उप राष्ट्रपति सचिवालय
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माननीय उप-राष्ट्रपति द्वारा अरुणाचल के कामले स्थित बोआसिमला में प्रथम संयुक्त मेगा न्योकुम युल्लो उत्सव में दिए गए सम्बोधन का पाठ (अंश)

Posted On: 26 FEB 2025 5:37PM by PIB Delhi

बोसिमला में आकर मन बड़ा खुश हो गया। इन्द्र देवता की कृपा है, भगवान की कृपा है कि यहाँ पाए। श्री किरेन रिजिजू जी, केंद्र में बहुत बड़े मंत्री हैं चौथी बार लोक सभा के सदस्य हैं, आज से 35 साल पहले, जब मैं लोकसभा का सदस्य बना, I was a Junior Minister, Parliamentary Affairs और मेरे में ताकत थी। Kiren Rijiju ji is a Senior Minister, powerful Minister. किरेन ने दुनिया का कोई देश छोड़ा नहीं हैं, 150 से ज़्यादा देशों में जा चुके हैं पर भारत के इतिहास में जहां दुनिया की एक-छठी आबादी रहती है पहली बार एक सुखद घटना हुई। Historic development, बुद्धिस्ट minority को कैबिनेट मंत्री का पद मिला, दुनिया के अंदर एक बहुत बड़ा संकेत गया।

जो मंत्रालय किरेन जी को मिला है उसकी अहमियत मैं जानता हूँ। Parliamentary affairs का मतलब प्रधानमंत्री की आंख और प्रधानमंत्री के कान। यह बहुत बड़ी ताकत है और इसीलिए मैं कहता हूं, किरेन जी, आपने फ्रंटियर हाईवे का सपना देखा है। आपका सपना सही होगा। आपने अरुणाचल के लिए क्या-क्या सपने नहीं देखे हैं, कितना बदलाव किया है, यह मैं जानता हूं। जब मुझे कहा कि बोसिमला में आना है और मौका भी बड़ा खास है, तो मैंने कहा, अपने साथ चलेंगे। किरेन जी ने मेरी बात नहीं मानी। बोले, मैं तो पहले जाऊंगा, क्योंकि मौसम की वजह से हवाई जहाज में दिक्कत सकती है, हेलीकॉप्टर में सकती है। पर प्रभु की कृपा, मुझे कोई दिक्कत नहीं आई। क्योंकि ईश्वर ने तय कर रखा था कि आज के दिन मुझे आपका आशीर्वाद मिलना है। और आपके सामने आकर, मैं घड़ी को नहीं देखूँगा,टाइम को नहीं देखूँगा, अरुणाचल की मेरी दूसरी यात्रा है, पर पहली यात्रा में जब मैं आया Statehood का कार्यक्रम था। मैंने आपकी ट्राइब्स को देखा मंत्रमुग्ध हो गया भारत की शान को देखा। दुनिया में हमारा नाम क्यों है यह देखा पर आपको एक राज़ की बात बताता हूं। जब हम दिल्ली पहुंचे, मेरे साथ, हम दोनों साथ-साथ हवाई जहाज़ में थे। इन्होंने कहा कि मेरे घर भी एक कार्यक्रम है, दिल्ली के लोगों के लिए। अन्दाज़ा नहीं लगा सकतें, दो घंटे तक मैं वो कार्यक्रम आधी रात तक देखता रहा हूं। जितने अरुणाचल के लोग दिल्ली में थे, कोई नहीं बचा था इसीलिए जितना विशाल अरुणाचल प्रदेश है उतना ही बड़ा दिल आपके एमपी का है।

मुझे जब निमंत्रण दिया, तो बताते ही रह गए, कि मैं कहां जा रहा हूं पर जो मैंने देखा, आते ही मेरे से रहा नहीं गया, मैं आपके बीच वहां चला गया, यह जो माला पहनाई है, यह बताती है कि यहां की संस्कृति, नेचर से कितनी जुड़ी हुई है, ऐसे व्यक्ति के निमंत्रण पर आकर, मैं आज किरेन जी का कर्जदार हो गया हूं।

किरेन जी में जरूर कुछ जादू है। इन्होंने इनको प्रभावित कर दिया, प्रधानमंत्री जी को convince कर दिया कि अरुणाचल प्रदेश में 50,000 मेगावाट बिजली की संभावनाएं हैं। और एक मेगावाट 10 करोड़ का खर्चा मांगता है। 5 लाख करोड़ के निवेश की संभावनाएं हैं। और तभी किरण जी ने आपको कहा है कि हमें फायदा लेना है, सहयोग करना है, और हमारी संस्कृति को भी सही रखना है। ऐसी परिस्थिति के अंदर, मेरा यहां पर आना मन गदगद है।

प्रदेश में आज के दिन, तीन एयरपोर्ट हैं, प्रदेश का राष्ट्रीय राजमार्ग मैं उस पर आया हूं, फ्रंटियर बनेगा क्योंकि पैसा एलोकेट हो गया है, और मेरी बात मान लो, प्रधानमंत्री जी सबसे ज्यादा उस व्यक्ति की सुनते है, जो संसदीय मंत्री होता है, क्योंकि लोक सभा और राज्य सभा में क्या होता है, उसका नियंत्रण होता है, किरेन जी ने कहा कि यह रोज़ मेरे पास आते हैं और अध्यक्ष के पास जाते हैं, ना किरेन जी हम दोनों आपका इंतेज़ार करते हैं और मैं कह सकता हूं दावे के साथ मेरा लंबा राजनीतिक जीवन रहा है पर व्यक्ति की निष्ठा, व्यक्ति की योग्यता, व्यक्ति की लगन, व्यक्ति की सोच, टकराव कम करना, प्रतिपक्ष से बात करना, सबको समझाना उसमें किरेन जी ने PhD कर रखी है।

आज के दिन भारत दुनिया में सबसे तेज़ी से बढ़ता हुआ राष्ट्र है। दुनिया का कोई देश आज ऐसा नहीं है, जिसकी उछाल अर्थव्यवस्था में, infrastructure में या जनता को मरहम देने वाली नीतियों में भारत से ज्यादा हो। और ऐसी परिस्थिति में विकास की किरण अरुणाचल पर पड़े इसके लिए अपना किरेन चौबीसों घंटे काम कर रहा है।

मुझे विकास की यादा गई हमारे यहां भी उसी तरह ओखल में ऐसे करते हैं जो यहां हुआ मैंने देखा, उसी तरीके से करते हैं। उसी तरीके से छाज में करते हैं जो मैंने यहां देखा और किस तरीके का डांस था, किस तरीके का नृत्य था, कितनी समानता थी, कितना रिदम था यह बताता है कि हमारे में एकता कितनी ज्यादा है। दुनिया में भारत जैसा कोई देश नहीं है। और आपका जो आज का दिवस है, न्योकुम युल्लो महोत्सव, आज के ही दिन और इसी के आसपास देश में होली का त्योहार आएगा, बैसाखी आएगी, लोहड़ी आएगी, बिहू आएगा, पोंगल आएगा, नवान्न आएगा। हम कहीं भी देश में हों, हमारा सोच एक है।

आज के दिन भारत एक मजबूत राष्ट्र है। भारत पर किसी की कुदृष्टि नहीं हो सकती। भारत के प्रधानमंत्री का दर्जा, देश के बड़े नेताओं में हैं और आपका परम सौभाग्य है कि जिस व्यक्ति में आप ने विश्वास व्यक्त किया उस व्यक्ति ने प्रधानमंत्री का विश्वास अर्जित किया और केंद्र में 140 करोड़ की आबादी में, जो कैबिनेट मंत्रियों की संख्या दो दर्जन से भी कम हैं, उसमें किरेन जी का हर बार बैठना यह संकेत देता है कि आपके यहां हर हालत में, हर परिस्थिति में प्रगति होती रहेगी।

और जो यह उत्सव है मुझे किरेन जी ने बताया कि आप तो पांच दस मिनट देख रहे हो यह घंटों चलता है घंटों लोगों की दिलचस्पी है, यही तो हमें एकता सिखाती है। पर एक बात हाथ जोड़कर कहूंगा बुजुर्गों का सम्मान बुजुर्गों का आदर किसी भी परिस्थिति में कम नहीं होना चाहिए। हमारे लिए वो भगवान के स्वरूप हैं। जब पिछली बार आया तो मुझे कुछ चीजे मिली जो अरुणाचल की पहचान है, यहां के संतरे हैं ही अलग, यहां के कीवी की बात ही कुछ और है, यहां का मिलेट ज्यादा उर्जा देता है और यहां का जो सिल्क का तरीका है उसकी कितने बड़ी खासियत है कि उसमें किसी का वध नहीं होता है। मेरे मन में एक बात निश्चित रूप से आई है कि अरुणाचल पर्यावरण की दृष्टि से देश का मार्ग प्रशस्त करेगा, यहां का विकास प्रकृति के अनुरूप होगा यहां के लोग सरकारी नीतियों का भरपूर लाब उठाएंगे।

भारत सरकार ने कई दशक पहले एक नीति चालू की थी ‘लुक ईस्ट’ पूरब की तरफ देखो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसमें बदलाव किया कि देखने से काम नहीं चलेगा, काम करने से काम चलेगा। और काम करने से काम चलेगा तो कितना बड़ा बदलाव हुआ इस पूरे इलाके को यदि मैं ‘अष्ट लक्ष्मी’ की बात करूं, तो हवाई जहाज यात्रा का मामला हो, एयरपोर्ट्स का हो, रेल कनेक्टिविटी का हो, रोड कनेक्टिविटी का हो ऐसे मामलों में भी अरुणाचल में आपको 4G मिलेगी। यह प्रगति के संकेत हैं। यह सब हमें एक सीख देते हैं कि भारत जितना महान देश, दुनिया में कोई नहीं है, और हमें राष्ट्रवाद से ओतप्रोत रहना है। हम किसी भी हालत में राष्ट्रहित को, राष्ट्र के प्रति समर्पण को, राष्ट्र की सेवा के संकल्प को कम नहीं कर सकते।

मैं जब इस इलाके में आता हूं, आपकी ट्राइब्स को जब मैंने देखा उनका कल्चर देखा, नागालैंड के अंदर गया मैं, हॉर्नबिल महोत्सव को देखा और जहां हेलीकॉप्टर उतरा उसके बारे में मुझे बताया गया कि वहां जीरो महोत्सव है। यह सब क्या बताता है आज का कार्यक्रम जिसकी किरेन जी ने व्याख्या की है कि हम लोग इकट्ठा क्यों होते हैं, प्रेम भाव क्यों बढ़ता है और यह हमारे जो उत्सव हैं यह उत्सव एक सांस्कृतिक विरासत के सृजन का संरक्षण का माध्यम है तो मैं आपसे यही कहना चाहूंगा कि आज के दिन हमारे राजस्थान के अंदर एक कहावत है एक त्यौहार होता है गणगौर और गणगौर का त्यौहार होता है उस पर कहा जाता है घोड़े दौड़ते हैं और कहावत बन गई गणगौरा पर घोड़ा दौड़ेगा तो कब दौड़ेगा। आज के दिन यदि अगर अरुणाचल नहीं उठेगा विकास की गंगा नहीं बहेगी तो कब बहेगी। आपकी किरण संसद की किरण है। आपकी किरेन वो सब करने में सक्षम है। आप देशहित में लगे रहिए और मेरे मन में कोई शंका नहीं है कि अरुणाचल जब एक बार आया हूं, तो दोबारा आने का मन किया और दोबारा आया हूं तो बार बार आने का मन करेगा। आप सबको ढेर सारी शुभकामनाएं और मेरी मान्यता है कि ऐसे कार्यक्रमों से हमारी संस्कृति आगे बढ़ती है भाईचारा आगे बढ़ता है। पाया लिंजो।

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