संस्‍कृति मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

अनंगताल की सफाई और सौंदर्यीकरण का कार्य अगले सप्ताह शुरू होगा

Posted On: 21 MAY 2022 5:39PM by PIB Delhi

राष्ट्रीय संस्मारक प्राधिकरण (एनएमए) का अनंग ताल, जोकि 11वीं सदी का एक स्मारक है, को पुनर्जीवित करने का मिशनउस समय सच हो गया जब डीडीए के उपाध्यक्ष श्री मुकेश गुप्ता ने अपनी पूरी डीडीए टीम के साथ इस भव्य जलाशय का दौरा किया और यह आश्वासन दिया कि इसकी सफाई तथा सौंदर्यीकरण का कार्य अगले सप्ताह शुरू हो जाएगा।

इस दौरे में राष्ट्रीय संस्मारक प्राधिकरण (एनएमए) के अध्यक्ष श्री तरुण विजय, डीडीए के उपाध्यक्ष श्री मुकेश गुप्ता, आयुक्त सुश्री मनीषा एवं श्री राजीव तिवारी और लगभग एक दर्जन अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/AnangTalInspectionbyDDANMAFURY.jpg

उन्होंने उस इलाके का विस्तृत सर्वेक्षण कियाऔर 1200 साल पुरानी इस ऐतिहासिक लघु झील में नालियों का पानी गिरने के अलावा कई अतिक्रमण पाए गए। इस झील को दिल्ली के संस्थापक शासक महाराजा अनंग पाल तोमर ने 1052 ईस्वी में महरौली इलाके में प्रसिद्ध 27 हिंदू-जैन मंदिरों के पीछे बनवाया था। अनंग पाल के विष्णु मंदिर के सामने स्थित विष्णु गरुड़ध्वज (लौह स्तंभ के रूप में लोकप्रिय) एक धार्मिक ध्वज था। बाद में इन मंदिरों को कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा ध्वस्त कर दिया गया और इसके अवशेषों का इस्तेमाल जामी मस्जिद के निर्माण के लिए किया गया, जिसे बाद में कुव्वतुल इस्लाम मस्जिद के रूप में जाना जाने लगा।

राष्ट्रीय संस्मारक प्राधिकरण (एनएमए)  के अध्यक्ष श्री तरुण विजय ने कहा कि अब ऐतिहासिक सत्य को उजागर करने का समय ​​​​है और यह खुशी की बात है कि राष्ट्रीय संस्मारक प्राधिकरण दिल्ली के संस्थापक राजा से जुड़े तथ्यों को सामने लाने में सफल रहा है। इस शहर को पहले ढिल्लिकापुरी के नाम से जाना जाता था, जैसा कि लॉर्ड कनिंघम द्वारा खुदाई के दौरान मिले पत्थर के शिलालेखों से पता चलता है। पत्थर के ये शिलालेख ब्रिटिश काल के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई)के अधिकारियों को नई दिल्ली के निर्माण के दौरान पालम, नारायणा और सरबन (रायसीना) में मिले थे।

उन्होंने कहा कि दिल्ली कब्रिस्तानों का शहर नहीं है जैसा कि बतायाजाता है, बल्कि यहआनंद, कला, संस्कृति और सिख गुरु तेगबहादुर साहब तथा बंदा सिंह बहादुर, बाबा बघेल सिंह, मराठा प्रमुख महादाजी शिंदे जैसे योद्धाओं के बलिदानों का एक महान शहर है, जिन्होंने दिल्ली को जीता और मुगलों को हराया।

अनंग ताल में खुदाई 1993 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा अनुभवी पुरातत्वविद् डॉ. बी. आर. मणि के मार्गदर्शन में की गई थी। इस इलाके का विस्तृत सर्वेक्षण नक्शाएएसआई के पास है। इस नक्शे में ताल की ओर जाने वाली सुंदर सीढ़ियां और इनके माप शामिल हैं।

*****

एमजी/एएम/आर/सीएस



(Release ID: 1827223) Visitor Counter : 224


Read this release in: English , Urdu , Tamil