श्रम और रोजगार मंत्रालय
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सचिव (एल एंड ई) ने  ईपीएफओ कार्यकारी समिति की 112वीं बैठक की अध्यक्षता की

पेंशन प्रणाली को मजबूत बनाने, आईटी बुनियादी ढांचे में सुधार और सेवा वितरण में सुधार पर प्रकाश डाला

समयबद्ध तरीके से सरलीकृत प्रक्रियाओं के माध्यम से सत्यापन को कम करने और आंशिक निकासी को लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया

Posted On: 26 FEB 2025 7:39PM by PIB Delhi

केन्द्रीय न्यासी बोर्ड, ईपीएफ की कार्यकारी समिति (ईसी) की 112वीं बैठक की अध्यक्षता श्रम एवं रोजगार मंत्रालय सचिव श्रीमती सुमिता डावरा ने की। नई दिल्ली स्थित ईपीएफओ मुख्यालय में 25 फरवरी, 2025 को आयोजित इस बैठक में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों तथा नियोक्ताओं और कर्मचारियों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ सीपीएफसी के श्री रमेश कृष्णमूर्ति भी शामिल हुए। जिन प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई उनमें शामिल हैं:

ईपीएफओ अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को अपनाना: ईसी ने वित्त मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी गजट अधिसूचना के अनुरूप ईपीएफओ अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना को औपचारिक रूप से अपनाया। यह राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के अंतर्गत आने वाले ईपीएफओ कर्मचारियों के लिए एक संरचित और सुनिश्चित पेंशन ढांचा स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी, यूपीएस सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करता है, जिसमें पारिवारिक पेंशन प्रावधानों और महंगाई राहत समायोजन जैसे अतिरिक्त लाभों के साथ न्यूनतम गारंटीकृत पेंशन की पेशकश की जाती है। ईपीएफओ अधिकारियों और कर्मचारियों के पास अब एनपीएस से यूपीएस में जाने का विकल्प होगा।

केन्द्रीयकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (सीपीपीएस) पर अपडेट: ईसी को बताया गया कि जनवरी 2025 में एनपीसीआई (एनएसीएच) भुगतान के माध्यम से सभी क्षेत्रीय कार्यालयों में लागू की गई केन्द्रीयकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (सीपीपीएस) ने सकारात्मक परिणाम देने शुरू कर दिए हैं। सीपीपीएस पिछली विकेन्द्रीकृत पेंशन संवितरण प्रणाली से एक आदर्श बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है, जो पेंशनभोगियों को देश में कहीं भी किसी भी बैंक, किसी भी शाखा से अपनी पेंशन को सहजता से प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। जनवरी 2025 में, 69.4 लाख पेंशनभोगियों ने सीपीपीएस के माध्यम से अपनी पेंशन प्राप्त की, जिससे 99.9 प्रतिशत सफलता दर प्राप्त हुई।

कार्यकारी समिति ने समयबद्ध तरीके से आधार-आधारित भुगतान प्रणाली (एबीपीएस) में परिवर्तन की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि अधिक सुरक्षित और कुशल प्रणाली के लिए पेंशन भुगतान सीधे आधार से जुड़े बैंक खातों में जमा हो सके।

केन्द्रीकृत आईटी-सक्षम प्रणाली (सीआईटीईएस 2.01) और ईपीएफओ 3.0 - ईसी ने सीआईटीईएस 2.01 के तहत प्रगति की समीक्षा की, जहां ईपीएफओ विकेन्द्रीकृत डेटाबेस से केन्द्रीकृत प्रणाली में परिवर्तित हो रहा है, जो बेहतर प्रदर्शन की नींव रखता है। 31 मार्च, 2025 तक पूरा होने के लिए निर्धारित इस आधुनिकीकरण प्रयास का उद्देश्य दावों के निपटान और भुगतान को सुव्यवस्थित करना है, दक्षता और सेवा वितरण को बढ़ाने के लिए पुराने फील्ड ऑफिस एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को बदलना है।

इसके अतिरिक्त, ईपीएफओ ने ईपीएफओ 3.0 के तहत योजना पर ईसी को अपडेट किया, जो खुद को भविष्य के लिए तैयार, सदस्य-केन्द्रित और प्रौद्योगिकी-संचालित संगठन में बदलने की कवायद है। इस कल्पना में एक नई प्रणाली विकसित करना, अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाना और सामाजिक सुरक्षा कवरेज का विस्तार करने के लिए प्रक्रियाओं को फिर से तैयार करना शामिल है। ईसी ने ईपीएफओ को 31 मार्च, 2025 तक ईपीएफओ 3.0 के लिए एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने का निर्देश दिया।

उच्च वेतन पर पेंशन (पीओएचडब्लू): ईसी को 4 नवम्बर, 2022 के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के कार्यान्वयन के लिए उच्च वेतन पर पेंशन (पीओएचडब्लू) के तहत प्राप्त आवेदनों की प्रगति के बारे में जानकारी दी गई। ईपीएफओ ने सदस्यों, पेंशनभोगियों और नियोक्ताओं की सुविधा के लिए अपने क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा उठाए गए अनेक कदमों की जानकारी दी और बताया कि 70 प्रतिशत आवेदनों पर कार्य किया जा चुका है। ईपीएफओ का लक्ष्य 31 मार्च, 2025 तक सभी आवेदनों की प्रक्रिया पूरी करना है। ईसी ने ईपीएफओ को उन सदस्यों के मामलों में तेजी लाने का निर्देश दिया, जिन्होंने पहले ही आवश्यक राशि जमा कर दी है, जिसमें बड़े पीएसयू भी शामिल हैं।

सरलीकृत प्रक्रियाओं के माध्यम से सत्यापन और आंशिक निकासी का सुव्यवस्थीकरण: अपने सदस्यों के लिए जीवन को आसान बनाने के लक्ष्य के साथ, ईपीएफओ आंशिक निकासी के लिए सत्यापन के सुव्यवस्थीकरण सहित दावा प्रसंस्करण के सरलीकरण की योजना पर काम कर रहा है। ईसी को प्रगति पर एक अपडेट भी प्रदान किया गया। एक तकनीकी समिति ने अग्रिम निकासी के लिए फॉर्म 31 में सत्यापन के सरलीकरण की सिफारिश की है।

ईसी ने फैसला किया कि अनावश्यक सत्यापन में कमी और सरलीकृत आंशिक निकासी के कार्यान्वयन को चल रहे आईटी सुधारों के साथ-साथ किया जाना चाहिए। इस बात पर जोर दिया गया कि इन उपायों से ईपीएफओ सदस्यों के लिए जीवनयापन में काफी आसानी होगी।

ईपीएफओ ने डिजिटल परिवर्तन और सदस्य-केन्द्रित सुधारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, जिससे दावों का तेजी से निपटान, निर्बाध पेंशन वितरण और अपने सदस्यों के लिए बेहतर सेवा वितरण सुनिश्चित हो सके। कार्यकारिणी समिति ने प्रगति की समीक्षा के लिए एक महीने के भीतर फिर से बैठक करने का फैसला किया।

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एमजी/केसी/केपी/ डीके



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