पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
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वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने व्यापक समीक्षा के बाद औद्योगिक, वाणिज्यिक, आवासीय, कार्यालय प्रतिष्ठानों सहित एनसीआर में सभी क्षेत्रों को जीआरएपी के अंतर्गत अवधि के लिए डीजल जेनरेटर (डीजी) सेटों के नियंत्रित संचालन हेतु संशोधित समय-सारणी को प्रभावी रूप से अपनाने के निर्देश दिए

डीजी सेटों पर नियमों के लिए संशोधित अनुसूची पूरे एनसीआर में
01.10.2023 से सख्ती से लागू होगी

दोहरी ईधन किट और/या ईसीडी के रेट्रो-फिटमेंट, जहां भी जरूरी हो, को 30.09.2023 तक पूरा करने का लक्ष्य होना चाहिए, ऐसा न करने पर किसी भी परिस्थिति में पूरे एनसीआर में डीजी सेट के उपयोग की अनुमति कहीं भी, यहां तक कि जीआरएपी प्रतिबंधों
के तहत नहीं आने वाली अवधि के लिए, भी नहीं दी जाएगी

Posted On: 08 JUN 2023 10:23AM by PIB Delhi

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में डीजल जेनरेटर (डीजी) सेटों के कारण होने वाले वायु प्रदूषण को व्यापक और प्रभावी ढंग से रोकने, नियंत्रित करने और कम करने के लिए, एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने, सभी संशोधित मौजूदा दिशा-निर्देशों/आदेशों/दिशा-निर्देशों के अनुरूप, एनसीआर में औद्योगिक, वाणिज्यिक, आवासीय, कार्यालय प्रतिष्ठानों आदि सहित सभी क्षेत्रों में डीजी सेटों के नियंत्रित संचालन के लिए संशोधित अनुसूची को अपनाने का निर्देश दिया है। संशोधित विवरण नीचे दी गई है:

 

क्र.सं.

डीजी सेटों की क्षमता सीमा

उत्सर्जन विनियमों के नियंत्रण के लिए अपनाई जाने वाली प्रणाली

उपयोग के लिए विनियम

  1.  

एलपीजी/प्राकृतिक गैस/बायो-गैस/प्रोपेन/ब्यूटेन पर चलने वाली सभी क्षमताओं के पॉवर जेनरेटिंग सेटों पर कोई प्रतिबंध नहीं

कोई नहीं

कोई प्रतिबंध नहीं

(जीआरएपी (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के तहत अवधि के दौरान भी)

  1.  

पोर्टेबल डीजी सेट (19 किलोवाट से कम)

कोई नहीं

जीआरएपी के अलावा कोई प्रतिबंध नहीं

 

जीआरएपी के तहत प्रतिबंध की अवधि के दौरान अनुमति नहीं दी जानी चाहिए

  1.  

19 किलोवाट से 125 किलोवाट से कम

दोहरा ईधन मोड

(प्राकृतिक गैस और डीजल)

जीआरएपी के अलावा अन्य अवधियों के दौरान कोई प्रतिबंध नहीं

 

जीआरएपी के तहत प्रतिबंधों के दौरान एक दिन में डीजी सेटों के संचालन के लॉग के व्यवस्थित रखरखाव के अधीन, अधिमानतः डिजिटल मोड में अधिकतम 2 घंटे चलाने की अनुमति दी जाए

  1.  

125 किलोवाट से 800 किलोवाट से कम

दोहरा ईधन मोड

और

प्रमाणित विक्रेताओं/एजेंसियों के माध्यम से रेट्रो-फिटेड ईसीडी

कोई प्रतिबंध नहीं

(जीआरएपी के तहत अवधि के दौरान भी)

  1.  

800 किलोवाट और इससे अधिक

दोहरा ईधन मोड

और

कोई अन्य उत्सर्जन नियंत्रण उपकरण/प्रणाली

स्टैक उत्सर्जन के अनुपालन के लिए सख्ती के अधीन

जीआरएपी के अलावा अन्य अवधियों के दौरान कोई प्रतिबंध नहीं

 

 

 

जीआरएपी के तहत प्रतिबंधों के दौरान एक दिन में डीजी सेटों के संचालन के लॉग के व्यवस्थित रखरखाव के अधीन, अधिमानतः डिजिटल मोड में अधिकतम 2 घंटे चलाने की अनुमति दी जाएगी

  1.  

दिनांक 03.11.2022 की एमओईएफसीसी की अधिसूचना संख्या क्यू-15017/05/2012-सीपीडब्ल्यू और जीएसआर 804() मानकों के अनुसार खरीदे गए 800 किलोवाट तक के सभी क्षमता के नए पॉवर जेनरेटिंग सेट

कोई नहीं

कोई भी प्रतिबंध नहीं

(जीआरएपी के तहत अवधि के दौरान भी)

 

इसके अलावा, डीजी सेटों के नियमन के लिए उपरोक्त उल्लिखित कार्यक्रम पूरे एनसीआर में 01.10.2023 से सख्ती से लागू होगा। दोहरी ईंधन किट और/या उत्सर्जन नियंत्रण उपकरणों (ईसीडी) का रेट्रो-फिटमेंट, जहां भी आवश्यक हो, को 30.09.2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा जाना चाहिए, इसमें विफल रहने पर किसी भी परिस्थिति में, पूरे एनसीआर में, यहां तक कि जीआरएपी प्रतिबंधों के तहत नहीं आने वाली अवधि में भी, कहीं भी डीजी सेट के उपयोग की अनुमति नहीं दी जाएगी।

आयोग को औद्योगिक संघों, वाणिज्यिक संस्थाओं, व्यापारिक संगठनों और व्यक्तियों से अभ्यावेदन प्राप्त हुए थे और औद्योगिक संघों और वाणिज्य मंडलों के साथ और विशेष रूप से विभिन्न तकनीकी-वाणिज्यिक और वित्तीय बाधाओं का उल्लेख करते हुए पूरे एनसीआर में एमएसएमई संघों के साथ वार्तालाप के दौरान इन मुद्दों पर बार-बार विचार-विमर्श किया गया है। तकनीकी, वाणिज्यिक और व्यावहारिक पहलुओं और डीजी सेटों से उत्सर्जन नियंत्रण में शामिल बाधाओं के मद्देनजर और निर्देशों के कार्यान्वयन के व्यावहारिक पहलुओं पर विचार करने एवं औद्योगिक सहित विभिन्न क्षेत्रों में डीजी सेटों के बड़े पैमाने पर उपयोग से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण को कम करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, वाणिज्यिक, संस्थागत और आवासीय इकाइयों/परिसरों में, डीजी सेटों के विनियमित उपयोग पर मौजूदा निर्देशों की व्यापक समीक्षा करने के पश्चात यह संशोधित कार्यक्रम तैयार किया गया है।

आयोग ने एक बार पुनः राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में डीजी सेटों की सभी क्षमताओं के लिए विक्रेताओं सहित संबंधित सभी हितधारकों से पूरे एनसीआर के सभी क्षेत्रों में डीजी सेटों के विनियमित संचालन के लिए संशोधित अनुसूची को सख्ती से अपनाने का आग्रह किया है। एनसीआर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी)/डीपीसीसी उपयुक्त सहमति सिस्टम और आवधिक निगरानी के माध्यम से उपरोक्त निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।

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