गृह मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में उत्तरपूर्वी परिषद (NEC) की 72वीं पूर्ण बैठक को संबोधित किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अपने विज़न और संवेदनशीलता के साथ नॉर्थईस्ट को विकास के केन्द्र में लाकर खड़ा किया

मोदी सरकार नॉर्थईस्ट के राज्यों की हर समस्या के समाधान के लिए उनके साथ खड़ी है

NEC विभिन्न क्षेत्रों की आवश्यकताओं व चुनौतियों को पहचान कर उनके प्रभावी समाधान देने का काम कर रही है और विकास की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा रही है

पूर्वोत्तर के विकास की गति बढ़ाकर इस क्षेत्र को शेष भारत के बराबर लाना मोदी सरकार का लक्ष्य

मोदी सरकार 'एक्ट ईस्ट, एक्ट फास्ट और एक्ट फर्स्ट' के मंत्र को चरितार्थ कर रही है

नॉर्थईस्ट के हर राज्य की पुलिस की अप्रोच, ट्रेनिंग और फोकस में परिवर्तन कर पुलिस की संस्कृति और दिशा बदलने का काम करें

गत 10 साल में नॉर्थईस्ट में हिंसक घटनाओं में 71% और नागरिकों की मृत्यु में 86% की कमी दर्ज की गई है और 10574 विद्रोहियों ने आत्मसमर्पण किया है

मोदी सरकार को अनेक शांति समझौतों के माध्यम से नॉर्थईस्ट में शांति स्थापित करने में सफलता मिली है

अब समय आ गया है कि नॉर्थईस्ट के हर नागरिक को संविधान प्रदत्त संपत्ति, सम्मान और परिवार के संरक्षण का अधिकार मिले, जो तीन नए आपराधिक कानूनों में शामिल हैं

पूर्वोत्तर के विकास को गति देने के लिए मोदी सरकार ने निवेशकों को आकर्षित कर नॉर्थईस्ट के लिए वैश्विक बाजार खोलने का काम किया है

Posted On: 21 DEC 2024 6:34PM by PIB Delhi

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में उत्तरपूर्वी परिषद (NEC) की 72वीं पूर्ण बैठक को संबोधित किया। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य राव सिंधिया, त्रिपुरा के राज्यपाल श्री एन इंद्रसेना रेड्डी, मुख्यमंत्री प्रो (डॉ.) माणिक साहा और केन्द्रीय गृह सचिव श्री गोविंद मोहन उपस्थित थे। बैठक में अरुणाचल प्रदेश असम एवं मणिपुर, मेघालय मिज़ोरम, नागालैंड और सिक्किम के राज्यपाल और अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मिज़ोरम, नागालैंड और सिक्किम के मुख्यमंत्रियों और मेघालय के सामुदायिक एवं ग्रामीण विकास मंत्री सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। 

 

अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में पूरे नॉर्थईस्ट के लिए पिछले 10 वर्ष बहुत महत्वपूर्ण रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी ने जिस प्रकार इस क्षेत्र को दुनिया के फोकस में लाकर खड़ा किया है, वह पूरे नॉर्थईस्ट के लिए युगांतकारी है। श्री शाह ने कहा कि लंबे समय तक ये क्षेत्र दिल्ली के लिए सिर्फ भाषणों का मुद्दा रहा था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी जी ने अपने विज़न और संवेदनशीलता के साथ इस क्षेत्र को विकास केन्द्र में लाकर खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में अभूतपूर्व इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के कारण जहां दिल्ली से पूर्वोत्तर की भौगोलिक दूरी कम हुई ही है, वहीं प्रधानमंत्री मोदी जी ने दिलों की दूरी को भी कम करने का काम किया है। 

श्री अमित शाह ने कहा कि जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने स्वयं नॉर्थईस्ट को प्रमुखता दी तो स्वाभाविक रूप से यह क्षेत्र पूरी केन्द्र सरकार की प्राथमिकता बन गया।आज हमारा नॉर्थईस्ट का क्षेत्र अनेक प्रकार की विविधताओं के बावजूद निरंतर विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि 10 साल पहले इस क्षेत्र के 200 से अधिक जनजातीय समूह और 195 से अधिक बोलियां और भाषाएं एक प्रकार से हमारी कमज़ोरी बनकर अलग-अलग तरह के विवादों का कारण बनी हुई थीं। लेकिन आज जब हम पीछे मुड़कर देखते हैं तो उसी कमज़ोरी को मज़बूती और ताकत में बदलने का काम मोदी जी ने किया है। उन्होंने कहा कि आज 200 से अधिक जनजातीय समूह अपनी सांस्कृतिक विविधता के कारण पूरी दुनिया के आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं और 195 से अधिक बोलियों और भाषाओं ने पूर्वोत्तर को विश्व के 36 बायोडायवर्सिटी हॉटस्पॉट्स में से एक बनाने का काम किया है।गृह मंत्री ने कहा कि अकेले पूर्वोत्तर में 7500 से ज़्यादा फूलों की किस्में हैं और कई प्रकार के वन्य और जल संपदा है। मोदी सरकार ने गत 10 साल में इन सारी प्राकृतिक विविधताओं को संजोकर इस क्षेत्र को एक पसंदीदा पर्यटन स्थल बनाने का बहुत महत्वपूर्ण प्रयास किया है। 

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने सबसे महत्वपूर्ण काम नॉर्थईस्ट में शांति स्थापित करने का किया है। पिछले 10 साल में अनेक शांति समझौते हुए हैं और लगभग 10574 हथियारबंद युवा आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हुए हैं, जिससे पूर्वोत्तर में शांति आई है और विकास की नींव पड़ी है। उन्होंने कहा कि मोदी जी के अष्टलक्ष्मी के कॉन्सेप्ट को आज पूरा देश व दुनिया स्वीकार कर रही है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज पूरा देश नॉर्थईस्ट के हर व्यक्ति औऱ राज्य की समृद्धि चाहता है ताकि पूर्वोत्तर देश के विकास में योगदान करता रहे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के 10 साल में इतनी सारी विविधताओं के साथ विकास के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए सभी प्रकार की मूल संरचनाएं खड़ी करने का काम हुआ है।गृह मंत्री ने कहा कि अब इस नींव पर एक बुलंद, मज़बूत और समावेशी विकास की इमारत खड़ी करने का समय आ गया है।उन्होंने कहा कि सरकार ने हमेशा नॉर्थईस्ट को प्राथमिकता दी है और पूर्वोत्तर के विकास की गति बढ़ाकर इस क्षेत्र को शेष भारत के बरारबर लाना मोदी सरकार का लक्ष्य है। श्री शाह ने कहा कि अटल जी की सरकार के समय DONER मंत्रालय की स्थापना की गई। मोदी जी ने पूरे मंत्रिमंडल को नॉर्थईस्ट का दौरा और वहाँ रात्रि निवास करने का आग्रह किया जिसके परिणामस्वरूप केन्द्रीय मंत्रियों ने यहाँ 700 दिनों से अधिक का रात्रि निवास किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी स्वयं 65 बार नॉर्थईस्ट आए हैं औऱ हर यात्रा के दौरान वे इस क्षेत्र के लिए विकास की सौगात लाए हैं। 

 

श्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने नॉर्थईस्ट की संस्कृति को संरक्षित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर की सबसे अधिक भाषाओं को आठवीं अनुसूची में शामिल करने का काम मोदी सरकार ने किया है। श्री शाह ने कहा कि अलग-अलग शांति समझौतों में भी केन्द्र सरकार ने पूर्वोत्तर की अलग-अलग बोलियों को ताकत देने और संजोने के साथ ही प्राथमिक शिक्षा पूर्वोत्तर की भाषा में दिए जाने का आग्रह किया है। इससे हमारी सांस्कृतिक विरासत को संजोकर रखने में बहुत बड़ा फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि अब देश के 5 ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बनने के प्रयासों को पूर्वोत्तर के विकास से एक बिग पुश देने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए Act East, Act Fast और Act First के मंत्र को चरितार्थ करने का काम DONER और North Eastern Council (NEC) कर रहे हैं।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि NEC ने पिछले 50 वर्षों में आकांक्षाओं, ज़रूरतों और चुनौतियों के संभावित समाधानों पर चर्चा का एक महत्वपूर्ण मंच बनकर पूर्वोत्तर के विकास की भाग्यरेखा बनने का काम किया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार और पूर्वोत्तर के राज्यों की नीतियों के बीच सामंजस्य में NEC की बहुत अहम भूमिका रही है, जिसके कारण विकास निचले स्तर तक पहुंचता है। गृह मंत्री ने कहा कि NEC ने विकास की योजनाएं तैयार करने, विभिन्न जनजातीय समूहों को विकास के साथ जोड़ने औऱ पूरे क्षेत्र को एक अलग दृष्टिकोण से देखकर नॉर्थईस्ट के विकास को रेखांकित करने का काम किया है।

श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने एक पॉज़िटिव इकोसिस्टम बनाने का काम कर लिया है और इसके आधार पर राज्यों और DONER मंत्रालय को निवेश का इकोसिस्टम बेहतर बनाना होगा। उन्होंने कहा कि कनेक्टिविटी अब समस्या नहीं है और विश्व के साथ कनेक्टिविटी भी समस्या नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के Enclaves Exchange के बाद पूर्वोत्तर को दुनिया के साथ जोड़ने का हमारा लक्ष्य बहुत जल्द ही हासिल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे पूर्वोत्तर में एक औद्योगिक इकोसिस्टम सुदृढ़ होगा और पूरी दुनिया का बाजार यहां पर निवेश करने वालों के लिए खुलेगा। श्री शाह ने कहा कि इसके लिए हर राज्य को अपने प्रयास मजबूत करने होंगे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार सभी निवेशकों को पूर्वोत्तर में निवेश के लिए प्रोत्साहित करती है 

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण के इकोसिस्टम के विकास के लिए तीन सेमीकंडक्टर यूनिट नॉर्थईस्ट में स्थापित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि लगभग 27000 करोड़ के निवेश इनमें से एक इकाई, टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट प्राइवेट लिमिटेड असम में स्थापित होगी जो अब तक का सबसे बड़ा निवेश होगा। उन्होंने कहा कि इससे 20000 प्रत्यक्ष रोजगार और 60000 अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि भविष्य की इस संभावना को ध्यान में रखकर भारत सरकार का शिक्षा मंत्रालय नॉर्थईस्ट के विश्वविद्यालयों के साथ इस प्रकार की शिक्षा और ज्ञान से लैस युवाओं के लिए कोर्स तैयार कर रहा है। उन्होंने कहा कि इससे हमारे नॉर्थईस्ट के आठों राज्यों के युवाओं के लिए बड़ी संख्या में नौकरियां पैदा होंगी। 

श्री अमित शाह ने कहा कि नॉर्थईस्ट के लिए बहुत जरूरी है कि यहां औद्योगिक निवेश आए और इस प्रयास को गति देने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि सिर्फ क्षेत्र और राज्य के विकास से नॉर्थईस्ट हमेशा शांत बना नहीं रह सकता, इसके साथ-साथ व्यक्ति, गांव और राज्य, तीनों के बीच विकास का सामंजस्य करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि व्यक्ति के विकास के लिए गांव का विकास सुनिश्चित करना है और इसके लिए इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के साथ-साथ दूध, सब्जी, अंडे, मछली और मांस उत्पादन में हमें आत्मनिर्भर बनना होगा। उन्होंने कहा कि ऑर्गेनिक प्रोडक्ट, दूध, सब्जी, अंडे और ही वे चीज़ें हैं जो इस क्षेत्र में व्यक्ति के विकास का कारण बन सकती है और जब तक हर व्यक्ति को हम समृद्ध नहीं करते, तब तक समृद्ध नॉर्थईस्ट की कल्पना नहीं कर सकते। 

 

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक रूप से पूरे नॉर्थईस्ट में ऑर्गेनिक खेती होती है। गृह मंत्री ने बैठक में उपस्थित सभी राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों और मुख्य सचिवों से आग्रह किया कि भारत सरकार द्वारा गठित National Cooperative Organics Limited (NCOL) का उद्देश्य कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक खेती करने वाले सभी किसानों को इससे जोड़कर पैकेजिंग, मार्केटिंग और एक्सपोर्ट के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करना है। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों को NCOL के साथ समझौता करना चाहिए और अपने राज्य के किसानों को इसके साथ साथ जोड़ना चाहिए, जिससे उनके ऑर्गेनिक उत्पाद  वैश्विक बाजार तक पहुंच सकेंगे। श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने नॉर्थईस्ट के हर राज्य में तीन और असम जैसे बड़े राज्य में हर जिले में एक ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन लैब स्थापित करने का निर्णय लिया है जिसके माध्यम से भूमि और कृषि उत्पाद, दोनों का विश्वसनीय ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन होगा। उन्होंने कहा कि अमूल और भारत ब्रांड के माध्यम से हम दुनियाभर में हमारे उत्पादों को पहुंचा सकेंगे। 

श्री अमित शाह ने कहा कि नॉर्थईस्ट में हर प्रकार की कनेक्टिविटी मोदी सरकार के लिए प्राथमिकता पर है। उन्होंने कहा कि मिशन पाम आयल में नॉर्थईस्ट के सभी राज्यों के विकास का एक बहुत बड़ा रास्ता बनने की संभावना है। उन्होंने कहा कि देश में तिलहन का उत्पादन कम है और हम अभी भी एडिबल ऑयल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर नहीं हैं, मिशन पाम आयल ही हमें इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना सकता है। श्री शाह ने कहा कि अब तक पूर्वोत्तर में 10 नई तेल मिलो का विकास करने का प्रस्ताव है। 

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने सुरक्षा के क्षेत्र में मल्टी डाइमेंशनल अप्रोच को अपनाया है और हर राज्य के लिए एक विशिष्ट रणनीति बनाकर पिछले 10 साल में हम आगे बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि इस रणनीति का ही परिणाम है कि पुलिस, सेना, असम राइफल्स और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों ने मिलकर नॉर्थईस्ट में एक बहुत अच्छी व्यवस्था स्थापित करने में सफलता पाई है। श्री शाह ने कहा कि पिछले 10 साल में नॉर्थईस्ट में हिंसक घटनाओं में 71% और नागरिकों की मृत्यु में 86% की कमी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि लगभग 10574 विद्रोहियों ने आत्मसमर्पण किया है और कई शांति समझौतों के कारण पूरे नॉर्थईस्ट में शांति स्थापित करने में भारत सरकार को सफलता मिली है।

श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने नशामुक्त भारत का अभियान चलाया है जिसमें नॉर्थईस्ट की विशिष्ट जिम्मेदारी है क्योंकि भारत में नारकोटिक्स आने का एक प्रमुख रास्ता नॉर्थईस्ट के राज्यों से होकर आता है। उन्होंने कहा कि विगत 6 साल में इस दिशा में काफी काम हुआ है लेकिन हमारी गति पर्याप्त नहीं है। गृह मंत्री ने बैठक में मौजूद सभी राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों से आग्रह किया कि वे जिले की निगरानी समिति की ज़िलास्तर की बैठक आयोजित करने पर बल दें और उसकी मॉनिटरिंग करें। उन्होंने कहा कि नशा आने वाली पीढियों को खोखला करता है और हमारा लक्ष्य भारत को पूरी तरह नशामुक्त बनाने का है और इस अभियान में नॉर्थईस्ट का बहुत बड़ा योगदान है। 

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि तीन नए आपराधिक कानूनों को पूरे नॉर्थईस्ट के सभी राज्यों में पूरी तरह लागू करने की तैयारियां हो रही हैं। उन्होंने कहा कि इन कानूनों पर पूरी तरह अमल होने के बाद किसी भी मामले में सुप्रीम कोर्ट तक 3 साल में न्याय मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि सालों तक हम आतंकवाद और हिंसा से जूझते रहे हैं तो सभी राज्यों की पुलिस का लक्ष्य ही हिंसा से मुक्ति पाने का रह गया था। उन्होंने कहा कि अब जबकि  नॉर्थईस्ट में से हिंसा लगभग समाप्त हो चुकी है, ऐसे में समय आ गया है कि नॉर्थईस्ट के हर नागरिक को संविधान प्रदत्त उसकी संपत्ति, सम्मान और परिवार के संरक्षण का अधिकार मिले, जो इन तीनों कानूनों में शामिल हैं। गृह मंत्री ने कहा कि अब नॉर्थईस्ट की पुलिस की संस्कृति और दिशा बदलने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि अब इस क्षेत्र में शांति है और हमारा ध्यान नागरिकों को उनके अधिकार मिलें, इस पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए नॉर्थईस्ट के हर राज्य की पुलिस की अप्रोच, ट्रेनिंग और फोकस में परिवर्तन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ये करने की पूर्व शर्त है कि  इन तीनों नए कानूनों का पूर्ण इम्प्लीमेंटेशन नॉर्थईस्ट के सभी राज्यों में हो जाए। गृह मंत्री ने बैठक में मौजूद सभी राज्यपालों से आग्रह किया कि वे स्वयं इसकी मॉनिटरिंग करें क्योंकि नॉर्थईस्ट में ये भाव खड़ा करना बेहद ज़रूरी है कि नागरिकों को एफ आई आर करने से न्याय मिलता है। उन्होंने कहा कि चार दशकों तक नॉर्थईस्ट के सभी राज्यों की पुलिस का पूर्ण फोकस उग्रवाद के साथ लड़ने पर रहा है, और, अब जबकि उग्रवाद नहीं है, तब हमें नागरिकों को उनके अधिकार प्रदान करने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हम ऐसा कर पाते हैं तो हम संविधान प्रदत्त अधिकार, जो पूरे देश के नागरिकों को मिलते हैं, नॉर्थईस्ट के नागरिकों को भी दे पाएंगे।

श्री अमित शाह ने कहा कि PM-DevINE योजना का आवंटन लगभग 6600 करोड रुपए था, लेकिन जल्द ही इसे बढ़ाकर हम 9000 करोड़ रूपए कर देंगे। उन्होंने कहा कि नॉर्थईस्ट के विकास के लिए सड़कें, विद्युत परियोजनाएं, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, खेल के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और पर्यटन परियोजनाएं मिलाकर लगभग 111 से ज्यादा परियोजनाएं हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 15 से नॉर्थईस्ट के लिए हमारे बजट में 153% की वृद्धि हुई है और बांस मिशन के माध्यम से पूरे पूर्वोत्तर को समृद्ध बनाने का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य हमने रखा है। श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार नॉर्थईस्ट में हर प्रकार की कनेक्टिविटी के लिए हरसंभव सहायता देगी और इसके लिए बजट की कोई कमी नहीं है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्रालय ने कहा कि रेल कनेक्टिविटी के लिए 81000 करोड रुपए और सड़क कनेक्टिविटी के लिए 41000 करोड़ रूपए की योजनाएं अब तक बन चुकी है। उन्होंने कहा कि 64 नए हवाई रूट शुरू किए गए हैं और बाकी बचा काम अगले 3 साल में पूरा कर लिया जाएगा। श्री शाह ने कहा कि नॉर्थईस्ट के राज्यों को NESAC का सबसे ज्यादा उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक विषम भौगोलिक स्थिति वाले 8 छोटे-छोटे राज्यों के विकास के लिए तकनीक का उपयोग नहीं करते हैं, तब तक डेवलपमेंट का फोकस तय नहीं कर सकते।

पूर्वोत्तर के राज्यों में बाढ़ की समस्या के बारे में गृह मंत्री ने कहा कि तकनीक के प्रयोग से नेचुरल कोर्स में रास्ते बनाने के माध्यम से रास्ते बनाने का बजट कम से कम 30% कम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ के पानी को डायवर्ट कर बड़े तालाब बनाकर पर्यटन, कृषि और बाढ़ से बचाने के तीनों लक्ष्य को सिद्ध कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि असम ने प्रायोगिक स्तर पर 15 बड़े तालाब बनाए हैं और सभी राज्यों को बाढ़ से निजात पाने और पानी के स्टोरेज के लिए इसका उपयोग करना चाहिए। श्री शाह ने कहा कि टेक्नोलॉजी के उपयोग से भ्रष्टाचार भी काम होता है और DBT को भी हम आगे ले जा सकते हैं 

श्री अमित शाह ने कहा कि सिर्फ शांत और समृद्ध पूर्वोत्तर ही पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक विविधता, कला, साहित्य और भाषाओं की पहचान और इनके अस्तित्व को संजोकर रखना न केवल पूर्वोत्तर बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार नॉर्थईस्ट के राज्यों की हर समस्या के समाधान के लिए राज्यों के साथ खड़ी है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जब 2047 में भारत पूर्ण विकसित होगा, तब देश का सबसे समृद्ध क्षेत्र हमारा पूर्वोत्तर होगा। 

 

*****

आरके / वीवी / आरआर / पीआर 



(Release ID: 2086814) Visitor Counter : 143


Read this release in: English