आयुष
azadi ka amrit mahotsav

डब्ल्यूएचओ वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा केंद्र (जीटीएमसी), जामनगर: पारंपरिक चिकित्सा के लिए साक्ष्य आधारित अनुसंधान, प्रशिक्षण एवं जागरूकता के लिए वैश्विक कल्याण का केंद्र


स्वास्थ्य देखभाल की वैज्ञानिक पारंपरिक प्रणालियों को बढ़ावा देने एवं प्रचारित करने के लिए आयुर्वेद मंत्रालय ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ तीन परियोजना सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर किया

प्रविष्टि तिथि: 21 MAR 2025 8:21PM by PIB Delhi

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएटओ) के साथ सहयोग ने पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों की वैश्विक पहचान को मजबूती प्रदान की है। यह सहयोग पारंपरिक चिकित्सा से संबंधित वैश्विक स्वास्थ्य को नेतृत्व प्रदान करेगा और सदस्यों देशों को पारंपरिक चिकित्सा अनुसंधान, प्रथाओं और सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधित विभिन्न नीतियों को आकार देने में समर्थन प्रदान करेगा।

इस संबंध में आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेद शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (आईटीआरए), जामनगर, मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (एमडीएनआईवाई), नई दिल्ली, तथा राष्ट्रीय भारतीय आयुर्विज्ञान विरासत संस्थान (एनआईआईएमएच), हैदराबाद, जो केन्द्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस), नई दिल्ली के अंतर्गत एक इकाई, में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के पारंपरिक औषधियों के लिए सहयोगात्मक केंद्र के लिए एक पहल की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन मुख्यालय जिनेवा में पी-5 स्तर पर एक आयुष विशेषज्ञ और विश्व स्वास्थ्य संगठन के दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्रीय कार्यालय (एसईएआरओ) में पी-4 स्तर पर एक तकनीकी अधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है।

आयुष मंत्रालय ने 2016 से वैज्ञानिक पारंपरिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों को बढ़ावा देने, उनके गुणवत्ता एवं सुरक्षा को बढ़ाने और इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिए डब्ल्यूएचओ के साथ तीन परियोजना सहयोग समझौतों (पीसीए) पर हस्ताक्षर किए हैं। आयुष मंत्रालय, भारत सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन के बीच 31.07.2024 को एक डोनर समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

जामनगर में डब्ल्यूएचओ वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा केंद्र (जीटीएमसी) वैश्विक कल्याण का एक केंद्र स्थापित करेगा, जो पारंपरिक चिकित्सा के लिए साक्ष्य-आधारित अनुसंधान, प्रशिक्षण एवं जागरूकता को मजबूत करेगा। यह वैश्विक स्तर पर साक्ष्य-आधारित पारंपरिक, पूरक और समाकलित चिकित्सा (टीसीआईएम) के लिए एक प्रमुख ज्ञान केंद्र के रूप में कार्य करेगा। यह पारंपरिक चिकित्सा के लिए विश्व में पहला एवं एकमात्र वैश्विक केंद्र (कार्यालय) है, जिसके निम्नलिखित प्रमुख उद्देश्य हैं:

  • आयुष प्रणालियों को वैश्विक स्तर पर स्थापित करना।
  • पारंपरिक चिकित्सा से संबंधित वैश्विक स्वास्थ्य मामलों में नेतृत्व प्रदान करना।
  • गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावशीलता, पारंपरिक चिकित्सा की पहुंच एवं विवेकपूर्ण उपयोग को सुनिश्चित करना।
  • डेटा एकत्रित करने, विश्लेषण करने एवं प्रभाव का आकलन करने के लिए प्रासंगिक तकनीकी क्षेत्रों, उपकरणों एवं पद्धतियों में मानदंड, मानक और दिशा-निर्देश को विकसित करना। विश्व स्वास्थ्य संगठन के पारंपरिक चिकित्सा (टीएम) सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा मौजूदा पारंपरिक चिकित्सा (टीएम) डेटा बैंकों, आभासी पुस्तकालयों और शैक्षणिक एवं अनुसंधान संस्थानों का एक सहयोगात्मक केंद्र के निर्माण की परिकल्पना की गई है।
  • विशेष सामर्थ्य निर्माण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों को उन क्षेत्रों में विकसित करना जो उद्देश्यों से संबंधित हैं और परिसर, आवासीय या वेब-आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन करना, साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन अकादमी एवं अन्य रणनीतिक भागीदारों के साथ साझेदारी के माध्यम से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना।

यह जानकारी केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रतापराव जाधव ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

एमजी/आरपीएम/केसी/एके  


(रिलीज़ आईडी: 2113950) आगंतुक पटल : 174
इस विज्ञप्ति को इन भाषाओं में पढ़ें: English , Urdu