भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 56वें संस्करण में 7वें दिन की मुख्य झलकियां: फिल्म समीक्षा, कॉस्ट्यूम डिजाइन और वीएफएक्स नवाचार पर मास्टर क्लासेज का आयोजन
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के 56वें संस्करण के सातवें दिन तीन उत्कृष्ट मास्टरक्लास आयोजित किए गए, जिनमें समकालीन फिल्म निर्माण के रचनात्मक, आलोचनात्मक एवं तकनीकी आयामों पर गहन व व्यापक चर्चा हुई।
सामान्य से कहीं ऊपर – फिल्म समीक्षक की वास्तविक भूमिका




डिजिटल युग में फिल्म समीक्षा की बदलती भूमिका पर केंद्रित एक ऊर्जावान गोलमेज सम्मेलन में प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय फिल्म समीक्षकों ने भाग लिया। सत्र में चर्चा हुई कि आज के समय में समीक्षाकार सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव और एआई-जनित सामग्री की चुनौतियों के बीच एक गेटकीपर, प्रभावशाली व्यक्तित्व और सांस्कृतिक मध्यस्थ के रूप में किस तरह अपनी भूमिका निभा रहे हैं। वक्ताओं ने स्वतंत्र एवं उभरते फिल्म निर्माताओं के लिए विचारशील, प्रामाणिक और भरोसेमंद समीक्षाओं के सतत महत्व को रेखांकित किया।
वेशभूषा और चरित्र निर्माण: सिनेमा के ट्रेंडसेटर







इस गहन चर्चा में यह रेखांकित किया गया कि पोशाक डिजाइन किस तरह से किसी पात्र की पहचान, उसकी भावनात्मक प्रगति और पूरे कथात्मक प्रभाव को आकार देता है। विशेषज्ञों ने बताया कि डिजाइनर रंग, बनावट तथा शैली जैसे तत्वों का संवेदनशील उपयोग कर न केवल पात्रों की आंतरिक विशेषताओं को उभारते हैं, बल्कि कहानी कहने की शक्ति को भी मजबूत करते हैं और उभरते सिनेमाई रुझानों को दिशा देते हैं।
संपूर्ण वीएफएक्स प्रोडक्शन मैग्नेनिमिटी - पीट ड्रेप की मास्टरक्लास




वीएफएक्स विशेषज्ञ पीट ड्रेपर ने एक अत्यंत आकर्षक मास्टरक्लास प्रस्तुत की, जिसमें प्री-प्रोडक्शन प्लानिंग से लेकर ऑन-सेट कार्यप्रणाली और अंतिम पोस्ट-प्रोडक्शन तक पूरी विजुअल-इफेक्ट्स पाइपलाइन को विस्तार से समझाया गया। श्री ड्रेपर ने बाहुबली, आरआरआर और ईगा जैसी प्रतिष्ठित फिल्मों पर अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने प्रतिभागियों को बड़े पैमाने पर सिनेमाई दृश्य रचने की प्रक्रिया पर दुर्लभ अंतर्दृष्टि और अत्यंत व्यावहारिक मार्गदर्शन प्रदान किया।
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पीके/केसी/एनके
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