सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ (एफओडी) द्वारा 17 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली में वार्षिक असंगठित क्षेत्र उद्यम सर्वेक्षण (एएसयूएसई) 2026 तथा आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) 2026 के लिए अखिल भारतीय प्रशिक्षक कार्यशाला (एआईडब्ल्यूओटी) का आयोजन किया गया
प्रविष्टि तिथि:
17 DEC 2025 8:19PM by PIB Delhi
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) के अंतर्गत राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने 17 दिसंबर, 2025 को नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में वार्षिक असंगठित क्षेत्र उद्यम सर्वेक्षण (एएसयूएसई) 2026 और आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) 2026 के लिए एक दिवसीय अखिल भारतीय प्रशिक्षक कार्यशाला (एआईडब्ल्यूओटी) का आयोजन किया। यह कार्यशाला इन प्रमुख सर्वेक्षणों के देशव्यापी फील्ड ऑपरेशन से पहले आयोजित एक महत्वपूर्ण तैयारी प्रशिक्षण कार्यक्रम है। इस कार्यशाला में अंचल, क्षेत्रीय एवं उप-क्षेत्रीय कार्यालयों से कुल 300 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें गृहस्थ सर्वेक्षण प्रभाग (एचएसडी) तथा उद्यम सर्वेक्षण प्रभाग (EnSD), कोलकाता के अधिकारी भी शामिल थे।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय में सचिव डॉ. सौरभ गर्ग ने कार्यशाला का उद्घाटन किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि एएसयूएसई और पीएलएफएस राष्ट्रीय सांख्यिकीय प्रणाली के सबसे महत्वपूर्ण सर्वेक्षणों में से हैं, जो श्रम बाजार और असंगठित क्षेत्र पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकारें और मंत्रालय इन क्षेत्रों से संबंधित डेटा आवश्यकताओं की अधिक-से-अधिक पहचान कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र(यूएन) ने अब डेटा को एक रणनीतिक संपत्ति के रूप में मान्यता दी है, जिसमें नीति निर्धारण में डेटा विश्लेषण पर अधिक जोर दिया जा रहा है। उन्होंने राष्ट्रीय विकास के लिए विश्वसनीय, भरोसेमंद और समय पर उपलब्ध डेटा के महत्व पर जोर दिया। विश्लेषण और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के बढ़ते उपयोग के संदर्भ में सचिव ने कहा कि फील्ड स्तर पर डेटा की गुणवत्ता अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि नीतिगत परिणाम एकत्रित किए गए डेटा की सटीकता पर निर्भर करते हैं। उन्होंने जिला-स्तरीय अनुमानों के महत्व पर भी जोर दिया और प्रशिक्षकों से अवधारणाओं की समान समझ तथा फील्ड कर्मियों का कठोर प्रशिक्षण सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (एनएसएस) की महानिदेशक श्रीमती गीता सिंह राठौड़ ने बताया कि एनएसएस बड़े पैमाने पर, पारदर्शी और पद्धतिगत रूप से सुदृढ़ नमूना सर्वेक्षणों के संचालन के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता है। उन्होंने एनएसएस के कागज़ आधारित प्रणाली से सीएपीआई मोड में बदलाव के बारे में भी बताया। उन्होंने बताया कि उपयोगकर्ता फीडबैक और डेटा की बदलती ज़रूरतों के आधार पर एएसयूएसई और पीएलएफएस में वैचारिक और परिचालन संबंधी बदलाव किए गए हैं तथा फील्ड में सर्वेक्षण शुरू करने से पहले इन बदलावों की समझ विकसित करने के लिए यह कार्यशाला आयोजित की गई है।
राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (एनएसएस) के फील्ड ऑपरेशंस डिवीजन (FOD), EnSD, HSD और समन्वय एवं गुणवत्ता नियंत्रण प्रभाग (CQCD) के वरिष्ठ अधिकारियों ने वांछित डेटा गुणवत्ता प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षण, प्रभावी समन्वय और पर्यवेक्षण के महत्व पर जोर दिया। यह बताया गया कि उपयोगकर्ताओं के विश्वास को बनाए रखने के लिए विश्वसनीयता, पारदर्शिता और मानकीकरण आधिकारिक सांख्यिकी में मूलभूत हैं तथा इसके निरंतर सुधार के लिए फील्ड से संरचित फीडबैक को प्रोत्साहित किया गया।
वार्षिक असंगठित क्षेत्र उद्यम सर्वेक्षण(एएसयूएसई) 2026 विशेष रूप से विनिर्माण, व्यापार और अन्य सेवा क्षेत्रों में असंगठित गैर-कृषि प्रतिष्ठानों की आर्थिक एवं परिचालन विशेषताओं पर केंद्रित है, जबकि आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण(पीएलएफएस) भारत में श्रम बल भागीदारी, रोजगार और बेरोजगारी पर आधिकारिक डेटा का मुख्य स्रोत है। ये सर्वेक्षण अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के उन गांवों को छोड़कर पूरे भारतीय संघ को कवर करेंगे, जहां साल भर पहुंचना मुश्किल रहता है, तथा इन सर्वेक्षणों की शुरुआत जनवरी 2026 से होगी।
डेटा उपयोगकर्ता सम्मेलनों और हितधारक परामर्शों के आधार पर एएसयूएसई और पीएलएफएस की प्रश्नावलियों में कुछ बदलाव किए गए हैं। एएसयूएसई 2026 के मुख्य बदलावों में राष्ट्रीय औद्योगिक वर्गीकरण (एनआईसी)-2025 को अपनाना और केंद्रीय उत्पाद वर्गीकरण (सीपीसी) 3.0 के साथ तालमेल बिठाना शामिल है। इसके अतिरिक्त, वर्ष 2026 से कच्चे माल की खरीद हेतु भुगतान किए गए परिवहन शुल्क, अन्य माल भाड़ा या रेलवे, सड़क, जल और वायु मार्ग से परिवहन पर होने वाले ढुलाई/कार्टेज शुल्क भी जमा किए जाएंगे।
पीएलएफएस में जनवरी 2026 से कुछ और सवाल जोड़े गए हैं, ताकि डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से वस्तुओं और/या सेवाओं के उत्पादन में लगे प्लेटफॉर्म वर्कर्स की संख्या का आकलन किया जा सके। प्लेटफॉर्म वर्क एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें श्रमिकों और ग्राहकों के बीच मिलान डिजिटल या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से किया जाता है। इसके अलावा, एनआईसी-2025 का उपयोग करते हुए उद्योग संबंधी जानकारी जुटाने के लिए पीएलएफएस अनुसूची को अपडेट किया गया है, जिससे आर्थिक गतिविधियों का अधिक सूक्ष्म विवरण प्राप्त हो सके। संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी प्रभाग के अंतरराष्ट्रीय मानक औद्योगिक वर्गीकरण (आईएसआईसी) संशोधन 5 के अनुरूप एनआईसी -2025 भारतीय डेटा की अंतरराष्ट्रीय डेटासेट्स और देशों के बीच तुलनात्मक विश्लेषण के साथ बेहतर संगतता सुनिश्चित करता है।
इस कार्यशाला में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मास्टर प्रशिक्षकों ने सक्रिय रूप से भाग लिया, जो आगे गणनाकर्ताओं और पर्यवेक्षकों के लिए अंचल एवं क्षेत्रीय स्तर पर प्रशिक्षण आयोजित करेंगे। एआईडब्ल्यूओटी का समापन पेशेवरता और गुणवत्ता के प्रति प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि के साथ हुआ, जिसका उद्देश्य एएसयूएसई 2026 और पीएलएफएस 2026 को सफलतापूर्वक आयोजित करना तथा भारत की सांख्यिकीय प्रणाली को और सुदृढ़ बनाना है।
***
पीके/केसी/पीकेपी
(रिलीज़ आईडी: 2205708)
आगंतुक पटल : 81
इस विज्ञप्ति को इन भाषाओं में पढ़ें:
English