दौरान रहे औसत संग्रहण से भी बेहतर है।

 

पश्चिमी क्षेत्र

पश्चिमी क्षेत्र में गुजरात तथा महाराष्ट्र आते हैं। इस क्षेत्र में 27.07 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 27 जलाशय हैं, जो सीडब्ल्यूसी की निगरानी में हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 7.78 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 29 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 16 प्रतिशत थी। पिछले दस वर्षों का औसत संग्रहण इसी अवधि में इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 29 प्रतिशत था। इस तरह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में चालू वर्ष में संग्रहण बेहतर है और यह पिछले दस वर्षों की इसी अवधि के दौरान रहे औसत संग्रहण बराबर है।

 

मध्य क्षेत्र

मध्य क्षेत्र में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ आते हैं। इस क्षेत्र में 42.30 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 12 जलाशय हैं, जो सीडब्ल्यूसी की निगरानी में हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 14.36 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 34 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 25 प्रतिशत थी। पिछले दस वर्षों का औसत संग्रहण इसी अवधि में इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 22 प्रतिशत था 23 इस तरह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में चालू वर्ष में संग्रहण बेहतर है और यह पिछले दस वर्षों की इसी अवधि के दौरान रहे औसत संग्रहण से भी बेहतर है।

 

दक्षिणी क्षेत्र

दक्षिणी क्षेत्र में आंध्र प्रदेश (एपी), तेलंगाना (टीजी), एपी एवं टीजी (दोनों राज्यों में दो संयुक्त परियोजनाएं), कर्नाटक, केरल एवं तमिलनाडु आते हैं। इस क्षेत्र में 51.59 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 31 जलाशय हैं, जोसीडब्ल्यूसी की निगरानी में हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्धण संग्रहण 4.32 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 8 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 12 प्रतिशत थी। पिछले दस वर्षों का औसत संग्रहण इसी अवधि में इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 19 प्रतिशत था। इस तरह चालू वर्ष में संग्रहण पिछले वर्ष की इसी अवधि में हुए संग्रहण से कमतर है और यह पिछले दस वर्षों कीइसी अवधि के दौरान रहे औसत संग्रहण से भी कमतर है।

 

पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में जिन राज्यों में जल संग्रहण बेहतर है उनमें पंजाब, राजस्थान, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं तेलंगाना (दोनों राज्यों में दो संयुक्त परियोजनाएं), शामिल हैं। जिन राज्यों में इसी अवधि की तुलना में जल संग्रहण बराबर रहा है, वे हैं - एपी एंड टीजी (दोनों राज्यों में दो संयुक्त परियोजनाएं). पिछले वर्ष इसी अवधि की तुलना में कम भंडारण वाले राज्य हैं - हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा, उत्‍तराखंड, आंध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु।

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